RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
“ओह्ह्ह तो आज ये इतना आक्टिव उसी के बारे मे सोच कर हो रहा है………” उस लेडी का इशारा शायद आराधना की तरफ ही था. आराधना थोड़ा और ज़्यादा झुकती है……..ओह्ह्ह माइ गॉड……… उसे एक विकराल लंड दिखाई देता है. आराधना इससे पहले की और कुच्छ देर उसे देख पाती कि वो लेडी उसे मूँह मे भर लेती है
इस सीन ने आराधना की चूत को हिला कर रख दिया था और वो ये सोच कर एग्ज़ाइटेड थी कि खुद उसके रूप को देख कर ही उस आदमी का लंड ऐसा खड़ा हो गया था. आराधना और ज़्यादा देखना चाहती थी लेकिन तभी उसे मोबाइल की बेल सुनाई देती है जोकि उसी के रूम मे था. उसने वहाँ से हटना ही सही समझा और वो भाग कर अपने रूम मे आ जाती है.
फोन पंकज का ही था. “ हेलो डॅड………” आराधना पूछती है.
“ आरू….हाँफ क्यू रही है…..सब ठीक तो है ना………..?” पंकज को आराधना की सांसो से आइडिया लग जाता है कि वो हाँफ रही है.
“ नही वो बाथरूम मे थी और भाग कर बाहर निकली हू…………… आप कहाँ है??” आराधना पूछती है.
“ मैं बस पास मे ही हू… कुच्छ चाहिए तुम्हे…..?” पंकज पुछ्ता है.
“ नही बस आप आ जाइए…..” आराधना की इस बात से फोन डिसकनेक्ट हो जाता है. फोन काटने के बाद भी आराधना का माइंड पता नही उस रूम मे हो रही आक्टिविटीस पर था लेकिन अब पंकज आने वाला था तो उसने रूम मे रुकने का डिसिशन लिया…..
दूसरी तरफ
कुशल सोकर उठता है और अपने बेड पर हाथ फिराता है लेकिन उसे प्रीति दिखाई नही देती. वो समझ जाता है कि वो उठ चुकी है. कुशल भी अपने बेड से खड़ा होता है और गॅलरी मे आता है.
गॅलरी मे आते ही एक मीठी खुसबु उसकी सांसो से टकराती है, वो नज़रे घुमाता है तो जैसे प्रीति को देखकर बेहोश ही हो जाता है. वो एक डीप नेक टीशर्ट पहन कर कहीं जाने की तैयारी कर रही थी, उसकी टीशर्ट इतनी डीप नेक थी कि उसकी ब्रा भी दिख रही थी. ब्रा क्या उसके बूब्स भी ज़्यादा छिप नही रहे थे,
“कहाँ चली सुबह सुबह…………..?” कुशल प्रीति से पूछता है
“ तुझसे मतलब……” और प्रीति स्टाइल मे अपने बाल झटकते हुए आगे बढ़ने लगती है.
“ क्या हमारी याद तभी आती है जब छूट मारनी होती है……………..” कुशल पीछे से उसे ताना मारता है.
प्रीति रुकती है, उसकी गान्ड अभी कुशल के सामने थी. वो स्टाइल मे पीछे मुड़ती है और बालो मे हाथ फिराते हुए फिर से कुशल की तरफ बढ़ती है.
“ तुझे सुबह सुबह ये गंदी बाते करने के सिवाय कुच्छ और काम नही है……. क्या मैं कहीं अपने काम से नही जा सकती”. प्रीति कुशल की आँखो मे देखते हुए जवाब देती है
कुशल आगे बढ़ता है और उसकी चेहरे के करीब आते हुए बोलता है कि –“ऐसे रूप मे बाहर जाएगी तो पुच्छना ही पड़ेगा ना…..वैसे कसम से सुबह सुबह एक राउंड हो जाए तो तेरी जवानी मे निखार आ जाए……” कुशल अपने लिप्स प्रीति के लिप्स की तरफ बढ़ाता है.
प्रीति उसके लिप्स अपने लिप्स के करीब आते ही उस पर एक उंगली रख देती है और कहती है – “ तू उसकी जवानी पे निखार ला जिसके लिए कल तू मुझे बंद कर के भाग गया था….. सुबह सुबह राउंड भी उसी के साथ कर……..” और ये बोल कर प्रीति वापिस घूम कर नीचे की तरफ जाने लगती है.
“ अब अपना दिल काट कर तो तुझे यकीन नही दिला सकता कि मैं मास्टरबेशन ही कर रहा था……… और तुझे यकीन नही है तो मत कर…..” कुशल पीछे से एमोशनल डाइलॉग मरता है.
“ दिल तो क्या तू कुच्छ भी काट कर दिखा दे…….. मुझे यकीन है कि कल तूने किसी और के भी साथ……… लेकिन मुझे इस बारे मे कोई बात नही करनी……” और ये बोल कर प्रीति धीरे धीरे नीचे उतर जाती है.
अब प्रीति घर से बाहर आ चुकी थी. अभी तक कुशल को भी आइडिया नही था कि इतना सेक्सी बन कर वो कहाँ जा रही है. आक्च्युयली मे आज प्रीति का प्लान कहीं बाहर घूमने का था वैसे भी वो घर से बाहर कहीं नही जाती है जबसे उसके एग्ज़ॅम ख़तम हुए है.
वो आज सीधा आराधना के कॉलेज पहुँचती है. अभी तक भी कुच्छ आइडिया नही था कि आख़िर उसके माइंड मे क्या चल रहा है, कॉलेज मे एंटर होती है. कॉलेज मे एंटर होते ही उसकी चाल ऐसी हो जाती है जैसे कोई मॉडेल रॅंप पर चल रही हो, उसकी चाल मे एक मेचुरिटी थी जो कि अच्छी अच्छी सेक्सी लड़कियो मे भी नही होती है. एंट्रेन्स से ही कॉलेज के लड़के उसको ऐसे देखने लगे जैसे कॉलेज मे कोई बिजली कड़क रही हो, प्रीति को खुद भी इस बात का अहसास था तभी तो आज इतना सेक्सी मेक अप करके आई और उसका पूरा फ़ायदा उठना चाहती थी.
लड़कियो को अपने रूप से उतनी ही शांति मिलती है जितना की बाकी लड़के उसे देखते है, और प्रीति ने तो आज कॉलेज मे वो माहौल कर दिया था की हर लड़का उसी को देख रहा था. कुच्छ लड़को ने कॉमेंट भी गये जिन्हे प्रीति ने हंस कर टाल दिया.
प्रीति अभी कॉलेज मे एंटर होकर थोड़ी दूर ही चली थी एक रोमॅंटिक सी विज़ल उसके कानो से टकराती है. प्रीति उसे कानो से सुनती तो है लेकिन मूड कर देखती नही –
“ क्या बात है…..?” उसके कानो मे फिर ये आवाज़ टकराती है. प्रीति रुकना तो नही चाहती थी लेकिन सेकेंड के हजारवे हिस्से से आवाज़ आई कि ये तो किसी लड़की की आवाज़ है. हाँ ये तो किसी लड़की की आवाज़ है……. उसका माइंड फिर बोलता है. ये सोचते ही वो मुड़ती है –
“ हाई दीदी………….” प्रीति को सिमरन दिखाई देती है, आक्च्युयली प्रीति की तरफ विज़ल बजाने वाली और वो आवाज़ देने वाली सिमरन ही थी. वो भी क्या गजब रूप मे थी, अल्ट्रा लो वेस्ट जीन्स और टॉप. टॉप भी बहुत शॉर्ट था, जिससे उसकी नेवेल क्लियर दिख रही थी. बाल खुले हुए थे और एक मस्त सेक्सी खुसबु आ रही थी उसमे से, उसकी लिप स्टिक का कलर ज़्यादा डार्क नही था लेकिन लिप्स को देख कर ऐसा लग रहा था जैसे उन पर हनी पड़ा हो
“ हाई प्रीति…….. स्वीटी आज यहाँ कैसे बिजली गिरा रही है….” सिमरन आगे बढ़ प्रीति को हग करते हुए बोलती है. सिमरन एक मस्त लड़की थी तो हग करने के टाइम वो अपने बूब्स से प्रीति के बूब्स को थोड़ा सा प्रेस कर देती है लेकिन प्रीति उसकी इस आक्टिविटी को इग्नोर करती है.
“ दीदी बिजली तो आप गिरा रही हो…..कसम से……..क्या बताऊ मैं आपके बारे मे कि कैसी लग रही हो…….” प्रीति सिमरन को उपर से नीचे तक देखते हुए बोलती है.
“ अबे तू तो ऐसे देख रही है जैसे लड़के भी नही देखते…….हे हे हे हे. एनीवे ये बता कि क्या अपनी बहन की कमी पूरी करने आई है क्या कॉलेज…….” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ नही तो मेरी एक….. एक फ्रेंड है इस कॉलेज मे….सोचा कि उससे मिल लू………..” प्रीति की आवाज़ मे लड़खड़ाहट थी.
“ ओये होये……ऐसी कौन सी फ्रेंड आ गयी स्वीटी अचानक इस कॉलेज मे…. जिससे मिलने तू ये टी-शर्ट के बटन खोल कर आई है…………” सिमरन भी कोई नादान लड़की नही थी और वो समझती थी कि प्रीति कुच्छ छिपा रही है.
“ दीदी…… क्या बताऊ……बटन बंद ही नही होते…… हा हा हा हा हा” प्रीति भी रोमॅंटिक अंदाज़ मे इस बात को टालते हुए बोलती है. खैर दोनो बात करते करते कॅंटीन मे आ जाती है और एक कॉर्नर मे आकर बैठ जाती है.
“ अच्छा अब बाते ना बना और ये बता कि क्या खाएगी………” सिमरन उठ कर कुच्छ लाने के लिए जाते हुए पुचछती है.
“ वोही जो कल रात तूने खाया था मेरे भाई से……….” प्रीति बहुत ही लो वाय्स मे बोलती है जिसे उसके सिवाय कोई और नही सुन सकता था.
“ क्या कहा तूने……?” सिमरन रुक कर पूछती है.
“ वो दीदी मैं तो बस जूस लूँगी……….” प्रीति उसे रिप्लाइ करती है. सिमरन वापिस मूड कर काउंटर पर चली जाती है. प्रीति की निगाहे उसकी मतकती हुई गान्ड पर जाती है जोकि लो वेस्ट जीन्स मे और भी गजब ढा रही थी.
“ साली ने कुशल से मरवा मरवा कर देखो क्या सेक्सी फिगर कर ली है………” प्रीति अपने मन मे सोचती है. दर असल उसे पूरी रात ऐसा लगता रहा जैसे की कुशल रात सिमरन के साथ ही था और वैसे भी दोनो घर आस पास ही है.
सिमरन जूस लेकर आती है और प्रीति के सामने चेर पर पाँव पर पाँव रख कर बैठ जाती है –
“ दीदी क्या खा रही हो आज कल….फिगर बहुत गजब कर रखा है……” प्रीति जूस का ग्लास अपने हाथ मे लेते हुए बोलती है.
“ मैं खाती भी हू और पीती भी……..” सिमरन प्रीति के करीब आते हुए और बहुत ही रोमॅंटिक अंदाज़ मे बोलती है. आक्च्युयली ये उसका नेचर ही था.
“ क्या…??” प्रीति उसकी ये बात सुनकर पूछती है.
“ खाना खाती हू और जूस पीती हू…… क्यू तूने क्या सोचा….??” सिमरन अपनी आँखो को बड़ा करते हुए प्रीति से पूछती है.
“ नही……कुच्छ नही….. आप भी ना… बहुत फन्नी हो……..” प्रीति जूस पीते हुए बोलती है.
“ अच्छा चल अब सच सच बता की कॉलेज का राउंड कैसे लगा…. कोई बॉय फ्रेंड वॉय फ्रेंड का तो चक्कर नही है. अगर है तो मुझे बता दे, आज ही तेरा टांका फिट करा देती हू………………” सिमरन फिर से मज़ाक मे बोलती है.
“ नही दीदी… ऐसी बात नही है. मुझे ऐसा कोई पसंद नही है………..” प्रीति भी उस बात को टलने के लिए जवाब दे देती है.
“ क्या……तुझे लड़के पसंद नही…………..??” सिमरन भी अपने बटन बंद करते हुए आक्टिंग करते हुए बोलती है.
“ नही… नही ऐसी बात नही है. मुझे पसंद है लेकिन अभी तो कोई नज़र मे नही है…… और वैसे भी अभी तो बच्ची हू मे……..” प्रीति भी शरमाते हुए बोलती है.
‘ ओह्ह्ह… शुक्र है. मैं तो डर गयी की कहीं हमारी प्रीति को लड़कियाँ तो पसंद नही आने लगी… हे हे हे हे हे”.
“ हा हा हा हा….. मज़ाक बहुत करती हैं आप….. आप बताइए कि आपको क्या पसंद है. लड़की कि लड़के……….” प्रीति पूछती है.
“ आज सुबह तुझे देखा तो लगा कि लड़कियो को पसंद करना ही शुरू कर दू……….. सच मे ग्रेप्स से ऑरेंज बनती जा रही है.” सिमरन प्रीति के बूब्स की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ दीदी….. अब ये चीज़े हमारे हाथ मे तो होती नही………” प्रीति का इशारा था कि बूब्स का इतना बढ़ना तो नॅचुरल है.
“ हाँ भाई ये हमारे हाथ मे नही…. ये तो उसके हाथ मे है जिनके हाथो मे ये होते है…. हा हा हा हा हा” सिमरन भी कहीं पर मज़ाक करने से नही चूकती थी.
“ वेरी फन्नी…….” प्रीति भी हंस कर उसकी बात को टाल देती है.
“ चल छोड़ और बता घर पे सब कैसे है…. कुशल कैसा है… मोम कैसी है?” सिमरन पूछती है
“ मुझे पता था यू बिच कि पहले तू कुशल के बारे मे ही पुछेगि……………” प्रीति अपने मन मे ही सोचती है
“ वो तो सब वैसे ही है जैसे आपने छोड़े थे……” प्रीति का मतलब था कि वो सब वैसे ही है जैसे कि आपने कल रात छोड़े थे.
“ गुड….” सिमरन जूस के सीप लेते हुए बोलती है.
“ गुड तो बोलेगी ही……..” प्रीति फिर से मन मे सोचती है.
“ और सुना……. क्या चल रहा है लाइफ मे…. कोई मिला या नही अभी तक…..” सिमरन बात को आगे बढ़ाती है.
“ मुझे कोई नही मिला अभी तक तो…….” प्रीति उसे जवाब देती है.
“ तो रात को कैसे सोती है मेरी स्वीटी…………… नींद आ जाती है…………..” सिमरन उसके गालो को खींचते हुए बोलती है.
“ आप कैसे सोती हो रात मे…………” प्रीति तो बस उसके मूँह से पता नही क्या सुन ना चाहती है.
“ मेरी मत पुच्छ यार……. मैं तो रात को सोती ही नही हू…………… लेकिन किसी और रीज़न से………… हे हे हे हे हे” सिमरन तो आज भी पहले की तरह ही मस्त थी.
“ सोएगी कैसे जब कुशल से सारा काम कराएगी तो…..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.
“ तो फिर क्या करती हो रात को आप……..” प्रीति भोला बन कर पूछती है.
“ मैं………ह्म्*म्म्ममममममम……….क्या बताऊ…… तुझे आराधना बता देगी कि मैं क्या करती हू…………….” सिमरन उसे बताती है.
“ ओह्ह कहीं आराधना दीदी ने ही तो कुशल और सिमरन का कनेक्षन तो नही करा दिया… बड़ी पहुँची हुई निकली आराधना दीदी तो…….भाई और सहेली दोनो का भला करा दिया और मुझे भूल गयी………” प्रीति अपने मन मे सोचती है.
“ मेरे लिए तो आप भी आराधना दीदी जैसी ही हो…. आप ही बता दो ना कि क्या करती हो रात को आप…………………” प्रीति फिर से भोला बनते हुए बोलती है.
“ क्या बात है प्रीति……. बड़ी बेताब है जान ने के लिए………….. कहे तो प्रॅक्टिकल करके बता दू…………..” सिमरन ने ये बात भी मज़ाक मे ही कही थी.
“ बता दो ना…………” प्रीति भी बड़े रोमॅंटिक अंदाज़ मे सिमरन की तरफ देखते हुए बोलती है.
“मजबूर हू……. मेरे पास एक चीज़ मिस्सिंग है नही तो बता देती कि मैं रात को क्या करती हू………….” सिमरन फिर से जूस पीते हुए बोलती है.
प्रीति उसकी बात का मतलब समझ कर शरमा जाती है. वो ये भी सोचती है कि इतनी मस्त लड़की आराधना दीदी की फ्रेंड कैसे है.
“ तो तू शरमाती भी है……… मेरी जान लाइफ एक है. और वैसे भी इन सब बातो से कौन बच पाता है………..” सिमरन बोलती है.
“ तो आप अभी तक बची हुई हो या नही………….” प्रीति का इशारा था कि चुद चुकी हो या नही.
“ आज के टाइम मे कौन बचा होता है….. और सच बोलू…….. बचा के करना भी क्या है……….. हा हा हा हा हा हा…….” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ कसम से दीदी मस्त हो आप भी…… आराधना दीदी आपकी कैसे फ्रेंड बन गयी…………..” प्रीति उसकी आँखो मे देखते हुए बोलती है.
“ वाकई मे यार आराधना तो कई बार मुझे भी बोर कर देती है लेकिन अब धीरे धीरे लाइन पर आ रही है……” सिमरन प्रीति को बताती है.
सिमरन खड़े होते हुए बोलती है.
“ दीदी आपको कहीं क्लास वग़ैरा तो नही जाना है ना…..” प्रीति सिमरन से पूछती है.
“ क्लास तो मैं तब भी नही लेती जब आराधान कॉलेज मे होती है. कॉलेज क्लास लेने के लिए नही बना, हाँ बाकी बहुत कुच्छ है यहाँ लेने के लिए……” सिमरन फिर से मज़ाक करते हुए बोलती है.
प्रीति भी अब खड़ी हो जाती है और दोनो कॉलेज की कॅंटीन से बाहर आ जाते है. कॉलेज की गॅलरी मे वॉक करते करते दोनो बात करने लगते है. प्रीति का मेन टारगेट था कुशल और सिमरन के बीच की मिस्टरी को जान ना था.
“ दीदी आपको लड़के कैसे पसंद है……..?” प्रीति साइलेन्स को तोड़ते हुए बोलती है.
“ मुझे…… ह्म्*म्म्मम…. हाइट होनी चाहिए…… चेस्ट मे थोड़ा दम होना चाहिए…. और सबसे खास बात कि वो बेड मे बेस्ट परफॉर्मर होना चाहिए…….” सिमरन अपने पर्स से सिगरेट बॉक्स को बाहर निकालती है और एक सिगरेट को लाइटर से जलाते हुए बोलती है.
“ तो इसने इसीलिए कुशल को चुना……. सहेली का घर भी नही छोड़ा इसने…..” प्रीति अपने मन मे सोचती है.
“ तो आपको कुशल जैसे लड़के पसंद है…………..” प्रीति आख़िर बोल ही देती है.
“ कुशल………ह्म्*म्म्म… हाइट है…..ह्म्*म्म…. चेस्ट भी है………… अबे हाँ यार लेकिन तेरे मन मे कुशल का ख्याल अचानक कैसे आ गया जानी. कहीं लाइन तो नही मार रही है तू अपने भाई पे……. वैसे सही कहा तूने, पर्सनॅलिटी सही है. लेकिन मेरे सामने हमेशा छोटा रहा तो इस नज़र से कभी देखा ही नही…” सिमरन स्मोकिंग करते हुए काफ़ी सेक्सी लग रही थी.
“ मैं क्यू लाइन मारने लगी उस पे…… मैं तो घर के बाहर नही जाती ज़्यादा तो इसीलिए पुच्छ लिया कुशल के बारे मे. आख़िर वो ही तो एक लड़का है जिसे मे देखती हू…………..” प्रीति उसको रिप्लाइ करती है.
“ लाइन मारियो भी मत….. नही तो ये भोले भाले भाई सब कुच्छ मार लेते है……….. हे हे हे हे” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ आपके भाई ने भी कोई हरकत की है क्या…………??” प्रीति बड़े गौर से पूछती है.
“ क्या बात है आज बड़ी एंक्वाइरी कर रही है…. चल घर चलते है वहीं बात करते है…….” सिमरन प्रीति का हाथ पकड़ कर कॉलेज के गेट की तरफ चलते हुए कहती है.
“ स्मोकिंग करती है तू…..?” सिमरन प्रीति की तरफ देखते हुए बोलती है.
“ करी तो नही है लेकिन ऐसा भी नही है कि मुझे कुच्छ परहेज़ है…….” प्रीति जवाब देती है.
“ ये हुई ना फ्रेंड्स वाली बात……. ये ले…….” और सिमरन उसे सिगरेट बॉक्स मे से एक सिगरेट ऑफर करती है.
अभी तक दोनो चलते चलते पार्किंग एरिया मे आ चुके थे. प्रीति जैसे ही सिगरेट मूँह मे लगाती है तो सिमरन अपने दोनो हाथो मे लाइटर लेकर हाथ आगे बढ़ती है और उसकी सिगेरेट जलाती है. इसी दौरान सिमरन के हाथ प्रीति के बूब्स से टच हो जाते है वैसे भी उपर से तो काफ़ी ओपन टी-शर्ट थी उसकी.
“ वेरी सॉफ्ट……” सिमरन प्रीति के बूब्स के टच को रियलाइज़ करते हुए बोलती है. प्रीति भी उसके टच से थोड़ी सी हैरान थी.
सिमरन कार मे आकर बैठती है और दूसरी साइड से प्रीति, दोनो हॉट गर्ल्स स्मोकिंग कर रही थी. सिमरन कार स्टार्ट नही करती और विंडो ग्लास खोल कर बैठ जाती है.
“ तेरे स्मोकिंग स्टाइल से लगता नही है कि तूने कभी स्मोकिंग नही करी है………..” सिमरन प्रीति से बोलती है.
“ स्कूल टाइम मे कभी कभी कर लेती थी…. आप तो समझती ही है कि फ्रेंड्स नही मानती……….” प्रीति उसका जवाब देती है.
“ तेरा साइज़ क्या है????” सिमरन के इस सवाल से प्रीति शॉक्ड हो जाती है, उसको आइडिया नही था कि सिमरन उससे ऐसी बात कहेगी.
“ क्या…. क्या पुच्छा आपने…….” प्रीति शुवर होना चाहती थी कि जो उसने सुना वो सही है या नही.
“ तेरा साइज़ क्या है……….??” सिमरन और भी क्लियर शब्दो मे बोलती है
“ 34 सी………..” प्रीति उसकी आँखो मे देखती हुई जवाब देती है.
“ अनटच है या……….???? सिमरन ये पुच्छना चाहती थी कि किसी ने उसके बूब्स को टच किया है या नही.
प्रीति उसकी इस बात का कुच्छ जवाब नही देती या और वो सोच रही थी कि क्या जवाब देगी. वो विंडो के बाहर देखते हुए स्मोकिंग करती रहती है.
“ खामोशी बता रही है कि हमारी रानी साहिबा काम करा चुकी है…………” सिमरन फिर से मज़ाक करते हुए कहती है.
लेकिन प्रीति अभी भी कुच्छ नही बोलती. सिमरन उसकी बात से थोड़ा सा इरिटेट होती है और अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख कर दबाते हुए बोलती है –
“ सुन रही है स्वीटी……” सिमरन के इस तरीके से बूब्स पे एक बार फिर हाथ रखे जाने से प्रीति शॉक्ड हो जाती है.
“ हाँ दीदी सुन रही हू………..” प्रीति की आवाज़ मे एक कंपन्न थी और चेहरा भी लाल हो चुका था.
“ ओये मेरे टच से ही तू तो ऐसी हो गयी….. क्या बात है…..” सिमरन प्रीति की आँखो मे देखती हुई बोलती है.
“ टच तो टच होता है दीदी…… पता नही कैसा फील होता है…” प्रीति की आइज़ बहुत नशीली हो रही थी.
सिमरन कार स्टार्ट करती है और आगे बढ़ जाती है. प्रीति भी थोड़ी हैरान थी कि पता नही सिमरन ने उसकी इस बात का जवाब नही दिया.
“ दीदी आपके घर मे कौन कौन है….. कभी आराधना दीदी से पुछ्ने का तो टाइम मिला नही………” प्रीति सिमरन से पूछती है
“ मोम, डॅड, मी आंड माइ ब्रदर…. छूटा परिवार आंड खुशियाँ अपार……” सिमरन हंसते हुए बोलती है.
“ आपका एक भाई भी है…… आपने कभी बताया नही…….. आपसे छोटा है या बड़ा है” प्रीति थोड़ा एग्ज़ाइटेड होते हुए बोलती है.
“ बहुत क्रेज़ी हो रही है… मेरा भाई तेरा भी भाई लगता है…. हे हे हे हे हे… जस्ट किडिंग…. मुझसे दो साल बड़ा है. डॅड के बिज़्नेस मे हेल्प करता है…. काफ़ी हॅंडसम भी है………” सिमरन भी हॅपी होते बताती है.
“ दीदी आप तो ऐसे एक्सप्लेन कर रही हो जैसे अपने बॉय फ्रेंड के बारे मे बता रही हो….. कहीं भैया पे लाइन तो नही मार रही हो…….. हे हे हे हे हे” प्रीति भी सिमरन की पहली बात का बदला ले लेती है.
“यार बाते बड़ी बड़ी कर रही है…… चल अब टॉपिक छिड़ ही गया है तो एक बात पुछु माइंड तो नही करेगी…….?” सिमरन प्रीति से पूछती है.
“ आप भी कैसी बाते करती हो…… पुछो जो पुच्छना है. आइ आम ऐन ओपन गर्ल………..” प्रीति भी उसके दिल से बात निकलवाना चाहती थी.
“ अच्छा घर मे कभी ऐसा हुआ है कि ग़लती से तुझे कुशल का वो दिखाई दे गया हो………..” सिमरन को ऐसी बाते करना बहुत पसंद था
“ वो क्या दीदी…..?” प्रीति भी अंजान बनते हुए बोलती है.
“ अबे एक तरफ तो बोलती है कि ई आम आन ओपन गर्ल और दूसरी तरफ ये सब भी नही समझती है वो यानी…….लंड…….” सिमरन भी आख़िर खुल के बता ही देती है.
प्रीति आक्टिंग करती है मूँह पे हाथ रख कर जैसे सिमरन के मूँह से ऐसी बात सुन कर वो शॉक्ड हो गयी हो.
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