RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका- रवि क्या कर रहा है जो करना है जल्दी कर मैं कब तक आँखे बंद रखूं,
रवि- अच्छा करता हूँ आप आँखे बंद कर लो,
अलका, रवि को मुस्कुरा कर देखते हुए अपनी आँखे फिर बंद कर लेती है, रवि समझ जाता है कि उसकी दीदी मरी जा
रही है लेकिन उपर से नखरा कर रही है, रवि अलका के कान के पास अपने मूह को लाकर उसे बिना छुए,
रवि- दीदी
अलका- हूँ
रवि- दीदी आज मूड कॅन्सल, नही करना मुझे किस
अलका अपनी आँखे खोलकर, क्यो क्या हुआ,
रवि- बस ऐसे ही मेरा मन नही हो रहा, मैं जा रहा हूँ अपने रूम में सोने,
रवि बेड से उतार कर जाने लगता है तो अलका का चेहरा मुरझा जाता है,
अलका- रवि
रवि - वापस पलट कर, हाँ दीदी
अलका- तू मुझसे गुस्सा हो गया क्या,
रवि- मुझे क्या हक है आपसे गुस्सा होने का,
अलका- पर मैने तो तुझे किस करने के लिए हाँ कह दिया था ना, फिर किस बात के लिए तू मुझसे गुस्सा हो गया,
रवि- मूह बनाते हुए, दीदी क्या किस करने भर से रात को मुझे नींद आ जाएगी,
अलका- रवि को आँखे फाड़ कर देखती हुई, तो और क्या करना चाहता है तू मेरे साथ,
रवि- क्या फ़ायदा दीदी आपको बताने से आप करने तो देती नही,
अलका- कुछ सोच कर, बेड से नीचे उतर कर रवि के पास जाकर उसके सीने मे अपने सर को रख कर, देख रवि मुझे
समझने की कोशिश कर और मुझसे ऐसे नाराज़ ना हुआ कर, प्लीज़ मुझे समझने की कोशिश कर और अलका एक दम
सीरीयस हो जाती है,
रवि को लगता है कि अभी उसकी दीदी का मन भावुक है इसलिए उसे शांति से कम लेना चाहिए और वह अलका का चेहरा
उठाकर उसकी आँखो मे देखता हुआ,
रवि- दीदी मैं आप से कहाँ नाराज़ हूँ मैं तो मज़ाक कर रहा था,
अलका- मुस्कुरा कर सच्ची,
रवि- मुस्कुरा कर मुच्चि
और दोनो खिलखिलाकर हँसने लगते है, रवि अलका को गले लगा लेता है यह वह समय था जब उन दोनो के उपर सेक्स से भी ज़्यादा हावी उनका प्यार था, रवि अलका को अपने सीने से लगाए उसके गालो को अपने होंठो से चूमता हुआ, दीदी इ लोवे यू, और अलका को छोड़कर- चलो अब आप भी सो जाओ मैं भी अपने रूम मे जाकर सो जाता हूँ,
अलका- मुस्कुराते हुए रवि को देखकर- रवि
रवि- हाँ दीदी
अलका- मेरे साथ सोएगा,
रवि- खुश होता हुआ ये आज सूरज पश्चिम से कहाँ से निकल आया, क्यो नही दीदी नेकी और पूछ-पूछ
अलका- लेकिन रवि तुझे एक वादा करना होगा,
रवि- वह क्या
अलका- यही कि तू मुझसे कोई शरारत नही करेगा,
रवि- दीदी भला ऐसा कभी हो सकता है कि कोई हूर की परी मेरे साथ अपनी रात बिताए और मैं उसके साथ कोई शरारत ना करूँ,
अलका- रवि को मुस्कुरा कर धकेलते हुए तो फिर जा भाग अपने रूम मे जाकर सो,
रवि- अरे दीदी मैं तो मज़ाक कर रहा हूँ,
अलका- नही मुझे तेरा कोई भरोशा नही है तू कुछ भी कर सकता है,
रवि- नही दीदी विश्वास करो मैं कुछ भी नही करूँगा,
अलका- नही रवि और कभी आज नही
रवि- ठीक है दीदी जैसी तुम्हारी मर्ज़ी और उसे गुड नाइट कह कर अपने रूम मे चला जाता है
रवि अपने रूम मे जाकर लेटे हुए सोचता है, कब तक ऐसे ही चलता रहेगा, दीदी के बिना मुझे एक पल चैन नही आता
है और दीदी है कि कुछ कहती ही नही, अब मुझसे नही रहा जा रहा अब मुझे कोई ना कोई कदम उठाना ही पड़ेगा,
अलका अपने बेड पर लेटे हुए अपने आप को कोसते हुए मैने रवि को इतनी जल्दी क्यो जाने दिया, रवि के बिना तो एक पल नही गुज़रता पता नही मेरी जिंदगी मे क्या होने वाला है, अलका यही सब सोचते हुए सो जाती है,
|