RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
" प्रीति ....." स्मृति उसके रूम मे घुस कर उसे आवाज़ लगाती है
प्रीति -" यस मोम...." वो बेड से खड़े होते हुए बोलती है
स्मृति -" बेटे नीचे आ जा और कुशल को भी बुला ला. तेरे डॅड देल्ही जा रहे है...."
प्रीति -" मोम आप बुला लीजिए ना कुशल को...."
स्मृति -" मैं जल्दी मे हू. तू प्लीज़ बुला ला...." और ये कह कर वो वहाँ से चली जाती है.
प्रीति थोड़ा फ्रेश होकर कुशल को बुलाने जाती है लेकिन उसका रूम बंद था और शायद वो सो रहा था. काफ़ी देर नॉक करने के बाद प्रीति भी नीचे चली जाती है. उसके थोड़े पीछे पीछे आराधना भी नीचे चली जाती है लेकिन कुशल का कहीं पता नही होता.
नीचे ग्राउंड फ्लोर पे पंकज जाने को जैसे तैयार ही खड़ा था. उसके पास स्मृति उसके थोड़ी दूरी पर प्रीति खड़ी थी. सबसे पीछे आराधना खड़ी थी. वो तो हाथ बाँध कर ऐसे खड़ी हुई थी जैसे आज उसकी जिंदगी का आख़िरी डे है.
प्रीति -" डॅडी, आप वहाँ रहेंगे कहाँ." प्रीति अपने डॅड से पूछती है
पंकज -" बेटे मेरा होटेल बुक हो चुका है. 15 दिन वहीं रहूँगा....."
प्रीति -" डॅड प्लीज़ देल्ही से कुच्छ ड्रेस लेकर आना. सुना है वहाँ बहुत हाइ फॅशन स्टोर्स है." प्रीति रिक्वेस्ट करते हुए बोलती है. उसकी आँखो मे चमक थी.
पंकज -" ज़रूर लेकर आउन्गा...." और वो बाहर आ जाता है. अपने बॅग को अपनी गाड़ी मे डालता है. आराधना तो पता नही कैसे अपने एमोशन्स को कंट्रोल कर रही थी. इसीलिए वो सबसे पहले खड़ी थी ताकि प्रीति और स्मृति उसको इस हालत मे ना देखे.
पंकज गाड़ी मे बैठने से पहले सबको हग करता है. आराधना भी इस बार भाग कर साइड मे उसे पूरी जान से हग करती है. अपने बूब्स को उसकी छाती मे जैसे बुरी तरीके से गढ़ा देती है. और लो वाय्स मे कहती है -" प्लीज़ जल्दी आना, मैं वेट करूँगी...."
और फिर सब पंकज से अलग हो जाते है. पंकज गाड़ी स्टार्ट करता है, सबको हाथ हिलाता है.
" उस सोतू कुशल से बोल दियो कि मुझे फोन करे...." पंकज जाते हुए बोलता है. कार मे गियर डालता है और कार आगे बढ़ जाती है. पंकज साइड मिरर से देखता है कि स्मृति और प्रीति अंदर जा रही है लेकिन आराधना की निगाहे अभी भी पंकज की कार पर ही थी. धीरे धीरे कार घर से बाहर चली जाती है. आराधना बहुत अपसेट थी.
प्रीति अंदर आकर उपर चली जाती है. वो अपने रूम मे जा ही रही थी कि फिर सोचती है कि एक बार फिर से कुशल को चेक कर लू अगर जगा हो तो. वो फिर से उसके गेट को नॉक करती है...." कुशल..... कुशल......."
थोड़ी देर तक कोई आवाज़ नही आती लेकिन फिर गेट खुलता है. सामने कुशल खड़ा था वो भी बस फ्रेंची मे, उसकी हालत बता रही थी कि वो सो रहा था. प्रीति की निगाहे नीचे उसकी फ्रेंची पर जाती है --" ऊप्स सॉरी ब्रो..... मोम ने बोला था तुझे जगाने को........." प्रीति नीचे उसकी फ्रेंची को देखते हुए बोलती है
कुशल -" क्यू..... मोम क्यू बुला रही है....." कुशल अपनी आँखे मलता हुआ बोलता है.
प्रीति -" वो डॅड देल्ही गये है ना 15 डेज़ के लिए......"
कुशल -( बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड होकर)- " क्या कहाँ तूने..........."
प्रीति -" डॅड 15 दिनो के लिए देल्ही गये है. यानी 15 दिनो तक वो घर पर नही है......."
कुशल ये बात सुनकर इतना एग्ज़ाइटेड हो जाता है कि प्रीति को हग करता है और उसके गाल पे एक किस करता है.
प्रीति उसे थोड़ा पीछे जाते हुए बोलती है -" ब्रो..... कुच्छ पहन ले. और डॅड गये तो तू इतना खुश क्या हो रहा है."
कुशल -" मस्ती और बस मस्ती........." कुशल घूमते हुए बोलता है.
प्रीति -" ये लड़का तो पागल है" और ये कह कर अपने रूम मे जाने लगती है. प्रीति के माइंड मे भी पता नही क्या चल रहा था लेकिन थी बहुत हॅपी आज वो.
आराधना बहुत धीमे धीमे कदमो के साथ अपने रूम मे आ जाती है और रूम बंद कर लेती है. बेड पे लेट ते ही उसकी आँखो से आँसुओ की नादिया बह जाती है. पता नही उसने क्या प्लान बनाए थे और वो सब पानी मे मिल जाते है.
कुशल अपने रूम मे डॅन्स सॉंग्स पे थिरक रहा था. अच्छा सा म्यूज़िक चला कर वो बाथरूम मे जाता है, आज उसको बिल्कुल फ्री फील हो रहा था. वो अपना रेज़र उठाता है और अपने लंड के आस पास के बालो को क्लीन करने लगता है. " आज रात तेरी सारी भूख मिटा दूँगा...... तू परेशान ना हो....." कुशल अपने लंड पर हाथ फिराता हुआ बोलता है.
कुशल अपने लंड के आस पास की जगह अच्छे से शेविंग करने के बाद, उस पर कस कर आयिल की मालिश करता है. क्या गजब लंड लग रहा था उसका. एक अलग ही शाइनिंग थी उसके लंड मे. उसके लंड की नसें क्लियर दिख रही थी. अब तक पता नही था कि आख़िर उसके माइंड मे क्या प्लान चल रहे थे लेकिन आज बहुत हॅपी था वो.इधर प्रीति भी अपनी चरम सीमा पे थी. उसके भी दिल मे पता नही क्या चल रहा था लेकिन हॅपी बहुत थी वो. उसने भी अपने रूम मे घुसते ही सारे कपड़े उतार कर फेंक दिए. बाथरूम मे जाती है और फ्रेश होती है. अपनी चूत को उसने पहले ही क्लीन किया हुआ था और वो एक वर्जिन चूत थी. एक दम मस्त..... खुशी के मारे जैसे उसकी छाती और भी बाहर आ गयी थी. एक अच्छी सी खुसबु वाला पर्फ्यूम लगाती है और एक मस्त लिप ग्लॉस. उसके होंठो मे एक अलग शाइनिंग आ जाती है. वो ब्रा पहन ने ही वाली थी कि पता नही क्या सोच कर वो अपनी ब्रा को साइड मे फेंक देती है. एक बहुत ही ट्रॅन्स्परेंट टी- शर्ट पहनती है, जो कि उसके शोल्डर्स तक थी. और नीचे एक शॉर्ट पहनती है.
आराधना के दिल मे कोई एग्ज़ाइट्मेंट नही था. वो तो अपने रूम मे पड़े पड़े रो रही थी. ऐसे ही करीबन रात के 10 बज चुके थे. स्मृति ने भी कोई सफाई वग़ैरा नही की क्यूंकी कुच्छ परिवार मे किसी मर्द के बाहर जाने बाद उस ईव्निंग सफाई नही करते. वो भी फ्रेश हो चुकी थी. वो उसी सोफे पे बैठी हुई थी जिस पर अक्सर पंकज बैठा रहता था. उसने एक बहुत ही थिन मेटीरियल की रेड कलर की नाइटी पहनी हुई थी, बाल खुले हुए थे और सबसे खास बात ये कि उसके कपड़ो मे भी ब्रा का अहसास नही था.
स्मृति के हाथ मे एक विस्की का पेग था औट वो बहुत ही मस्त स्टाइल मे बैठी हुई पता नही क्या सोच रही थी. शायद उसे अपने हज़्बेंड की याद आ रही थी. लेकिन कभी उसने खुले आम ऐसी नाइटी नही पहनी थी जैसी आज पहनी हुई थी. घर मे अक्सर वो पूरे कपड़े पहन कर ही रहती थी.
सिर्फ़ एक इंसान के जाने से सभी के दिमाग़ मे पता नही क्या क्या चलने लगा था. सभी फॅमिली मेंबर्ज़ के दिल मे अलग अलग प्लान थे लेकिन क्या थे ये किसी को नही पता.
कुशल एक स्लीव्ले टी- शर्ट आंड जीन्स शॉर्ट मे बाहर आता है. वो पहले नीचे जाने की सोचता है लेकिन पता नही क्या सोच कर प्रीति के रूम की तरफ चल देता है.
कुशल जैसे ही गेट पर पहुँचता है तो दोनो एक दूसरे को देख कर शॉक्ड रह जाते है. दोनो ही काफ़ी सेक्सी लग रहे थे, प्रीति के तो बूब्स जैसे झलक दिखला रहे थे.
कुशल -" आज क्या तेरा बॉय फ्रेंड आ रहा है जो इतनी बिजलिया गिरा रही है?". कुशल उसे छेड़ने वाले अंदाज़ मे बोलता है
प्रीति -" मुझे बॉय फ्रेंड का शोक नही है....." प्रीति स्टाइल मे बोलती है
कुशल -( बहुत लो वाय्स मे)-" बॉय फ्रेंड का नही बस लंड का शोक है....."
प्रीति -" क्या कहा तूने अभी....."
कुशल -" मैने...... मैं तो पुच्छ रहा था कि सच बता कि अगर डॅड चले गये है. कहीं मज़ाक तो नही कर रही."
प्रीति -" तू क्या मेरा जीजा लगता है जो तुझसे मज़ाक करूँगी.... डॅड चले गये और उन्होने तुझे बोलने को बोला तो तुझे बता दिया......"
कुशल -" अच्छा बोल ना कि आज कहाँ जा रही है. बहुत ही गजब लग रही है."
प्रीति -" गजब तो मैं हमेशा ही लगती हू...." और वो स्टाइल मे एक वॉटर बॉटल उठाती है.
कुशल -" आज कल अंडर गारमेंट्स पहन ने छोड़ दिए है?"
प्रीति -" मुझे गर्मी बहुत लगती है................." और इसके बाद प्रीति ने वो किया जो कुशल ने सोचा भी नही था. वो उस वॉटर बॉटल से पानी अपनी टी- शर्ट पे गिरा लेती है. उफ्फ ये क्या हो रहा था. प्रीति के टॉप पे पानी गिरते ही वो कुच्छ ऐसी दिख रही थी. ये एक ऐसा सीन था कि कोई सेक्सीयेस्ट से सेक्सीयेस्ट हेरोयिन भी प्रीति से शरमा जाए......
कुशल का लंड फिर से ऐसा हो गया जैसे गरम लोहा. कुशल को कुच्छ समझ नही आ रहा था, और प्रीति तो उसे ऐसे देख रही थी की जैसे कब से प्यासी है.
दोस्तो ऐसा लगता है कि इन 15 दिनो मे खूब धमा चौकड़ी होने वाली है ................................................
कुशल के साथ तो जैसे किस्मत पता नही कैसे मज़ाक कर रही थी. प्रीति की निगाहे बस कुशल के उभरते लंड पे ही थी. कुशल एक पागल घोड़े की तरह होता जा रहा था, लेकिन पता नही क्यू अभी भी वो प्रीति की तरफ नही बढ़ रहा था. प्रीति की आँखो मे वासना सॉफ दिखाई दे रही थी.
कुशल के तो पाँव जैसे पत्थर के हो गये हो. वो अपनी जगह पर खड़ा पता नही क्या सोच रहा था.
प्रीति अब और भी एरॉटिक होती जा रही थी. उसके बूब्स और टिट्स दोनो क्लियर दिख रहे थे उसकी टीशर्ट मे. कुशल को एक जगह खड़े हुए देख कर प्रीति बहुत ही सेक्सी स्टाइल मे बोलती है -
प्रीति -" क्या सोच रहा है?????" प्रीति अपना एक हाथ अपने बूब्स पे रखते हुए बोलती है.
कुशल को तो जैसे होश ही नही था. और पता नही कि वो प्रीति की बात सुन भी रहा था या नही. तभी प्रीति दोबारा तेज आवाज़ मे वही बात बोलती है.
कुशल चोंक जाता है -" क्या...... क्या..... वो मैं तो कुच्छ नही सोच रहा......" कुशल घबराते हुए बोलता है.
प्रीति -" तो इतनी........ इतनी गौर से मुझे क्यू देख रहा है......?" प्रीति अपनी निगाहे नीचे करते हुए बोलती है.
कुशल -" कसम से प्रीति, तूने चाहे जो भी किया लेकिन जवानी फूट फूट कर आ रही है तेरे उपर..... तेरा पति तो मस्त हो जाएगा......."
प्रीति -" ऐसा..... ऐसा क्या है मुझमे......." प्रीति अपनी निगाहे नीचे करके बड़ी स्टाइल मे पूछती है.
कुशल उसकी ये अदा देख कर तेज़ी से दो कदम आगे बढ़ाता है. वो इतनी तेज़ी से आगे बढ़ता है कि जैसे उसे खा जाएगा लेकिन पता नही क्या सोच कर रुक जाता है.
प्रीति उसे फिर देखती है और बहुत ही सेक्सी वाय्स मे बोलती है -
" रुक क्यूँ गया............?" ये बात बोलते बोलते प्रीति अपनी टीशर्ट उतारने लगी थी. लेकिन कुशल के मन मे पता नही क्या चल रहा था. वो वहीं खड़े खड़े दरवाजे की तरफ घूम जाता है. अब उसकी पीठ प्रीति की तरफ थी.
कुशल -" मैं नही चाहता कि मेरा डिन्नर फिर से अधूरा रह जाए....." और ये बोल कर वो दो कदम फिर से बाहर की तरफ बढ़ाता है. बाहर की तरफ यानी प्रीति के रूम के दरवाजे की तरफ.
प्रीति बीच मे ही बोलती है. वो वहीं खड़ी हुई थी जहाँ पहले -"
" ग़लतियाँ होती रहती है. लेकिन अबकी बार डिन्नर तो डिन्नर तेरा ब्रेकफास्ट और लंच भी डेली कराउन्गि वो भी मक्खन मार के...." प्रीति ने इनडाइरेक्ट्ली सारी बात बोल दी
कुशल -" अच्छा.... भाई कितना भूखा है ये तुझे आज दिखाई दे रहा है. लेकिन तबसे कितना तडपा है उसका हिसाब. कौन करेगा......" कुशल अभी भी उल्टा ही खड़ा हुआ था, उसकी पीठ प्रीति की तरफ थी.
प्रीति -" हाई, तेरा ये मर्दाना स्टाइल. कह तो रही हू कि डेली तुझे इतना खाना खिलाउन्गि की तेरा पेट हमेशा भरा रहेगा..... और हाँ फ्रेश आंड अनटच खाना है मेरे पास....". कुशल पीछे मूड कर देखता है तो प्रीति का इशारा अपनी चूत की तरफ था.
कुशल फिर से प्रीति की तरफ बढ़ता है. वो चलते चलते प्रीति के बहुत करीब पहुँच जाता है. दोनो की नज़रे एक दूसरे से मिलती है. कुशल की निगाहे प्रीति के जुवैसी लिप्स पे और प्रीति की निगाहे कुशल की निगाहो पर थी. प्रीति कुशल को बड़े प्यार से देखे जा रही थी, धीरे धीरे कुशल अपने आप को झुकाता है और अपने लिप्स प्रीति के बूब्स की तरफ ले जाता है. सीन ऐसा था जैसे वो प्रीति के बूब्स को किस करने जा रहा है. प्रीति ने भी बेजीझक होकर अपने दोनो बूब्स को और थोड़ा बाहर की तरफ कर दिया जिससे कुशल उन्हे सही के चूस पाए. लेकिन कुशल फिर से सीधा खड़ा होता है और उसके चेहरे पर एक कातिल मुस्कान थी.
प्रीति भी उसके चेहरे के भाव को समझ नही पाती. प्रीति के दिमाग़ मे हज़ारो सवाल उमड़ रहे थे उन सेकेंड्स मे...
प्रीति -" क्या हुआ.....?" प्रीति कुशल की आँखो मे देखती हुई बोलती है
लेकिन कुशल फिर से कुच्छ नही बोलता और तेज़ी से मूड कर बाहर जाने लगता है. प्रीति के साथ तो पता नही किस्मत अब कैसा खेल खेल रही थी. जैसे जैसे कुशल के कदम बाहर की तरफ बढ़ रहे थे वैसे वैसे प्रीति के दिल की धड़कने बढ़ती जा रही थी. प्रीति ने सेकेंड के हजारवे हिस्से मे डिसिशन लिया- और भाग कर वो कुशल की पीठ से चिपक जाती है. प्रीति के नंगे बूब्स अब कुशल की पीठ से चिपके हुए थे-
प्रीति -" क्या हुआ राजा..... कहाँ जा रहा है..... अपनी मर्दानगी की दो बूँद हमारी ज़मीन पर भी गिरा दे...." प्रीति तो जैसे अपना कंट्रोल खो चुकी थी.
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