RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b][b]पंकज और आराधना ने फटाफट अपने कपड़ो को ठीक किया और फिर बाहर आकर डाइनिंग टेबल पर बैठ गया जहाँ प्रीती पहले से उनका इंतज़ार कर रही थी
सब लोग अब डाइनिंग टेबल पर आकर बैठ गये, स्मृति सभी को खाना सर्व करने लगी कि तभी बेल बजी
स्मृति ने जाकर गेट खोला तो सामने कुशल खड़ा था,
स्मृति –“आज तो बड़ी देर लगा दी बेटा”
कुशल –“वो मोम, कई दिनों बाद मिला था ना फ्रेंड से, इसलिए टाइम लग गया”
स्मृति –“अच्छा चल जल्दी से हाथ मुंह धो ले, फिर आकर खाना खा ले”
कुशल –“ओके मोम”
कुशल ने जल्दी से हाथ मुंह धोया और आकर बाकि लोगो के साथ ही डाइनिंग टेबल पर बैठ गया, स्मृति ने जल्द ही सबके और खुद के लिए भी खाना सर्वे किया, और फिर सब लोग खाना खाने लगे
तभी अचानक कुशल का ध्यान प्रीती की तरफ गया, कुशल ने जब प्रीती की और ध्यान से देखा तो बस देखता ही रह गया, प्रीती आज वाकई बहुत ही क्यूट सी लग रही थी, उसने एक पता सा क्रीम कलर का टॉप और ब्लैक कलर का बरमुडा पहना हुआ था,
प्रीती और कुशल टेबल पर जस्ट एक दुसरे के सामने बैठे हुए थे, आराधना प्रीती के बगल में बैठी थी, कुशल की तरफ बाजु में स्मृति और हेड चेयर पर पंकज खुद बैठा हुआ था,
कुशल तो खाना खाते खाते बस प्रीती को ही देख रहा था, वैसे भी काफी दिन हो गये थे प्रीती की लिए हुए, इसलिए आज उसे प्रीती पर कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा था, प्रीती भी कुशल की आँखों को अपने बदन पर चुभती हुई महसूस कर रही थी, और सच पूछो तो उसे तो बड़ा मजा आ रहा था क्यूंकि कुशल ने कई दिनों से उसकी तरफ ध्यान से देखा भी नही था,
इधर कुशल को अचानक एक शरारत सूझी, उसने चुपके से जेब में से अपना मोबाइल निकाला और प्रीती को एक मेसेज कर दिया “क्या बात है प्रीती, आज तो बड़ी ही सेक्सी लग रही है, बिलकुल माल लग रही है कसम से, बता तो जरा अंदर कौनसी ब्रा पेंटी पहनी हुई है”
थोड़ी देर बाद ही प्रीती का रिप्लाई आ गया “क्या बता है, आज मुझ पर ध्यान कैसे दे लिया, वैसे तो मेरी तरफ देखता ही नही और आज तुझे मैं सेक्सी लग रही हूँ”
प्रीती का मेसेज पढकर कुशल को समझ आ गया कि शायद उस दिन वाली बात से ये आज भी खफा है जब उसने प्रीती को कमरे में बंद कर दिया था और निचे आकर अपनी मोम के साथ चुदाई की थी, कुशल ने सोचा की प्रीती के गुस्से को कम करना जरूरी है वरना बैठे बिठाये एक मस्त माल हाथ से निकल जायेगा
कुशल ने झटपट मेसेज किया “ऐसा तो कुछ नही है, मैं तो हमेशा ही तेरी देखता हूँ, तेरे सिवा है ही कौन मेरा और मेरे पप्पू का ख्याल रखने वाला.......”
कुशल का जवाब पढकर प्रीती के चेहरे पर हल्की सी मुस्कान आ गयी पर उसने उसे ज़ाहिर नही होने दिया, उसने दोबारा रिप्लाई दिया “मुझे क्या पता तूने कहाँ कहाँ अकाउंट खुला रखा है, तेरा पप्पू का क्या भरोसा, पता नही किस किस के अकाउंट में जमा करवाता है”
कुशल ने भी जवाब दिया “नही यार, मेरा पप्पू तो बस तेरे अकाउंट में ही पैसे जमा कराना चाहता है, सच में”
कुशल का मेसेज पढकर इस बार प्रीती की हंसी कण्ट्रोल नही हुई और गले का निवाला हंसी के कारण अटक सा गया, और उसे खांसी आने लगी
स्मृति –“आराम से खा प्रीती, ऐसे क्या खा रही है, ले पानी पी” स्मृति ने पानी का गिलास प्रीती की और बढ़ाया जिसे प्रीती ने पी लिया
आराधना ने आँखों के इशारे में ही प्रीती से पूछा कि क्या हुआ
प्रीती ने भी झट से टेबल के निचे से ही आराधना को अपना मोबाइल दिखाकर इशारा किया, आराधना एक पल में ही समझ गयी कि जरुर प्रीती और कुशल की बाते चल रही है, आराधना ने टेबल के निचे से प्रीती की जांघों को हल्के से दबा दिया मानो कह रही हो कि मुझे भी पढ़ा ना
इधर कुशल ने दोबारा प्रीती को मेसेज किया –“क्या कर रही है प्रीती, आराम से निवाला मुंह में ले, इसके बाद तो पता नही क्या क्या मुंह में लेने वाली है, अगर ऐसे खान्सेगी तो वो कैसे मुंह में लेगी”
प्रीती ने चुपके से दोबारा कुशल का मेसेज पढ़ा और झट से उसे आराधना के मोबाइल पर भी फॉरवर्ड कर दिया, आराधना तो कुशल का मेसेज पढकर गरम सी हो गयी, और मन ही मन सोचने लगी कि सच में उसका छोटा भाई अब छोटा नही रहा
इधर प्रीती ने भी दोबारा रिप्लाई किया “मैं कुछ नही लेने वाली मुंह में”
कुशल : “तो तू ही बता दे फिर कहाँ लेगी हा हा हा”
प्रीती : “कहीं नही लेना मुझे तो”
कुशल : “ऐसे कैसे नही लेना, मैं जबरदस्ती दे दूंगा”
प्रीती : “क्या दे दोगे” प्रीती भी फुल मजे के मूड में आ गयी थी, इस बिच वो सारे मेसेज आराधना को भी फॉरवर्ड कर रही थी, और आराधना भी इन दोनों की इस मस्त चैटिंग को पढकर गरम हुए जा रही थी
कुशल : “क्यूँ तुझे नही पता कि क्या दूंगा”
प्रीती : “नही मुझे तो नही पता”
कुशल : “नाटक करती है ज्यादा”
प्रीती : “इसमें नाटक क्या है, मुझे तो नही पता सच में क्या दे दोगे, और कहाँ दे दोगे, तुम ही बता दो”
कुशल : “लगता है मुझे खुलकर ही समझाना होगा तुझे”
प्रीती : “हाँ तो बताओ ना”
कुशल : “तो सुन, मैं मेरा लंड तेरे मुंह में दे दूंगा, और ज्यादा नाटक किया तो पहले तेरी चूत मारूंगा और बाद में तेरी गांड में भी घुसेड दूंगा”
प्रीती और आराधना ने जब ये मेसेज पढ़ा तो उन दोनों की ही उत्तेजना चरम पर पहुंच गयी
प्रीती : “ओह्ह्ह्ह........मैं तुझे घुसाने ही नही दूंगी, फिर”
कुशल : “तो मैं जबरदस्ती घुसा दूंगा”
प्रीती : “इतनी हिम्मत तुझमे नही है”
कुशल : “रुक आज रात को ही मैं तुझे अपनी हिम्मत दिखा दूंगा, साली की वो चुदाई करूंगा कि जिंदगी भर याद रखेगी”
प्रीती : “क्यूँ ऐसा क्या करेगा तू”
कुशल : “साली आज रात को ही बताऊंगा वो तो, तेरी चूत फाड़ कर ना रख दी तो बताना”
प्रीती : “रहने दे, तुझमे उतना दम नही” प्रीती कुशल को और ज्यादा भड़का रही थी ताकि वो सच में उसकी जबरदस्त चुदाई करे रात को
कुशल : “कुतिया साली, लगता है तू पहली चुदाई भूल गयी, याद नही कैसे चिल्लाई थी तू, कई दिनों तक दोबारा चोदने भी नही दिया था तूने, पर आज रात को तो उससे भी भयानक तरीके से चोदुंगा तुझे”
प्रीती : “कहीं उस दिन की तरह दरवाज़ा बंद करके भाग तो नही जायेगा”
कुशल : “नही, आज तो पूरी रात तुझे अच्छे से मसलुंगा, और आज तो तेरी गांड का भी उद्घाटन करूंगा”
प्रीती : “देखते है, कितना दम है तुझमे, या फिर बस फेंकता ही रहता है”
इधर आराधना को उन दोनों की चैट पढ़कर बहुत मजा आ रहा था और उसकी चूत में हल्की हल्की चीटियाँ भी रेंगने लगी थी,
प्रीती और आराधना अभी हल्के हल्के मुस्कुरा ही रही थी इस बात पर कि उसने कुशल को भड़का दिया कि तभी अचानक प्रीती को अपने पैर पर किसी के पैर का अहसास हुआ, उसे समझते देर ना लगी कि ये कुशल ही है पक्का
कुशल ने प्रीती के पैर पर अपना पैर रखा और धीरे धीरे सहलाने लगा, प्रीती अपना पैर हटाने की कोशिश कर रही थी पर तभी कुशल धीरे धीरे पैर को और उपर ले जाने लगा
आज प्रीती ने बरमूडा पेहेन रखा था तो कुशल उसकी मस्त मुलायम चिकनी टांगों को मस्ती से सहला रहा था, और फिर धीरे धीरे वो अब उसकी जांघ पर भी अपने पांव को सहलाने लगा
प्रीती भी अब धीरे धीरे गरम होने लगी, कुशल ने अपने पैर को थोडा सा और उपर ले जाने की कोशिश की और प्रीती ने भी अपने आप अपनी टांगों को थोडा सा चौड़ा कर लिया,
अब कुशल ने पैर के अंगूठे को प्रीती के बरमूडा ट्राई एंगल पर टिका दिया, यानि कि अब वो अपने पैर के अंगूठे से प्रीती की चूत को उसके बरमुडा के उपर से ही दबाने लगा,
प्रीती को तो इसमें बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था, और तभी अचानक कुशल अपने पैर के अंगूठे को प्रीती की चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, और जोर लगाकर उसकी चूत पर धक्के देने लगा, प्रीती की चूत तो कुशल की इस हरकत की वजह से पानी छोड़ने लगी, और कुशल भी चूत के उस गीलेपन को महसूस कर पा रहा था,
इधर प्रीती ने उत्तेजना के मारे आराधना की जांघ को दबा दिया, आराधना ने उसकी और आँखों के इशारे से पूछा कि क्या हुआ, तो प्रीती ने आराधना को टेबल के निचे की और इशारा किया,
आराधना ने सबसे बचके चुपके से जब टेबल के थोडा निचे की और देखा तो वो तो सन्न सी रह गयी, क्यूंकि कुशल का पैर का अंगूठा प्रीती की चुत में बरमूडा के उपर से ही धंसा हुआ था, और प्रीती का फेस भी अब थोडा लाल होने लगा था,
आराधना को लगा कि ऐसे तो मोम या डैड को शक हो सकता है, कुशल को रोकना जरूरी है, इसलिए आराधना ने बहाने से अपनी चम्मच निचे गिरा दी, चम्मच की आवाज़ सुनकर जैसे कुशल और प्रीती दोनों को होश आया, कुशल ने झट से अपना पैर हटा लिया, इधर मोका पाकर प्रीती भी तुरंत उठ गयी
प्रीती – “मेरा खाना तो हो गया, मैं अपने रूम में जा रही हूँ मोम”
स्मृति – “ओके बेटा”
प्रीती ने जल्दी से अपने हाथ धोये और फटाफट उपर अपने रूम में चली गयी, जल्द ही बाकि लोगो ने भी खाना खा लिया, आराधना अपने रूम की तरफ चल दी, कुशल भी अभी जा ही रहा था कि स्मृति ने उसे रोक लिया
स्मृति –“कुशल बेटा, मुझे शाम को स्विमिंग क्लास जाना है, तो मुझे छोड़ देना वहां”
कुशल –“ओके मोम” कुशल कुछ ज्यादा नही बोला क्यूंकि पंकज अभी व्ही पर था, पर उसके मन में तो लड्डू फुट रहे थे, उसे पता था कि जरुर आज कुछ न कुछ होना है मोम के साथ” यहीं सोचते सोचते वो उपर अपने रूम में आ गया,[/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b][/b]
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