RE: antervasna फैमिली में मोहब्बत और सेक्स
आराधना – “ बस ठीक हू तू बता क्या चला रहा है”
सिमरन – “ बस यहाँ भी सब ठीक है, बोर हो रही थी सोचा तुझसे बात कर लू. और घर पे सब कैसे है”.
अर्धना – “सब ठीक है यार, सनडे को डॅड शॉपिंग करने ले जा रहे है विद ऑल फॅमिली”.
सिमरन –“ ओये होये क्या बात है, इस बार तो खरीद ले कुच्छ सेक्सी आइटम्स जो तेरी बॉडी को शो ऑफ कर सके. कब तक सती सावित्री बनी रहेगी, कभी कभी तो बिजली गिरा दिया कर अपने मोहल्ले पड़ोस मे भी. “
आराधना – “ ओये मेडम मे ऐसी लड़की नही हू, ओके. और ना ही मेरा एरिया ऐसा है जिसमे ऐसे लोग रहते है. ये काम तू ही कर और मुझे मत सिखा”.
सिमरन – “ हर किसी का लाइफ जीने का तरीका होता है, जैसी तेरी मर्ज़ी. लेकिन चल सनडे को मेरी हेल्प कर दे ना यार, मुझे अपने बॉय फ्रेंड से मिलना है और तेरे घर कोई नही है प्लीज़ क्या हम वहाँ आ जाएँ.”
आराधना –“ क्यू घर मे ही क्यू, कहीं बाहर नही मिल सकते हो”
सिमरन – “ हमेशा ग़लत ही सोचेगी. यार बाहर गर्मी है और फिर रेस्टोरेंट का क्राउड और पार्क मे तो आज कल लड़की और लड़के का मिलना ही गुनाह है. अगर तू हेल्प कर देगी तो तेरे यहाँ मिल लूँगी लेकिन अगर तू नही चाहती तो रहने दे”. सिमरन ने इनोसेंट बनते हुए कहा.
आराधना –“ ऐसी बात नही है सिमरन बस डर लगता है कि पता नही सब क्या कहेंगे, वैसे मुझे तुझ पे पूरा भरोसा है तो तू आ सकती है लेकिन कोई नॉटी हरकत नही ओके”.
सिमरन – “ ये हुई फ्रेंड्स वाली बात, तू टेन्षन ना ले और मस्त रह. हम वहाँ थोड़े टाइम रहेंगे और चले जाएँगे. चल अब तू रेस्ट कर थक गयी होगी. कल मिलते है”.
आराधना –“ ओके चल बाइ”.
इधर स्मृति और पंकज अपने बेड रूम मे मिलते है.
स्मृति –“ ये कैसी हरकते करते हो बच्चो के सामने”.
पंकज – “ क्यू कैसी हरकत कर दी मेने?”
स्मृति -“ ज़्यादा बनो मत तुम्हे पता है कि वो बच्चो के रहते मुझे फ्लाइयिंग किस देने की बात कर रही हू”. बेड पे बैठे हुए स्मृति ने अपना फेस दूसरी साइड गुस्से मे करते हुए कहा.
पंकज –“ जिसकी वाइफ इतनी सेक्सी ही वो बेचारा क्या करे, बच्चो के जाने का इंतेज़ार? इतना सब्र कैसे करू”. पंकज स्मृति के करीब जाते हुए ये बात कहता है और स्मृति का एक हाथ पकड़ कर अपने प्राइवेट पार्ट पर रख देता है.
स्मृति –“ ओह माइ गोद, ये फिर से रेडी है. क्या खिलाते हो इसे और प्लीज़ अभी मूड मत बनाना क्यूंकी मेरा कोई मूड नही है. वैसे भी बच्चे अभी घर मे है”. स्मृति ने अपना हाथ वहाँ से हठते हुए कहा.
पंकज –“ अगर मूड नही है तो बनाओ ना जान, देखो मेरा शेर कितना भूका है”. और फिर से स्मृति का हाथ पकड़ कर अपने उसी पार्ट पर रख देता है.
धड़ाक’ और तभी बेडरूम का गेट खुलता है और कुशल अंदर आता है. तीनो शॉक्ड हो जाते है और तभी स्मृति अपना हाथ हठाते हुए.
स्मृति – “ येस सन , व.. व्हाट यू नीड”. उसकी आवाज़ मे हकलाहट थी.
कुशल – “ कुच्छ नही … सॉरी “ और मुकुराते हुए बाहर आ जाता है. स्मृति गुस्से मे पंकज की तरफ देखती है और कहती है.
सिमरन –“ देखा, हमेशा बे सबरे हुए रहते हो. पता है बच्चो पे कैसा असर पड़ेगा इन सब चीज़ो से”.
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