RE: Maa Sex Kahani हाए मम्मी मेरी लुल्ली
राहुल नहाकर बाथरूम से बाहर आता है और रिमोट उठाकर टीवी चैनल चेंज करने लगता है। एक म्यूजिक चैनल लगाकर वो आईने के सामने अपने बाल सँवारने लगता है। उसने कमर पर तौलिया लपेटा हुआ था। वो अभी सोच ही रहा था के के ऊपर जाकर अपने पहनने के लिए कपडे ले आये के तभी कमरे के दरवाजे पर नोकिंग होती है। राहुल दरवाजा खोलता है तोह सामने सलोनी दोनों हाथों में ढेर सारा सामान पकडे खड़ी थी। एक हाथ में गिलास और दूध और दूसरे में एक प्लेट में सैंडविच रखे हुए थे वो अभी भी पूरी नंगी थी।
"नहा लिया तुमने?" सलोनी बेड पर सामान रखते पूछती है। दोनों प्लेट्स और गिलास रखने के लिए उसे हल्का सा झुकना पढता है और राहुल जो उसके पीछे खड़ा था तरुंत अपनी निगाह सलोनी की हलकी सी चौड़ी टांगों के बिच उसकी चुत पर मारता है। सलोनी की चुत के होंठ एकदम बंद थे और उसकी चुत से उसका वीर्य बेहता हुआ निचे उसकी जांघो तक चला गया था। सलोनी ने अभी तक उसका वीर्य भी साफ़ नहीं किया था।
"मैंने केहा नाहा लिया तुमने" सलोनी सामान रखकर पीछे घुमति है और राहुल के चेहरे को देखकर उसे माजरा समज में आ जाता है।
"तुम मरद लोग भी न बस चुत के सिवा तुम्हे कुछ और नज़र ही नहीं आता" सलोनी रहल को डांटने के स्वर में केहती है और हाथ आगे बढाकर उसका तौलिया कमर से खींच लेती है। राहुल पूरा नंगा हो जाता है। उसका लौडा आधा सखत हो भी चुका था। सलोनी बेटे के लंड को देखति हताशा में सर घुमाति है।
"मैं नहाकर आती हुण। तुम सैंडविच खाओ गरमा गरम" सलोनी तेज़ी से बाथरूम की और बढ जाती है और राहुल की नज़र अपनी मम्मी की गण्ड का तब तक पीछा करती है जब तक के वो बाथरूम के अंदर दाखिल नहीं हो जाती। वो अपने तेज़ी से सखत हो रहे लंड को पकढ़ कर झटका देता है। उसे अब सैंडविच की भूख नहीं थी, उसे तोह अब बास एक ही चीज़ चाहिए थी जिससे उसकी भूख मिटने वाली थी और वो थी अपनी मम्मी की चुत।
सलोनी को बहुत ज्यादा समय नहीं लगा नहाने में। कोई दस् मिनट बाद वो बाथरूम से अपने बाल तौलीये से सुखाते हुए निकलती है। वो अब भी पूरी नंगी थी। वो रहल की और देखति है जो अपनी जांघो पर तकिया रखे बेड की पुशत से टेक लागए बैठा टीवी देख रहा था या फिर टीवी देखने की कोशिश कर रहा था। सलोनी के अंदर घुसते ही उसकी नज़र फिर से अपनी मम्मी के दूधिया, गुदाज़ बदन पर घुमने लग्ग जाती है। सलोनी बाहें ऊपर उठाये अपने बालों को तौलीये से रगढ रही थी, इस्लिये उसके मोठे मुम्मे भी कुछ ऊपर उठे हुए थे। और उसकी बाहें हिलने के कारन तेज़ी से ऊपर निचे उछाल रहे थे। राहुल अपनी मम्मी के उन रसीले मुम्मो को को यूँ उचलते देखता है तोह उसके मुंह में पाणी भर जाता है। सलोनी अपना मुख आईंने की और मोड कर खड़ी हो जाती है और झुक कर ड्रावर को खोलती है।
राहुल अपने सामने अपनी मम्मी की छूट और उसकी गण्ड का छेद साफ़ साफ़ देख सकता था। हालाँकि उसकी चुत के होंठ बंद थे मगर चुत का यूँ बेपरदा होना ही उसको तडपा देणे के लिए काफी था। मगर सलोनी ज्यादा समय तक्क झुकि नहीं रही और ड्रावर से हेयर ड्रायर निकाल कर अपने बाल सुखाने लगती है। राहुल के सामने अपनी माँ के गोल मटोल नितम्ब थे। बिलकुल कसी करारी गण्ड थी सलोनी कि, किसी भी मरद का देखते ही पाणी निकल जाए। उसकी गोरी पीठ से जेहा उसके नितम्ब सुरु होते थे बिलकुल वहा को गोलाकार कर्व में उसके नितम्ब उभरे हुए थे। राहुल उन्हें देखते याद करता है के उसके मम्मी ने कोकोनट आयल भी ख़रीदा है ताकि वो राहुल का लम्बा मोटा लौडा अपनी टाइट गण्ड में आसानी से ले सक। राहुल के दिमाग में जैसे ही वो विचार आता है और वो अपने मन में अपनी माँ की गण्ड में अपना लौडा घुसाने की कल्पना करता है तो उसका लौडा तकिये के निचे एक ज़ोरदार झटका मरता है। राहुल उत्तेजना में अपने लंड पर तकिया दबाकर उसे हलके से मसलता है।
सलोनी आईने में से बेड पर बैठे राहुल की हरकतों को देख रही थी। जब्ब वो ड्रायर उठाने के लिए निचे झुकि थी उसने सर उठकर राहुल को उसकी जंगो के बिच झाँकते देखा था। अब भी जब्ब वो इतने समय से उसके दूधिया नितम्बो को घूर रहा था और जब्ब राहुल लौडे पर तकिया दबाकर उसे मसलता है तोह सलोनी के होंठो पर मुस्कान खेल जाती है। उसके निप्पल्स में कुछ तनाव आने लगता है और वो अपनी चूत को भीगते महसूस करती है। वो समज सकती थी के तकिये के निचे राहुल का लंड कैसे फुंकार रहा होगा।
सलोनी ड्रायर को वापस ड्रावर में डाल अपने बालों पर एक रबड़ बांद डालती है और बेड पर चढ़ अपने बेटे के पास चलि जाती है। उसके बदन पर उस रबड़ बंद के शिव सके कानो के झुम्के और नाक की बलि थी। सारा सामान यूँ का यूँ पड़ा हुआ था। राहूल ने किसी चीज़ को हाथ तक्क नहीं लगया था। सलोनी भी बेड से पुशत लगाकर राहुल से एकदम सट कर बैठ जाती है। राहुल का लंड अपनी मम्मी के बदन की गर्मी और उसके जिसम से नहाने के बाद आ रही ताज़ी मेहक से और भी ज़ोरों से फड़कने लगता है। सलोनी हाथ आगे बढाकर खाने के सामान को अपने पास खींच लेती है।
" मैंने तुझे केहा था तू गरमा गरम सैंडविच खा लेना?"
"मम्मी मेरा अकेला खाने का मनन नहीं किया मैने सोचा आप आ जायो फिर एक्कठे खाते हैं।"
राहुल की बात पर सलोनी झटके से राहुल की गोद से तकिया पकड़ कर खींचती है और उसे अपनी पीथ पीछे लगा लेती है। सामने राहुल का लौडा पत्थर की तरह सखत होकर आसमाँ की तरफ मुंह उठाये खडा था। राहुल "मम्मी" कहकर अपना विरोध जताता है।
"मइने तुझे खाने के लिए कहा था और तू इसे फिर से खडा करने में लगा है?" सलोनी राहूल को डाँटती है।
"मइने कब्ब इसे खडा किया अब आप हो ही इतनी सुन्दर और ऊपर से यूँ नंगी होकर आगे पीछे घूमोगी तोह खडा ही होगा ना" राहुल भोलेपन से केहता है।
"बाते बहुत बनाने लगा है तु" सलोनी राहुल की और सैंडविच बढाती केहती है।
"यह मम्मी बातें नाहि, आप सच में इतनी सुन्दर हो के मेरा बैठने का नाम ही नहीं लेता" रहल सैंडविच लेकर खाने लगता है।
"चल चल, ज्यादा माखन न लगा। मझे मालूम है कितनी सुन्दर हुन मैं!" सलोनी मुस्कराते हुए खुद भी सैंडविच खाने लगती है। सैंडविच ख़तम होते ही वो दोनों गिलास में दूध डाल कर राहुल की और बढा देती है। राहुल गिलास पकड़ तेज़ी से दूध पिने लगता है। वो फ़टाफ़ट खाना ख़तम करने की कोशिश में था ताकि अपनी मम्मी के रसीले बदन का रस्स पि सके जिसके लिए वो तरसा हुआ था।
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