RE: Porn Sex Kahani रंगीली बीवी की मस्तियाँ
साला ठरकी बुड्डा एक तरह तो मुझे चोदने के ख्वाब रखता है और दूसरी तरफ मुझे बड़े ही प्यार से बाहुरानी बुला रहा है,मैं उसे कुछ शब्दो में तो नही कहा,उसकी आंखे मेरी आंखों में गड़ी जा रही थी,हा प्यारे एक नॉकर था,और उसकी उम्र भी थोड़ी ज्यादा थी लेकिन था बड़ा ही सॉलिड टाइप का मर्द ,आर्मी में रहा था और कई दिनों तक खेती की थी,शाररिक परिश्रम का असर उसके व्यक्तित्व पर दिखता था वो भी कोई मिश्रा जी की उम्र का था,45-50 लगभग ,लेकिन मिश्रा जी से बहुत ही ताकतवर था,उसके मसल्स अभी भी गठीले थे,छाती के बाल पसीने से भीग कर मर्दानगी की खुसबू छोड़ते,और जैसे वो रेणु के साथ सेक्स करता था उसकी स्टेमना पर भी मुझे ताजुब्ब होता था,हा मैं उसके प्रति थोड़े आकर्षित तो महसूस करती थी ,ये गलत था,अब मैं शादी शुदा लड़की थी ,जिसका पति अभी अभी उसे निचोड़कर बिस्तर में सोया हुआ है,और मैं एक नॉकर के कमरे में उसके साथ ऐसी बाते कर रही हु,.......
हा ये गलत तो था,लेकिन बड़े पाप का मजा भी बड़ा होता है,मैं प्यारे को बस टिस करना चाहती थी ,लेकिन उसके प्रति मेरा आकर्षण मेरे योनि से बहते पानी से मुझे आभास होने लगा था,वो एक गर्म सांसे छोड़ कर वहां से जाना चाहती थी लेकिन अपने ही बात में फंस चुकी थी ,मैं अपने खयालो में ऐसे खोई थी की मुझे आभास नही हुआ की वो अभी अभी मेरे पास बैठा है,और उसने मुझसे कुछ पूछा है,मैं सही और गलत के फेरे में फसी हुई थी,
“अरे बताइये ना की रेणु ने आपसे क्या कहा “वो मेरे कंधे पर हाथ रखता है
“आप ठीक तो हो “
ये उसका ऑफिसियली मुझपर किया पहला स्पर्श था,मैं होशं में आयी,मेरी सांसे थोड़ी उखड़ रही थी,पता नही इस स्पर्श में क्या था ,या मेरे मन में एक दबी हुई कोई आकांक्षा थी जो फुट पड़ी थी,मेरी योनि ने अपने पानी का रिसाव बड़ा दिया था ,जैसे उसे आशंका हो की कोई कड़ा सा रॉड मेरे अंदर जाने वाला हो ,लेकिन ऐसा नही होने वाला था,मेरे मुह से एक आह निकलने से रह गई थी,योनि में वही खुजली होनी शुरू हो गई थी जिसकी मैं आदी हो चुकी थी,मैं वहां से निकल जाना चाहती थी ,मैं एक नॉकर के सामने बेआबरू नही होना चाहती थी,मेरे दिमाग ने मुझे रोका था,अगर मैं अभी शादी शुदा नही होती और किसी पार्टी में किसी हेंडसम लड़के के साथ होती तो मैं उसेके नीचे रात भर खुद को रगड़ाती रहती,लेकिन अब माहौल ही कुछ दूसरा था,मैं ऐसे किसी से भी अपने को मसला नही सकती थी,ये अलग बात है की मैं अभी भी चाहती थी की कोई मुझे जोरो से बिस्तर में रगड़ कर रख दे ,खुजली बढ़ने लगी थी और अब मेरे सामने योनि में उंगली डालने के सिवा कोई चारा भी नही था,मैं उठने वाली थी,लेकिन प्यारे को भी मेरे सांसो का पता चल गया ,उसे समझ आ गया था की मैं गर्म हो चुकी हु,उसने एक चांस लेने की सोची ,वो अपना हाथ मेरे पीठ से होता हुआ मेरे कंधे तक ले गया,और उस अपने हथेलियों से मसलने लगा,
“बताओ ना क्या कहा रेणु ने “
इसबार उसकी आवाज में अजीब सा हरामीपन था,जैसे वो जानता था की मैं कुछ नही कह पहुंगी लेकिन उसे याद कर गर्म हो जाऊंगी ,लेकिन मेरी खुजली और मन के उथलपुथल ने ऐसे भी मेरे दिमाग की मा बहन कर रखी थी,मैं उठी और उसके गालो में एक जोरदार थप्पड़ मारा ,मुझे अपनी ऊर्जा को बाहर निकलने का ये नया जरिया मिल गया था,गुस्सा ….
“तुम्हे शर्म नही आती एक शादी शुदा लड़की के साथ ऐसा करने से,और मुझे पूछते हो की क्या कहा उसने तुम्हे नही पता क्या की क्या कहा उसने मुझे ,मैं साफ साफ बता देती हु काका मेरे घर में ये सब नही चलेगा ,वरना मैं विकास जी को ये सब बता दूंगी और आपकी नॉकरी गई समझो ….आप अकेले है इसका मतलब नही की एक जवान शादी शुदा लड़की के साथ …….आपके बच्चों की उम्र भी उससे बड़ी है “
वो बस मुझे ऐसे देखने लगा जैसे की वो कोई ख्वाब देख रहा हो ,उसे तो समझ ही नही आ रहा था की आखिर सच क्या है,पहले वाला सीन सच था जिसमे मैं एक नाजुक सी ,शरमाई सी ,और बेकाबू होती काजल थी ,या अभी अभी वाली काजल सच है जो की उसके गालो में थप्पड़ मार कर उसे चेतावनी दे रही है,वो बस मुझे देखने लगा ,और मैं वहां से जल्दी से अपने कमरे में भागी,मैं बाथरूम में जाकर जल्दी से अपनी नाइटी को ऊपर कर अपनी पेंटी निकाल फेकी ,वो बहुत ही गीली हो चुकी थी मैं ने अपनी दो उंगलिया अपने योनि में डाली ,सच में गर्म गर्म योनि थी मेरी ,जैसे कोई भट्टी तप रही हो ,मैं उंगलियों को अंदर बाहर करने लगी ,मेरी आंखे बंद हो गई ,मैं बाथरूम के फर्श पर बैठ गई थी,टांगे फैला कर जितना उंगली अंदर जा सकता था किया,मुझे जल्दी से झडना था,शांत होना था,मेरी आंखे बंद हुई और पहली तस्वीर आई प्यारे की ,
“मेमसाहब आह “जैसे वो मुझे चोद रहा हो जोर जोर से ,मैं अपनी सांसो को सम्हालते हुए विकास जी को देखने की कोसीसे करने लगी लेकिन बार बार प्यारे विकास जी की जगह में आ जाता था,आखिर मैंने अपने को छोड़ दिया और अपने खयालो में ही प्यारे से कुतिया बने चुदने लगी,जैसे मुझे लगा की वो मेरी कमर को पकड़े हुए मुझे जोर जोर से धक्के मार रहा हो और मैं चिल्ला रही हु ,
“आह प्यारे साले कुत्ते क्या कर दिया तूने अब चोद चोद मादरचोद “
मैं ये सच में बोल रही थी ,बाथरूम के अंदर अच्छा था की विकास जी गहरी नींद में थे वरना मेरे मुह से ये सब सुनकर ना जाने उनके ऊपर क्या बीतती ,
“चोद मादरचोद चोद …”
“हा मेडम मेरी बाहुरानी तेरी चूत फडूंगा आह …”
मेरे कान अपने आप ही प्यारे की आवाज को दोहराने लगे ,
“हा मादरचोद बुड्ढे साले कुत्ते चोद चोद “मानो मैं रोने लगी मेरी उंगली बहुत ही तेज हो गई थी मैं झरने वाली थी .
“आहहहहहहहह ओ ह आआआआ ओ ह “
मैं इतने जोरो से झड़ गई,और जैसे मैं मुर्दा सी हो कर वही पड़ी रही ,कुछ देर बाद जब मुझे होश आया की मैंने क्या किया है तब मेरे होठो में बस एक मुस्कान थी ,वहां मुझे कोई भी देखने वाला नही था लेकिन मेरी आंखों में शर्म आ गई थी……..
“तुम लोग समझ के क्या रखे हो मुझे मैं क्या कोई रंडी हु “
रेणु की बात से मेरा दिमाग फटा जा रहा था,ना जाने प्यारे ने उसे क्या पाठ पढ़ा के रखा था की सुबह से ही वो प्यारे के बारे में बोले जा रही थी,वो मुझे ये समझने की कोसीसे कर रही थी की प्यारे कितना अच्छा मर्द है और मैंने जो उसे थप्पड़ मारा वो गलत था,
“नही दीदी मैं ये कब बोली “
“तो और क्या बोलना चाहती है कि तेरी तरह मैं भी उसके साथ वो सब करू,तेरा पति नामर्द है तो मेरी क्या गलती है,”
मेरा दिमाग खराब होने लगा था
“अरे दीदी आप तो बुरा मान गई ,वो …….,वो मैं …….,वो मैं ये बोलना चाहती थी की वो इतना बुरा भी नही है जितना आप समझती है ,वो अच्छा इंसान है ,,वो भी अपने किये पर शर्मिंदा है लेकिन वो चाहता है की आप विकास जी से उसकी शिकायत मत करे ,वो बेचारा आखिर जाएगा कहा और वो मेरे साथ मेरी मर्जी से करता है तो …….”
मेरा गुस्सा खत्म हो चुका था मैं हल्के से मुस्कुराते हुए उसे देख रही थी,
“तो क्या “
“तो आप हमारे रिस्ते को सहमति दे दीजिये,घर के काम में कोई भी बाधा इससे नही आएगी ,मैं प्रोमिश करती हु ,लेकिन मेमसाब आप तो समझती है ना ,जब टांगो के बीच खुजली होती है तो कुछ भी नही सूझता,अगर वो बुड्डा ही उसे मिटा दे तो क्या परेशानी है,”
इसबार हम दोनो ही हँस पड़े
“ठीक है ठीक है तू अपनी खुजली मिटा लेकिन अगर विकास जी को पता चला ना तो पता नही क्या कर जाए …इसलिए सम्हाल के “
“अरे मेडम आप हो ना साहब को सम्हालने के लिए”
वो मचलती हुई बोली
“अच्छा ...खुद गलत काम करो साथ ही मुझे भी घसीटो “
“दीदी आप कितनी अच्छी हो ,सच में अगर मेरे से आपके लिए कुछ हो सके तो बताना मैं सब कुछ करूँगी आपके लिए “
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