RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
मैने उसकी आँखें सॉफ की ऑर उसके करीब होके उसके लिप्स पर हल्की किस करदी ,,फिर एक के बाद एक
मैने 15-20 किस करदी उसके लिप्स पर,,,किस की बरसात से वो भी गर्म हो गयी ऑर मैं भी,,,मैने हाथ
आगे बढ़ा कर उसको उसकी कमर से पकड़ा ऑर उपर उठा कर अपनी गोद मे बिठा लिया,,,,,उसने भी अपनी दोनो
टाँगो को खोला ऑर अपनी टाँगो को मेरी कमर की दोनो तरफ से करते हुए मेरी टाँगो पर
मेरी गोद मे आके बैठ गयी,,,
मैं घास पर बैठा हुआ था ऑर कविता मेरी गोद मे आके बैठ चुकी थी,,,मेरे दोनो हाथ उसकी
कमर पर थे ,,उसने अपनी दोनो टाँगो को खोलकर मेरी कमर के दोनो तरफ करके मुझे अपनी
टाँगो से मेरी कमर से पकड़ लिया था ऑर तभी उसने मेरे सर को अपने हाथों से पकड़ा ऑर मेरे
चहरे को देखने लगी,,,,,उसकी आँखें भी नम थी ऑर मैं भी काफ़ी उदास था पहले ऑर अब हम दोनो
एक दूसरे की उदासी को दूर करने की कोशिश करने वाले थे ऑर शायद कामयाब भी होने वाले थे
क्यूकी उसकी आँखों से आँसू रुक गये थे ओर आँखों मे अजीब चमक उतर आई थी ऑर चेहरे से उदासी
कहीं दूर उड़ गयी थी ऑर हल्की शरम के साथ एक मीठी मुस्कान आ गयी थी उसके चहरे पर,,,उसने
बड़े प्यार से मुझे देखा ऑर मेरे लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए ,,मैने भी एक ही पल मे उसके लिप्स
को अपने लिप्स से पकड़ लिया ऑर फिर शुरू हुआ हम दोनो का प्रेम मिलन एक प्यार भरा डीप किस
उसने मेरे लिप्स को अपने लिप्स मे भरना शुरू कर दिया ऑर मैने भी उसके लिप्स को अपने लिप्स मे पकड़
कर चूसना शुरू कर दिया,,,
उसने मेरे लोवर लिप्स को अपने मूह मे भर लिया ऑर इसी दौरान उसका उपर वाला लिप्स मेरे लिप्स मे
पकड़ा हुआ था ऑर मैं भी उसके उपर वाले लिप्स को चूस रहा था,,कभी वो अपनी ज़ुबान को मेरे
मूह मे डालके मेरे पूरे मूह मे घुमाने लगती तो कभी अपने दाँतों से मेरी ज़ुबान को पकड़
कर अपने मूह मे भर लेती ऑर चूसने लगी,.,..अब तक उसके हाथ जो मेरे चहरे पर थे वो हाथ
मेरे सर पर पहुँच गये थे ऑर उसने अपने हाथों की उंगलियों से मेरे सर को सहलाना शुरू कर
दिया था,,,मेरे हाथ भी उसकी कमर से होते हुए उसकी पीठ पर चले गये थे,,,उसने जीन टॉप
पहना हुआ था,,,,,,,मेरे हाथ जैसे ही उसकी पीठ पर गये मैने उसके टॉप मे अपने हाथ घुसा दिया
ऑर उसकी नंगी पीठ पर अपने हाथ घुमाने लगा,,,,मेरे हाथ धीरे धीरे उपर उठते गये उसकी
मखमली पीठ पर ऑर फिसलते हुए उपर की तरफ उसकी ब्रा तक पहुँच गये,,,,मैने अपने हाथों से
उसकी ब्रा के हुक्स खोल दिए ऑर मेरे ऐसे करते ही उसने मेरे सर को अपने सर से दूर कर दिया जिस से
हम दोनो के लिप्स भी एक दूसरे से दूर हो गये,,,,उसने मेरी तरफ बड़े प्यार से देखा लेकिन अब उसकी
आँखों मे प्यार से कहीं ज़्यादा सेक्स का नशा झलक रहा था,,,,,उसके होंठों पर मेरा थूक लगा
हुआ था उसके होंठ ऑर भी ज़्यादा चमक रहे थे,,,उसकी आँखों मे भी सेक्स के नशे की चमक थी
उसकी साँसे भारी थी ऑर उखड़ भी रही थी उसकी हार्टबीट भी काफ़ी तेज थी,,,ब्रा के हुक्स खुलने से वो
ज़्यादा एग्ज़ाइट हो गयी थी ,,,उसने कुछ पल ऐसे ही मुझे देखा ऑर फिर से मेरे होठों पर टूट पड़ी
ऑर इस बार पहले से कहीं ज़्यादा प्यार ऑर पागलपन से मुझे किस करने लगी,,,,,,मेरे हाथ अभी तक उसके
टॉप के अंदर थे ऑर मैं अपने हाथों से उसकी मखमली पीठ को सहला रहा था,,,उसके हाथों की
उंगलियाँ भी मेरे सर पर बालों मे अपना हुनर दिखा रही थी,,,वो बड़े प्यार से मेरे सर को सहला
रही थी,,तभी मेरे हाथ जो उसकी पीठ पर थे वो उसकी पीठ से होते हुए कमर की दोनो तरफ आ
गये ऑर मैने दोनो हाथों से उसके टॉप को उपर उठाना शुरू कर दिया,,,उसका टॉप काफ़ी उपर तक उठ
उठ चुका था ऑर नीचे मेरा लंड भी जाग चुका था,,जो खड़ा होके कविता की चूत पर टच होने
लगा था,,,
उसका टॉप उपर उठते ही उसने एक बार फिर पीछे हटके मुझे देखा,,,,,क्या कर रहे हो सन्नी
मैने कुछ नही बोला,,,उसने फिर से बोला,,,,,,,,,,,,,सुन्नयी कययूउ तान्न्ग्ग क्कार राहही हो,,
तभी मैने पूछा,,,,,,,,,,,,तुम्हारी तबीयत कैसी है कविता,,,,,
वो शरमा गयी ऑर शरमा कर चेहरा झुका लिया,,,,उसको पता था मैं उसकी तबीयत के बारे मे क्यूँ
पूछ रहा हूँ ,,क्यूकी अगर उसकी तबीयत ठीक है तभी मैं आगे बढ़ना चाहता था,,
उसने शरमा कर चेहरा झुका लिया ऑर बोली,,,,,अब मैं बिल्कुल ठीक हूँ सन्नी ,,उसने इतना बोला ऑर
अपने दोनो हाथ हवा मे उठा लिया,,,,,मैं समझ गया इसने मुझे हरी झंडी दिखा दी है टॉप
उतारने के लिए,,,,मैने भी कोई देर किए बिना टॉप को पकड़ा ऑर उपर उठा दिया,,,,ऐसा करते ही उसकी
ब्रा जिसके मैं हुक खोल चुका था वो भी टॉप के साथ बाहर निकल आई ऑर कविता के बूब्स मेरे
सामने नंगे हो गये,,,टॉप उतारकर मैने साइड पर रख दिया ऑर जब कविता की तरफ देखा तो उसने अपने
बूब्स पर अपने हाथ रख दिए ऑर बूब्स को कवर कर लिया,,,
अब क्यूँ शरमा रही हो कविता,,,,पहले तो हम 2 जिस्म 1 जान थे लेकिन अब तो हम दोनो का जिस्म
भी एक हो चुका है,,,मेरा बात सुनके कविता ने अपना चेरा उपर उठा लिया ऑर अपने हाथ भी अपने
बूब्स से हटा दिए ऑर जल्दी से मेरे सर को पकड़ा ऑर अपनी गर्दन उपर उठाकर मेरे सर को अपने
बूब्स की तरफ करके मेरे सर को अपनी गर्दन के पास रख दिया ऑर कस कर दबा दिया,,,ऐसे करते
ही मेरे लिप्स उसकी गर्दन पर टिक गये ऑर मैने उसकी गर्दन को चूमना ऑर चाटना शुरू कर दिया,
वो ज़्यादा मस्त हो गयी थी ऑर उस से ये मस्ती बर्दाश्त नही हुई तो उसने अपने जिस्म को पीछे की तरफ
कर दिया,,,मेरे दोनो हाथ उसकी पीठ पर चले गये ऑर उसको दूर जाने से रोकने लगे लेकिन तब तक
देर हो गयी थी वो मेरे से पीछे हटके झुक गयी थी,,,,मेरे हाथ उसकी पीठ पर थे ऑर वो पीठ को
बेंड करके पीछे की तरफ झुक गयी थी,उसके हाथ पीछे की तरफ घास को टच करने लगे थे ऑर
उसका सर भी पीछे की तरफ हो गया था,,,लेकिन ऐसा करने से उसका पेट मेरे सामने आ गया था,,,मैने
उसके पेट पर हल्की किस करते हुए अपने हाथों से उसको घास पर लिटाना शुरू कर दिया,,,हल्की हल्की
किस करते हुए मैं उसको घास पर लिताता चला गया ऑर जब तक वो घास पर लेट गयी तब तक मैं
उसके उपर झुकता चला गया,,,
मैं घास पर बैठा हुआ था ऑर मेरी दोनो टाँगे खुली हुई थी ऑर कविता मेरी खुली टाँगो के
बीच लेटी हुई थी,,,,उसकी दोनो टाँगे मेरी कमर की दोनो तरफ थी,,ऑर अब उसका उपर का जिस्म भी
नंगा था,,,,,,मैने उसको घास पर लेटा दिया था ऑर अब मेरे हाथ उसकी पीठ से निकालकर उसकी कमर
पर आ गये थे ऑर मैने अपने हाथों को उसकी कमर से खिसका कर उसके पेट पर रखा ऑर फिर उसके
बूब्स की तरफ बढ़ने लगा,,,मैं खुद भी उसके पेट पर झुका हुआ था ऑर मेरा सर उसके पेट से
कुछ दूरी पर ही था,,,जैसे जैसे मेरे हाथ उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगे थे वैसे वैसे मेरे
लिप्स उसके पेट की तरफ बढ़ने लगे थे ऑर जब मेरे हाथ उसके बूब्स तक पहुँचे मेरे लिप्स उसके
पेट पर टच हो गये थे,,,,
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