RE: bahan ki chudai बहन का दर्द
अलका -भाड़ मे जाए दुनिया मुझे नही देखना मतलब नही देखना,
रवि- अच्छा बाबा मत देखो लेकिन एक बार मुझे तुम तो नंगी होकर दिखा दो,
अलका- रवि की और आँखे दिखाते हुए, तुझे शर्म नही आएगी अपनी बहन को नंगी देखने मे,
रवि -अरे दीदी मैं तो कब से मरा जा रहा हूँ तुमको नंगी देखने के लिए, पर तुम हो कि अपने भाई का कोई ख्याल ही नही,
अलका- ज़्यादा तुझे नंगी देखने का शोक है तो अपनी बीबी को देखना मुझे नही,
रवि-दीदी मैं तुम्हे ही तो अपनी बीबी बनाना चाहता हूँ,
अलका -मुझे नही बनना तेरी बीबी,
रवि- दीदी एक बार बन के देखो तुम्हे जन्नत की सेर ना करा दी तो कहना, तुम्हे पता है कितना मज़ा आता
है उन सब मे,
अलका- क्यो तुझे बड़ा एक्सपीरियेन्स है कहाँ अपना मूह काला किया है,
रवि-दीदी अभी तक तो नही किया पर तुम्हारे साथ करना चाहता हू,
अलका- रवि तू चुप रहेगा, बेशर्मी की भी हद होती है अपनी बहन से ही ऐसी अनाप सनाप बाते कर रहा है, हालाँकि अलका को भी उसकी बातों मे काफ़ी लुफ्त आ रहा था और उसकी चूत कुछ गीली भी हो गई थी,
रवि-अच्छा दीदी एक बात पुछु सच सच बताना,
अलका- पूछ,
रवि -दीदी तुमने कभी लड़को का वो देखा है,
अलका- झेप्ते हुए रवि तू नही मानेगा मैं जा रही हूँ
और उठ कर जाने लगती है तो रवि उसका हाथ पकड़ कर वापस बैठाते हुए, अच्छा नही पूछता बैठ जाओ, अलका वापस बैठ जाती है,
रवि-दीदी तुम्हे मालूम है तुम कितनी खूबसूरत हो,
अलका- मुझे नही मालूम,
रवि-दीदी कभी तुम पूरी नंगी होकर सीसे के सामने अपने आप को देखना तब तुम्हे पता चलेगा कि तुम्हारा भाई तुम पर क्यो मर मिटा है,
अलका- मुझे नही देखना,
रवि-दीदी तुम ज़रूर देखोगी मैं जानता हूँ,
अलका- मैं नही देखूँगी,
रवि -अच्छा बाबा मत देखना लेकिन थोड़ा मेरे पास सरक कर तो बैठ जाओ,
अलका- नही मैं यही ठीक हूँ,
रवि अलका का हाथ पकड़ कर खिचते हुए प्लीज़ दीदी आओ ना,
अलका थोड़ा सा सरक जाती है, रवि भी थोड़ा सरक कर उसके पास आ जाता है अब दोनो की जांघे एक दूसरे से टच होने लगती है,
रवि-दीदी मैं तुम्हारे लिए एक गिफ्ट लेना चाहता हूँ तुम पहनॉगी,
अलका -क्या गिफ्ट,
रवि -पेंटी,
अलका- नही,
रवि -क्यो तुम पेंटी नही पहनती,
अलका- तुझे उससे क्या मैं पहनु या ना पहनु,
रवि -दीदी मतलब है क्यों क़ी मैं उसे उतारना चाहता हूँ...
अलका..हट बेशरम,
रवि-तुमने अभी पेंटी नही पहनी है,
अलका उसे घूर कर आँखे निकाल कर देखती है,
रवि -दीदी तुम जब मुझे ऐसे देखती हो ना तो मेरा दिल करता है कि तुम्हारे रसीले होंठो को चूम लूँ,
अलका अपनी नज़रे नीचे कर लेती है,
रवि- दीदी जब तुम ऐसे शरमाती हो तो लगता है कि तुम्हे अपनी बाहों मे भर लूँ,
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