RE: Hindi Porn Story कहीं वो सब सपना तो नही
कॉलेज से बाहर निकल रहा था तभी कविता ऑर सोनिया गेट पर मिले,,
कविता--,हाई सन्नी,,
मैं--हाई कविता,,
सोनिया--कैसा है ब्लॅकी ,,
मैं--,मैं ठीक तू सुना पगली,,तुम लोग यहाँ क्या कर रही हो,,,
सोनिया--तेरी वेट,,आज कविता का अक्तिवा सर्विस के लिए गया हुआ था हम सुबह ऑटो मे आई थी,,,अभी तेरे साथ जाना
है,,,
मैं--मुझे नही लेके जान तुमको,,ऑटो मे ही जाओ वापिस,,,
सोनिया--,ब्लॅकी चुप कर ऑर आगे हो हमको बैठने दे,,
मैने आगे होके उनको जगह दी ऑर दोनो बैठ गई,,,हम चल पड़े ऑर कविता के घर पहुँच गये,,
सोनिया--तू रुक यहीं मैं अभी आई अपना समान लेके,,,
मैं--समान लेक क्यू ,,,
सोनिया--अरे बुद्धू अपने घर वापिस जाने के लिए डॅड का फोन आया था घर का काम ख़तम हो गया है रात तक समान
भी सेट हो जाएगा,,
,मैं चुदाई मे इतना बिज़ी था की घर कि काम ख़त्म हो गया मुझे पता भी
नही चला,,,मैं सोनिया को लेके घर पहुँचा तो मोम का समान उनके रूम मे ऑर मेरा समान
मेरे रूम मे पहुँच गया था ऑर बुआ का समान अभी बाकी था,,जो रात तक सेट हो जाना था,,
मैं ऑर सोनिया अंदर गये मोम सोनिया को देख कर बहुत खुश हुई,,,
मोम--,आ गई मेरी बेटी,,इतने दिन क्या तुझे माँ की याद नही आई एक बार मिलने नही सकती थी,,
सोनिया--मोम मैं कॉन्सा विशाल भाई की तरह बाहर देश गई थी जो मिलने आती,,,यहीं पास मे तो थी,,,
मोम--,इसी बात का तो रोना है बेटी तू पास रहके भी मिलने नही आई ऑर तेरा भाई देल्ही मे था तो भी मंत मे एक बार मिलने आ जाता था,,,
सोनिया--,सॉरी मोम टाइम नही मिला स्टडी से ,,
मॉम--चल कोई बात नही बेटी,,,जा तेरा समान तेरे रूम मे रख कर आजा मैं तुम दोनो के लिए खाना लगा देती हों,,,
मैं ऑर सोनिया उपर अपने रूम मे गये तो सोनिया खुश हो गई रूम का न्यू कलर ऑर टाइल्स देख कर,,,
सोनिया--कितना अच्छा ऑर कितना खूबसूरत लग रहा है अपना रूम,,,
मैं--हाँ मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है ये रूम भी ऑर तुझे भी वापिस इस रूम मे देख कर,,,सोनिया मेरे गले लग गई,,मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा है सोनिया का वापिस अपने घर अपने रूम मे आके,,,उसके हग करने से उसकी छोटे-छोटे किसी छोटी मौसम्मि के आकर के बूब्स मेरी चेस्ट पर डब गये ऑर मुझे अजीब अहसास्स हुआ जो दिमाग़ से होते
हुए लंड तक चला गया इस से पहले लंड कुछ गड़बड़ करे मैं जल्दी से सोनिया से अलग हो गया,,,सोनिया मुझे अजीब नज़रों से देखने लगी क्योंकि मैं एक दम जल्दी से उस से अलग हुआ था,,
सोनिया--भाई क्या तुम अभी तक मेरे से गुस्सा हो,,,
मैं--गुस्सा किस बात के लिए,,,
सोनिया--उसी बात के लिए कि मैं मज़ाक मज़ाक मेतेरे से गुस्सा हो गई थी,,,,
मैं--तू माजक मे गुस्सा नही हुई थी सोनिया मैं जानता हूँ कोई ना कोई वजह ज़रूर थी,,,तू अपनी फ्रेंड कविता को पागल बना सकती है मेरे को नही मैं तेरा भाई हूँ तेरे को अच्छी तरह से जानता हूँ कोई बात तो थी जो तेरे को परेशान कर
रही थी जिस वाजः से तू गुस्सा थी,,,
सोनिया--,नही भाई सच मे कोई बात नही थी मैं सच्ची मे मज़ाक कर रही थी,,,
मैं--अच्छा तो खा मेरे सर की कसम,,,
सोनिया--,भाई व्वू,,मैं कसम नही खा सकती बट वो सब मज़ाक का गुस्सा था,,,,,
मैं--ठीक है नही बताना तो मत बता लेकिन झूठ भी मत बोल मुझे पता है तू कुछ छुपा रही है मेरे से,,,अभी मत बता जब तेरा दिल करे तब बात देना बट तब तक के लिए कोई झूठ मत बोलना कि मैं मज़ाक कर रही थी,,
,वो गुम्सुम सी चुप होके बैठ गई,,,,,
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