RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
काम बना तो ठीक वर्ना यहाँ भी चाइ पीते है ऑर घर चलते है,,,,,मैने बड़े आराम से गेट खोला ताकि शोर ना हो,,लेकिन पहली बार ये गेट खोल रहा था इसलिए लाख कोशिश के बाद भी हल्का सा शोर हो ही गया,,,फिर अंदर गया ऑर सीडियाँ चढ़कर उपर चला गया,,,,,उपर वाला डोर भी लॉक था लेकिन उसकी चाबी भी थी मेरे पास,,,,,उसको आराम से बिना कोई आवाज़ किए खोलने मे कामयाब हो गया मैं ऑर बड़े आराम से हल्के कदमो से अंदर चला गया,,,,अंदर किचन की लाइट बंद थी ,,,,,, दोनो रूम के डोर भी बंद थे,,लेकिन एक रूम मे लाइट जल रही थी जिसकी हल्की रोशनी दरवाजे से बाहर आ रही थी,,मैं उस दरवाजे के पास गया तो अंदर से कुछ आवाज़ आ रही थी,,,,,,,,,,,अहह उूुुुुुुउऊहह
सिसकियों की आवाज़,,,,,,,,,मैने दरवाजे को खोलना चाहा तो वो अंदर से बंद था ,,,लॉक था या वैसे ही बंद
था पता नही,लेकिन अगर मैं खोलता तो आवाज़ हो जानी थी इसलिए मैने खोला नही,,,,,तभी मुझे अंदर से
दरवाजे के खुलने की आवाज़ आई ऑर मैं भाग कर किचन मे छुप गया,,,,तभी मैने वहाँ से चुपके बाहर
की तरफ देखा तो उस रूम से एक औरत बाहर निकली ऑर बातरूम मे चली गई,,,उसके बूब्स छोटे छोटे थे
ये बुआ तो नही थी पक्का क्योंकि ये हाइट मे बुआ से छोटी थी,,ऑर पूजा या शोभा दीदी भी नही थी क्योंकि
इसके बूब्स उनसे छोटे थे,,,,,मुझे लगा कि ये पूजा की सिस मनीषा तो नही,,,,ऑर मेरा शक सही निकला,जब
वो बाथरूम से बाहर आई तो बाथरूम की लाइट जलती छोड़ कर बाहर आ गई थी ऑर उसकी रोशनी मे मैने
उसके फेस को देख लिया था,,,,फेस क्या बहुत कुछ देख लिया था,,,,,,,,,,,,एक मर्द की आँखें होती ही एक्स-रे से तेज
है,,,,जो एक झलक मे सर से पैर तक देख लेता है,,,ऑर जब सामने खूबसूरत ऑर जवान लड़की हो तो एक्स-रे
करने का मज़ा ही कुछ ऑर होता है,,,,,वो वापिस रूम मे जाने के लिए उसी तरफ बढ़ने लगी ऑर मैं वापिस छुप
गया,,,,तभी उसके अंदर जाते ही कोई ऑर रूम से निकला ऑर बाथरूम की तरफ जाने लगा,,,,,लेकिन ये कोई औरत '
नही थी कोई मर्द था,,,,लेकिन कॉन था ये इस से पहले कि मैं बाहर निकल कर देखता वो बाथरूम मे घुस
चुका था,,,मैं बाहर से चुपके उसको देखने लगा कि कब वो बाहर आए ऑर मैं उसका चेहरा देखु,,,लेकिन
कोई फ़ायदा नही हुआ जब वो बाहर आया तो पहले से बाथरूम की लाइट बंद करके ही बाहर निकला था,,,मुझे
कुछ नज़र ही नही आया,,फिर वो रूम मे चला गया,,उसके अंदर जाते ही मैं भी रूम के दरवाजे की तरफ
आया ऑर देखने लगा,,उसने रूम के दरवाजे को अभी बंद नही किया था,,मैने हल्के से खुले दरवाजे से
अंदर देखा तो बुआ ऑर पूजा नंगे ही बेड पर थे ऑर किस कर रहे थे,,,ऑर पूजा की छोटी सिस मनीषा बेड
से टाँगे नीचे करके एक साइड पर बैठी हुई थी ,,तभी वो मर्द मनीषा के पास गया ऑर मनीषा ने उसके लंड
को मूह मे भर लिया ,,,बाहर बहुत अंधेरा था कोई मुझे नही देख सकता था लेकिन अंदर लाइट जल रही थी
ऑर मुझे सब कुछ नज़र आ रहा था सिर्फ़ उस मर्द का चेहरा नही,,,,,तभी वो मर्द बोला,,,,,,,गीता ज़रा डोर
तो लॉक करो,,,,,,ओह म्म्म्मडममममममय्यययी गगगगगगूद्द्द्द्दद्ड ,ये तो डॅड की आवाज़ थी,,,,मेरी तो
गान्ड ही फॅट गई थी,,,,,,,,ये क्या हो गया,,,,,,,,,साला जिसको घर मे सबसे शरीफ ऑर लाचार समझता था ऑर
सोचता था कि मेरा बाप कैसा है जो कुछ भी नही जानता मेरी माँ के बारे मे ऑर माँ अपने भाई ऑर बेटे से
चुदवा रही थी,,मेरे बाप को धोखा दे रही थी,,लेकिन मेरा बाप तो खुद सबसे बड़ा हरामी निकला जो
अपनी बेहन ऑर उसकी बुटीक मे काम करने वाली लड़कियों के साथ है,,,वो भी नंगा ऑर बाकी सब भी नंगे
है,,,,,,इस से पहले मैं कुछ ऑर देख पता बुआ ने डोर अंदर से बंद कर दिया,,,,,,,,,,,,
बुआ-क्या भाई यहाँ कॉन आने वाला है,,,,,गेट भी लॉक है ऑर सामने का डोर भी लॉक है,,,अब कॉन उपर आ सकता है,,,,,
पापा--कोई आए या ना आए बहना लेकिन तुझे पता है मैं हमेशा सावधानी बर्त-ता हूँ,,,
बुआ-ठीक है भाई अब कर दिया डोर लॉक अब तो टेन्षन फ्री हो जाओ,,,,,,,,फिर उसके बाद कोई आवाज़ नही आई बस हल्की हल्की सिसकियाँ गूँजती रही,,,,,,
मैं ज़्यादा देर नही रुका ऑर वापिस बाहर चला गया ऑर गेट लॉक करके बाइक लेके घर आ गया,
रास्ते भर मैं यही सोचता रहा कि मेरी फॅमिली तो साली रंडियों ऑर दल्लो की फॅमिली है,,,,,,,साला हर कोई
किसी ना किसी को चोद रहा है,,,,,,,,,,,,,माँ भाई ऑर विशाल एक साथ एक बेड पर होते है लेकिन किसी को नही
पता,,,,,,,,ऑर अब मैं भी उसके साथ होता हूँ,,,,,,,,,,,,,,इधर बुआ ऑर शोभा एक साथ,,ऑर अब मैं भी
उनके साथ हूँ,ये भी किसी को नही पता,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,ऑर आज मेरा बाप बुआ पूजा ऑर मनीषा एक साथ
ये मेरे को पता है लेकिन किसी ऑर को नही पता,,,,,,,,,,,,ये साला हो क्या रहा है मेरे घर मे,,,इसका पता
तो लगाना ही पड़ेगा,,,,ऑर जवाब सबके पास है,,लेकिन मैं किस से पूछ सकता हूँ इसके बारे मे,,,,यही
सोचता हुआ मैं घर आ गया,,,,,,,,बेल बजाई ऑर कुछ देर बाद माँ बिखरे बाल लिए बाहर आ गई,,
माँ--अरे तुम तो आज करण के घर रहने वाले थे ना,,,,,,,,,,,,
मैं--हाँ माँ उसके घर वाले वापिस आ गये तो मैं भी आ गया,,,
मैं फिर अंदर चला गया,,,,,,मैने देखा कि मामा माँ के रूम मे लेटा हुआ था,,,,,मेरे अंदर देखते
ही माँ ने मेरी तरफ हँसके देखा,,,,,,
माँ--तू भी आएगा क्या मेरे बेटा,,,,,,,,,,,,,,,,,
मैं--नही माँ मैं सोने जा रहा हूँ कुछ थक गया हूँ,,,,,,,,,,,,,,मैं अपने रूम मे चला गया,,,रूम का डोर खोला तो सोनिया अपने बेड पर लॅपटॉप पर कुछ कर रही थी,,नोट्स बना रही होगी ऑर इसने क्या करना ,,,,,मुझे आते देख उसने लॅपटॉप बंद किया ओर मेरी तरफ पीठ करके चद्दर लेके लेट गई,,,मैने भी बाथरूम मे जाके शवर लिया ऑर अपने बेड पर आके लेट गया,,,साला सर फटा जा रहा था टेन्षन से,,,,कुछ समझ नही आ रहा था सोने से पहले शवर लिया ताकि नींद अच्छी आए ,,,लेकिन नींद तो आँखों से कोसों दूर थी,,,,लेकिन फिर भी मैं सो गया,,,,,,,,कब सोया कब आँख लगी पता नही चला,,,,,,,,,
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