RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
घर आया तो देखा कि कविता की अक्तिवा घर के बाहर खड़ी हुई थी ऑर साथ मे एक कार भी थी,,,,वो कार कुछ जानी पहचानी लग रही थी,,लेकिन ठीक से समझ नही आ रहा था कि वो कार किसकी है,,,,,
मैने बाइक स्टॅंड पर लगाया ऑर घर के मेन डोर पर जाके बेल बजाने लग,,,,तभी कोई 3-4 मिनट बाद कविता ने आके दरवाजा खोला,,,,,,
हेलो सन्नी,,,,,,
हेलो कविता,,,,,,तुमने दरवाजा क्यू खोला माँ कहाँ है,,,,,
क्यू मैं दरवाजा नही खोल सकती क्या,,,,,,,,वो थोड़ा नखरे से बोली,,,,,,,,आंटी जी उपर है सोनिया के रूम मे ,,उसकी तबीयत
ठीक नही है,,,,,,इतना बोलकर वो दरवाजे से पीछे हट गई ऑर मैं घर क अंदर आ गया ऑर अंदर आते ही मैं कविता के साथ उपर सोनिया के रूम की तरफ चला गया,,,
कविता सीडियाँ चढ़ते हुए मेरे को अजीब नज़रो से देख रही थी,,,,,ऑर जब मैं उसकी तरफ देखता तो वो अपने चेहरा को दूसरी तरफ घुमा लेती,,,,,
हम लोग सोनिया के रूम मे गये तो देखा कि सोनिया बेड पर लेटी हुई थी,,माँ बेड के पास खड़ी हुई थी ऑर साथ ही खड़ा हुआ था हमारा फॅमिली डॉक्टर,,,,,,फिर मुझे याद आया कि बाहर जो कार देखी थी मैने जो मुझे जानी पहचानी लग रही थी वो डॉक्टर की थी,,,,,,
इसको हुआ क्या है डॉक्टर ,,कल रात से इसकी तबीयत ऐसी ही है,,,,,,कल तो ठीक से डिन्नर भी नही किया इसने,,,,,माँ हल्की उदासी मे बोल रही थी,,,,,
इसको बहुत तेज बुखार है मिसेज़, वर्मा या तो ये गर्मी की वजह से हो सकता है या फिर बहुत ज़्यादा ठंड लगने की वजह
से जो ख़ासकर बारिश मे भीगने की वजह से होता है लेकिन पिछले कुछ दिनो मे बारिश नही हुई इसका मतलब है कि ये सब गर्मी की वजह से हुआ है,,,,,,,आप बोल रही हो कि रात इसने डिन्नर नही किया ऑर कल से इसकी तबीयत ठीक नही है तो अपने इसको कॉलेज क्यूँ जाने दिया,,,,ऐसी हालत मे कॉलेज जाने इसके लिए ठीक नही था,,थकावट की वजह से हालत ऑर भी ज़्यादा खराब हो सकती थी,,,,
क्या करूँ मैं डॉक्टर साहब ये तो मेरी कोई बात ही नही सुनती सुबह भी बोला था कि कॉलेज मत जाओ बेटी लेकिन मेरी एक बात नही सुनी इसने,,,,पता नही ऐसी कॉन्सी स्टडी है इसको जो इसके लिए इतनी ज़रूरी है कि बीमार होते हुए भी इसने कॉलेज जाने की ज़िद की,,,,,मैं तो समझा समझा कर थक गई हूँ इस लड़की को,,,बुखार मे भी कॉलेज भाग जाती है,,,,
ये ग़लत बात है सोनिया बेटा,,माना कि स्टडी ज़रूरी है लेकिन सेहत का ख्याल रखना उस से भी ज़्यादा ज़रूरी है,,,डॉक्टर
सोनिया को समझा रहा था तभी सोनिया का ध्यान मेरी तरफ आया तो उसके माथे से पसीना निकलने लगा,,वो शायद डर गई थी लेकिन उसकी आँखे लाल हो गई थी मतलब वो गुस्सा कर रही थी,,,,
कविता,,,,,,,,,,,,,,,,आंटी जी मैने भी इसको बहुत बार बोला क्लास मे कि तेरी तबीयत ठीक नही तुझे घर ले चलती हूँ लेकिन
इसने मेरी एक नही सुनी,,,,बस अपनी ही मर्ज़ी चलाती रही ऑर छुट्टी के टाइम ही घर आई,,,लेकिन मैने इसको कॉलेज के क्लिनिक से मेडिसिन लाके दी थी बट उस से कोई फ़र्क नही पड़ा,,
इट्स ओके कविता बेटी,,तेरी इसमे कोई ग़लती नही ये लड़की है ही ज़िद्दी,,,अपनी ज़िद्द की वजह से हम लोगो को भी परेशानी मे डाल देती है,,,,,
माँ मैने क्या किया अब मुझे बुखार क्यू हुआ मुझे क्या पता,,,,सोनिया उदास होके बोल रही थी,,,,
सुबह बुखार था तो कॉलेज क्यू गई,,छुट्टी नही कर सकती थी क्या,,,,इतना ज़रूरी है तेरा कॉलेज,,,,माँ हल्के गुस्से
मे बोली,,,,
माँ वो कुछ दिनो मे टेक्स्ट शुरू होने वाले है तो कॉलेज जाना ज़रूरी था,,,,सोनिया फिर से उदास होके बोल रही थी,,,,
टेस्ट इतने भी ज़रूरी नही कि बंदा अपनी सेहत का ख्याल ही ना रखे,,,,,अब तू मेरी मर्ज़ी के बिना बेड से उठ कर देखना,,
हाँ सही बोला मिसेज,वर्मा,,,,,अब इसको बेड से नही उठने देना,,बस मेडिसिन ले ऑर आराम करे ,,हो सके तो कुछ दिन तक इसको कॉलेज भी नही जाने देना,,,,,डॉक्टर ने माँ से इतना बोला ही था कि सोनिया बोल पड़ी,,,,,
नही डॉक्टर अंकल ऐसे मत बोलो मुझे कॉलेज जाना है कल सुबह,,बहुत ज़रूरी है ऑर आप प्ल्ज़्ज़ मुझे कोई अच्छी मेडिसिन
दे दो जिस से मैं जल्दी ठीक हो जाउ क्यूकी मुझे टेस्ट की तैयारी करनी है,,,,
सॉरी बेटा अब तो तुम कुछ नही कर सकती,,,,क्यूकी अभी जो मेडिसिन मैने तुझे दी है वो नींद वाली मेडिसिन थी,,अब
आज तो तुम आराम से सो जाओगी वो भी कम से कम 8-10 अवर्स के लिए,,,,,,
नही डॉक्टर अंकल मुझे स्टडी करनी है ,,,अपने ऐसा क्यूँ किया,,,,,,
तभी सोनिया की बात सुनके डॉक्टर मॉम आंड कविता हँसने लगे,,,,,,
देखा डॉक्टर साहब इसको स्टडी की कितनी टेन्षन है,,,,,,इतनी तबीयत खराब है फिर भी आराम नही करना इसको स्टडी करनी है,,,,,
हाँ देख लिया मिसेज़,वर्मा लेकिन आपको ख़ास ख्याल रखना होगा इसका क्यूकी ये छुटकी रानी बहुत ज़िद्दी है,,,मेडिसिन
का असर तो हो जाएगा 30 मिनट मे लेकिन उसके बाद आप लोगो को इसके फॉरहेड पर कोल्ड वॉटर की पट्टियाँ करनी है जिस से गर्मी का बुखार जल्दी ठीक होता है,,,,,,
ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,,,मैं ख्याल रखूँगी ऑर ठंडे पानी की पट्टियाँ भी कर दूँगी इसको,,,,,
ओके तो अब मैं चलता हूँ ,,2 दिन की मेडिसिन देके जा रहा हूँ ,वैसे तो 2 दिन मे ही ठीक हो जाएगी लेकिन अगर फिर भी
ठीक नही हुई तो मुझे कॉल कर देना,,,,,,,ओके ,,,,,
ठीक है डॉक्टर साहब,,,,,,
अच्छा तो मैं चलता हूँ सोनिया बेटी तुम अब आराम करो,,,,,,ओके बयए
ओके बाइ डॉक्टर अंकल,,,,,,,,,
डॉक्टर वहाँ से चला गया ऑर माँ भी नीचे चली गई डॉक्टर को दरवाजे तक छोड़ने,,,,,
कविता आगे बढ़ कर मेरे बेड पर बैठ गई जबकि मैं दरवाजे पर ही खड़ा हुआ था,,,,सोनिया ने एक बार मेरी तरफ देखा ऑर
फेस दूसरी तरफ करके लेट गई,,,,
तुम वहाँ क्यू खड़े हो सन्नी यहाँ बैठ जाओ आके,,,कविता ने अपने पास ही बेड पर हाथ रखकर मुझे इशारा किया ऑर
मैं भी उसके पास जाके बैठ गया,,,,,,
आज तुम कॉलेज नही आए क्या सन्नी,,,,,मैने तुमको कॅंटीन मे भी नही देखा,,,,इतना बोलकर कविता हँसने लगी ,,क्यूकी
वो मेरा मज़ाक उड़ा रही थी,,,,,मैं अक्सर क्लास से ज़्यादा टाइम कॅंटीन मे ही होता था,,,,,
मैं कॉलेज तो गया था लेकिन तभी किसी दोस्त का फोन आ गया ऑर मैं वहाँ से चला गया था,,,,कोई ज़रूरी काम था,,
तभी माँ उपर आ गई डॉक्टर को बाहर तक छोड़ कर,,माँ के हाथ मे एक पानी का बर्तन था ,,देखने से पता चल गया
था कि उसमे कोल्ड वॉटर था,,,,साथ ही माँ के हाथ मे 2 छोटे टॉवेल थे,,,,,,माँ ने अंदर आके पानी वाले बर्तन को टेबल
पर रखा ऑर सोनिया के पास बेड पर बैठ गई ऑर सोनिया को पकड़ कर सीधा करके लेटा दिया जिस से उसका सर सीधा हो गया ऑर फॉरहेड उपर की तरफ हो गया,,,,,
माँ ने एक टवल को पानी के बर्तन मे डाला ओर निचोड़ कर सोनिया के फॉरहेड पर रख दिया,,,,तभी कविता भी आगे बढ़ कर दूसरे टवल को पानी मे डालके निचोड़ कर माँ के हाथ मे देने लगी ऑर माँ ठंडे टवल को सोनिया के फॉरहेड पर
रखने लगी,,,,,
थॅंक्स्क्स कविता बेटी,,,,,माँ ने कविता को अपनी हेल्प करते देखा ऑर थेन्क्ष्क्ष बोला
अरे इसमे थॅंक्स्क्स की क्या बात आंटी जी सोनिया मेरी बेहन है ऑर अपनी बेहन के लिए मैं इतना तो कर ही सकती हूँ,,,,
तुम बहुत अच्छी हो कविता बेटी,,,,,,जो इतना करती हो मेरी बेटी का,,,,तुम सच मे इसकी अच्छी दोस्त हो,,,,,अच्छा एक बात तो बता इसने आज कुछ खाया भी था कॉलेज मे या नही,,,,,,
नही आंटी जी ये अक्सर कॉफी ही पीती है कॉलेज मे कभी कुछ खाती नही,,,,आज भी नही खाया,,,,,
सोनिया गुस्से से देखने लगी कविता की तरफ,,,मानो वो उसको गुस्सा हो रही थी क्यूकी वो उसकी माँ से उसकी शिकायत लगा रही थी,,,,,
अच्छा अगर मैं कुछ नही खाया तो तूने कॉन्सा कुछ खाया है,,,,,सोनिया ने भी हल्की आवाज़ मे लेकिन गुस्से से मा को
कविता की शिकायत करदी,,,,
हाइयी राम तभी मैं सोचु तुम दोनो इतनी दुबली पतली क्यूँ होती जा रही हो,,,,सारा दिन स्टडी करती रहती हो ऑर खाती पीती कुछ ' भी नही,,,,,आज भी कुछ नही खाया तुम लोगो ने,,,,,अब इसको तो कुछ नही देना है डॉक्टर मना करके गया है लेकिन तुझे तो भूख लगी होगी ना कविता बेटी,,,,,तू रुक मैं अभी कुछ लेके आती हूँ खाने के लिए,,,,,
अरे नही आंटी जी इसकी ज़रूरत नही है,,,क्यू खा-म-खा इतनी टेन्षन ले रही हो आप,,,,,
अरे इसमे टेन्षन की क्या बात बेटी ,,तू मेरे लिए ऑर मेरी बेटी के लिए इतना कुछ कर सकती है तो मैं तेरे लिए खाना भी नही पका सकती क्या,,,ऑर वैसे भी इसमे टेन्षन वाली क्या बात मैं कॉन्सा तेरे लिए स्पेशल खाना तैयार करने जा रही हूँ ये भी तो आया है कॉलेज से इसको भो भूख लगी होगी,,,,माँ ने बेड पर मेरी तरफ इशारा किया,,,,,
तुम सोनिया को पट्टियाँ करो मैं तब तक खाना तैयार कर देती हूँ इतना बोलकर माँ वहाँ से उठी ऑर दरवाजे से बाहर
की तरफ जाने लगी,,,,लेकिन जाते जाते रुक गई,,,,,तू यहाँ आराम से बैठा क्या कर रहा है चल कविता के साथ बैठ कर सोनिया को ठंडे पानी की पट्टियाँ कर,,चल उठ जल्दी,,,,,
माँ के कहने पर मैं उठा ऑर सोनिया के बेड पर जाने लगा तभी सोनिया ने मुझे गुस्से से घूर कर देखा ,,लेकिन मैं
डरा नही क्यूकी मेरा ध्यान उसकी तबीयत की तरफ था जो सच मे बहुत खराब थी,,,,मैं जाके माँ वाली जगह पर बैठने
लगा लेकिन सोनिया ने मुझे ऑर भी ज़्यादा गुस्से से देखा ऑर मैं सच मे डर गया ,,,,
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