RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका रवि की बात सुन कर उसकी ओर अपनी पीठ करके मंद-मंद मुस्कुराती हुई, हे भगवान इसका दिमाग़ कितना तेज चलता है, इससे पार पाना बहुत मुस्किल है, इसे मैं कुछ कहती नही फिर भी यह मेरे मन की बात जान लेता है
रवि अलका के पीछे चलता हुआ,
दीदी तुम यही सोच रही हो ना कि मैं तुम्हारे मन की बात कैसे जान गया,
अलका रवि को मूह फाड़ कर देखने लगती है,
रवि- दीदी इसी को प्यार कहते है,
अलका के पास रवि की बातों का कोई जवाब नही होता है और वह चुपचाप मुस्कुराते हुए अपना सर नीचे झुकाए चलती
रहती है.
रवि, अलका को लेकर घर पहुचता है
अगली दिन सनडे था रवि शहर चला जाता है और अलका घर पर रह जाती है रवि जब शाम को घर आता है तो अलका घर पर अकेली थी रति और बिरजू कहीं गये हुए थे
रवि जब शाम को घर पहुँचता है तो अलका का चेहरा दमकने लगता है
अलका रवि को मुस्कुरा कर घूरते हुए, किचन मे चली जाती है और अपना मूह दूसरी ओर कर लेती है, रवि जाकर अलका को पीछे से जाकर अपनी बाँहो मे भरता हुआ,
रवि- दीदी तुम मुझे मिस कर रही थी ना,
अलका- मुस्कुरा कर नही
रवि- दीदी कभी तो सच बोल दिया करो
अलका- तुझे क्या पता कि मैं सच बोल रही हूँ कि झूठ
रवि- तुम झूठ बोल रही हो
अलका- वो कैसे
रवि- क्यो की तुम अगर सच कह रही होती तो दूसरी ओर मूह नही करती
अलका- वापस घूम कर उसकी आँखो मे देखती हुई, तेरे लॉजिक बिल्कुल आशिको जैसे है,
रवि- और तुम्हारी हरकते बिल्कुल मेरी बीबी जैसी है,
अलका- मूह बना कर बड़ा आया बीबी बनाने वाला
रवि- दीदी मैं तुम्हारे लिए कुछ लाया हूँ,
अलका- खुस होती हुई क्या
रवि- पहले अपने रूम मे चलो वही दिखाता हूँ
अलका- उसका हाथ पकड़ कर चल
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