RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
[b][b][b][b]कुशल और प्रिया मेम बेड पर लेट कर मस्ती से नंगे सोये पड़े थे, कुशल का वीर्य प्रिया मेम की चुत की गहराइयों से निकल कर अब उसकी जांघों से होता हुआ बेडशीट पर गिरने लगा था, प्रिया मेम तो मस्ती में आकर खुद ही अपने सन्तरो को दबाये जा रही थी
प्रिया मेम –“वाह मेरे राजा, तूने तो आज सच में बरसो की प्यास बुझा दी मेरी, तेरा एहसान मैं कैसे चुकाउंगी”
कुशल –“बस आप इसी तरह हमेशा अपनी ये प्यारी सी चुत और गांड मुझे देते रहना, मुझे तो और कुछ नही चाहिए” कुशल अपने मुरझाये से लंड पर हाथ फिराते हुए बोला
प्रिया मेम –“अरे ये भी कहने की बात है क्या भला, अब तो मेरे जिस्म पर तेरा और तेरे इस लंड का पूरा पूरा हक़ है, तू जब चाहे इसका मजा ले सकता है, वैसे एक बात पुछु”
कुशल –“हाँ, बोलिए ना आंटी”
प्रिया मेम –“तेरे चोदने के जबरदस्त तरीके से लगता है तूने पहले भी किसी की मारी है”
कुशल –“आप तो अन्तर्यामी हो मैडम, हाँ मैंने पहले भी चुत मारी हुई है, और गांड भी मार चूका हूँ”
प्रिया मेम –“कौन है वो खुशनसीब, बताना जरा”
कुशल –“सॉरी मेम, मैं आपको बताना तो चाहता हूँ, पर शायद अभी सही वक्त नही है, पर आप चिंता मत कीजिये, वक्त आने पर मैं सबसे पहले आपको ही बताऊंगा, ये प्रॉमिस है मेरा”
प्रिया मेम –“चलो ठीक है, पर अपना प्रॉमिस याद रखना, भूल ना जाना”
कुशल –“जरुर मेम”
प्रिया मेम –“मेरा अच्छा बच्चा”
कुशल –“वैसे मेम, क्या मैं आपसे कुछ पुछ सकता हूँ, आप बुरा तो नही मानेगी”
प्रिया मेम –“हाँ हाँ पूछो ना, अब भला तुमसे क्या छुपाना, तूने तो सब कुछ देख लिया है मेरा”
कुशल –“मेम, आपने अपने पति के अलावा और किस किस का लंड लिया है”
प्रिया मेम –“सच कहूँ, तो मेरे पति के अलावा ये पहला लंड है जो मेरी चुत में गया है”
कुशल –“वाह, मेम मैं तो सच में धन्य हो गया ये सुनकर, ये देखिये मेरा लंड आपकी बात सुनकर दोबारा खड़ा हो गया है”
प्रिया मेम –“हट बदमाश, ये तो हमेशा खड़ा रहता है, पर अभी नही, अब करण के आने का वक्त हो चला है”
कुशल –“क्या मेम, आपने तो पूरा मजा ही खराब कर दिया, अच्छा मेम आपने अंकल के अलावा किस किस का लंड देखा है बिलकुल करीब से”
प्रिया मेम –“तेरा.....और....और......”
कुशल –“और किसका मेम”
प्रिया मेम –“और क....क्र...करण का.....”
कुशल –“क्या....कब...कैसे........”
प्रिया मेम –“अरे कैसे क्या, वो एक दिन मैं गलती से बाथरूम में सीधा घुस गयी, तो अंदर करण अपने लंड पर हाथ कसके जोर जोर से मुठ मारे जा रहा था, तभी अचानक मैंने देख लिया, बस और किसी का नही देखा तुम दोनों के अलावा”
कुशल –“वैसे मेम, करण का लंड कैसा लगा आपको, मतलब कितना बड़ा है”
प्रिया मेम –“ये कैसी बाते करवा रहा है तू मुझसे, भला कोई माँ अपने बेटे के लंड के बारे में बात करती है क्या” प्रिया बोल तो रही थी पर उसे इन बातो से अजीब सी उत्तेज़ना महसूस हो रही थी, और ये चीज़ कुशल भी जानता था क्यूंकि वो तो खुद कई बार अपनी मोम को चोद चूका था
कुशल –“मेम, प्लीज़ बताइए ना, कैसा लगा आपको करण का लंड, कितना बड़ा था?”
प्रिया मेम –“हय्य.....तू...भी ना......सच में बहुत ही प्यारा लंड था रे उसका.....हा लम्बाई में तुझसे छोटा था पर अपने बाप से तो बड़ा ही था.....हाँ और मोटा तो तेरे ही बराबर का था रे........”
कुशल –“आपको पसंद आया ना मेम अपने बेटे का लंड” कुशल प्रिया मेम को गरम किये जा रहा था
प्रिया मेम –“हय्य...बहुत पसंद है रे...पर क्या करूं ...वो तो मेरा बेटा है......”
कुशल –“तो मैं भी तो आपके बेटे जैसा ही हूँ, अगर मैं आपको चोद सकता हूँ तो वो क्यूँ नही...वैसे भी मेम आपको पता है क्या कि करण को भी मेरी तरह बड़ी उम्र की ओरते ही अच्छी लगती है”
प्रिया मेम –“सच्ची......” प्रिया की आँखों में एक अजीब सी चमक आ गयी थी
कुशल –“और नही तो क्या मेम, उसे तो आप मतलब आपकी उमर की औरतें ही पसंद आती है ज्यादा”
प्रिया मेम –“हय्य.....पर मैं तो उसकी माँ हूँ ना, क्या वो मेरे बारे में भी ऐसा ही सोचता है” प्रिया की उत्तेजना अब पल प्रतिपल बढती ही जा रही थी
कुशल –“हो सकता है मेम, क्या आपने कभी उसे आपको घूरते हुए या, आपकी गांड या बूब्स की तरफ देखते हुए पकड़ा है”
प्रिया मेम –“अरे हाँ, ये तो मैंने कई बार नोटिस किया है कि जब भी मैं झुकती हूँ, झाड़ू वैगरह लगाने के लिए तो मुझे ऐसा लगता है मानो करण मेरे ब्लाउज के अंदर झाँकने की कोशिश करता है, और मेरे पीछे मुड़ते ही शायद मेरी गांड भी ताड़ता है”
कुशल –“इसका मतलब साफ है मेम, कि करण आपकी चुदाई करना चाहता है”
ये सुनकर तो प्रिया की उत्तेजना आसमान तक चढ़ गयी, उसने तुरंत कुशल के लंड को अपने हाथो से पकड़ा और पलक झपकते ही उसे अपने मुंह में ले लिया
कुशल के लंड को ऐसी गर्माहट मिलने की ही देर थी कि वो फिर से अपनी ओकात में आने लगा, कुशल अब जोर लगाकर प्रिया मेम के सर को पकड़ा और अपने लंड को उसके मुंह में जोरदार तरीके से अंदर बाहर करने लगा
थोड़ी देर तक ऐसे ही प्रिया मेम के मुंह को चोदने के बाद कुशल ने प्रिया मेम को पकड़ा और उसे सीधा लेटा दिया और खुद उसके दोनों टांगो के बिच आ गया
फिर एक सेकंड में उसने अपने तने हुए लंड को पकड़ा और सीधा निशाना लगाकर प्रिया मेम की चुत में पेल दिया , और फिर बस ताबड़तोड़ धक्के पेलने शुरू कर दिए
कुशल (धक्के लगाते हुए ) –“प्रिया मेम.... हय्य्य्य.......ये सोचो कि आपकी फुद्दी मैं नही बल्कि आपका बेटा करण मार रहा है”
प्रिया मेम –“ उन्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह श्ह्ह्ह्ह्ह
गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प गलपप्प्प्प्प्प्प
आराम्म्म्ममममम सीईई अहह
उःन्ह्ंहंहंहंह्न
बेटेयाआया नहियीईईईई अन्न्णणन् उःन्णणणन् मुझे छोड़ दीईईई
श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
श्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह
उफफफफफफफ्फ़
आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह खा जाओ मेरी चूत पूरी पी जाओ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह ओह करण मेरे राजा बेटा और जोर से चोदो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह अपनी मोम की चुत आह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह,
हाऽऽऽऽऽऽऽयय्यय मजाऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽऽऽ रहाऽऽऽऽऽ है”
फिर कुशल ने प्रिया मेम को अपनी गोद में खींच कर उसकी टांगों को अपनी गोद के दोनों ओर किया और प्रिया मेम ने भी अपनी गाँड़ उठाकर अपनी बुर के मुँह में कुशल के टनटनाते लौड़े को रखा और धीरे से उस पर बैठने लगी, अब प्रिया मेम ने पूरा नीचे होकर कुशल का का मोटा लौड़ा अपनी बुर में निगल लिया
कुशल ने उसके दोनों चूतरों को पकड़ा और उसकी कमर को उछालकर अपने लौड़े पर दबाकर चुदाई करने लगा, प्रिया मेम भी हाऽऽऽऽय करके अपनी गाँड़ उछालकर उसके लौड़े पर ऊपर नीचे हो रही थी, कुशल ने अपनी एक ऊँगली में थूक लगाया और उसकी गाँड़ में डाल दिया, वो आऽऽऽऽऽऽह कर उठी और भी ज़ोर ज़ोर से चुदाई करने लगी, उसकी टाइट बुर में उसका मोटा लौड़ा जैसे फँस सा रहा था, कुशल ने महसूस किया कि बेटे के नाम से ही प्रिया मेम और भी ज्यादा मस्ती में आकर चुदाई करने लगी है,
कुशल सोच रहा था कि सच में प्रिया मेम की फुद्दी बहुत टाइट थी, कुशल भी अब मस्ती से नीचे से धक्के मारने लगा और इधर प्रिया मेम की सिसकारियाँ निकलने लगीं,
कुशल –“मम्मी कैसा लग रहा है अपने बेटे के लंड से चुद कर”
प्रिया मेम –“हय्य्यय्य....मजा आ रहा है करण बेटा, बस ऐसे ही चोद अपनी मम्मी को, कब से प्यासी है तेरी मम्मी पर तू तो देखता ही नही, हय्य्य .....आज तेरे लंड से चुदकर मैं तो निहाल ही हो गयी हूँ रे....हाययय...आह्ह्ह्ह....और जोर से...........चोद दे मुझे करण बेटा.......चोद अपनी चुद्दक्क्ड मम्मी को...”
कुशल –“हाँ....मम्मी......अब तो मैं तुझे रोज़ ऐसे ही चोदुंगा...बोल चुदेगी अपने बेटे से.....रोज़”
प्रिया मेम –“हाँ चुदुंगी.......रोज़ चुदुंगी....सुबह शाम रात....जब तू चाहेगा तेरी मम्मी चूत लेकर हाज़िर हो जाएगी......बस तू ऐसे ही चोदना मुझे.....मेरे बेटे...”
कुशल को ये देखकर मजा आ रहा था कि आखिर प्रिया मेम अपने बेटे से चुदने के लिए राज़ी तो हुई, अब बस करण के मन की परख करनी थी उसे कि करण क्या अपनी मम्मी को चोदने के लिए तैयार है, अगर ऐसा हुआ तो वो दोनों मिलकर प्रिया मेम की चुत और गांड साथ मारेंगे [/b][/b][/b][/b]
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