RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
अजय ने सोनू को अपनी बाँहो में भर कर उसके दूध दबाते हुए कहा यह तो बहुत मजेदार बात है ला रोहित से मेरी बात करा तभी संगीता की गान्ड्के पीछे से रोहित ने उसे बाँहो में भर कर चूम लिया तब संगीता ने कहा लो भैया लाइन पर है और फिर फोन रोहित ने लिया तो अजय ने सोनू को चूमते हुए रोहित से कहा छोटे दारू पिएगा, तब रोहित ने संगीता के बोबो को चूसने के बाद उसके गालो को चूम कर कहा क्यो नही भैया, तब अजय ने कहा आज हम ड्रिंक करके सारी रात मस्ती करते है बोल कैसा रहेगा
तब रोहित ने कहा ठीक है भैया जल्दी आ जाओ में और भाभी आपका वेट कर रहे है और फिर अजय नेफ़ोने रख कर सोनू को सारी बात बताई उसकी बात सुन कर सोनू की चूत में पानी आ गया फिर अजय ने बताया कि रोहित तेरी भाभी को भी चोद चुका है तब सोनू ने कहा तुम दोनो भाई बहुत चुड़क्कड़ हो तब अजय ने कहा हम दोनो चुड़क्कड़ भाइयो को बीबी भी तो बड़ी चुड़क्कड़ मिली हैउसकी बात सुन कर सोनू मुस्कुरा दी और फिर एक वाइन शॉप से अजय ने दारू की बोतल ले ली और कुछ खाने का पॅक करवाया और घर आ गये,
जब तक वह घर आए रोहित कुर्ता पाजामे में आ चुका था और संगीता नेट वाले पिंक गाउन में आ गई थी घर पहुच कर सोनू और अजय ने भी चेंज किया अजय लूँगी बनियान में आ गया और सोनू ने वाइट कलर का गाउन पहन लिया था, दोनो रंडिया बड़ी कातिल लग रही थी और दोनो भाइयो के लंड पूरी औकात में खड़े हुए थे और संगीता और सोनू ने पेग बनाना शुरू किया और फिर जाम स्टार्ट हो गये,
अजय जाम पीते हुए सोनू के उठे हुए बड़े बड़े दूध को पी जाने की नज़र से देख रहा था और सोच रहा था कि इन्हे मसल्ने में कितना मज़ा आया था, उधर रोहित की नज़रे बार बार भाभी की गदराई जवानी को पी रही थी,
अजय : अच्छा एक बात बता रोहित सोनू को तूने ही पसंद किया था या तुझे भाग्य से इतनी खूबसूरत बीबी मिल गई
संगीता : अच्छा जी तुम तो ऐसे पूछ रहे हो जैसे कुछ जानते ही नही, सबको अच्छे से पता है कि सोनू और में इस घर में तुम्हारे पापा की पसंद से आई है
अजय : हाँ में तो भूल ही गया था कि तुम दोनो खूबसूरत औरतो को पापा ने ही पसंद किया था
सोनू ; मुस्कुराते हुए कहने लगी भैया दोनो नही तीनो तब उसकी बात समझ कर संगीता ने कहा हाँ भाई सोनू ठीक ही कह रही है तुम्हारी मम्मी भी तो पापा की पसंद से ही इस घर में आई है और चारो लोग हँसने लगे, अब नशा उन सभी की आँखो में दिखने लगा था और सोनू ने कहा कि भाभी यही वजह है कि पापा को अपनी दोनो बहुए बहुत पसंद है तब संगीता ने कहा तो दोनो भाई कौन से कम है इन्हे भी तो अपनी मम्मी बहुत पसंद है, इनका बस नही चले नही तो रात को हमारे साथ यह अपनी मम्मी को भी पूरी नंगी करके सुला ले,
अजय : संगीता जल क्यो रही है हमारी मम्मी है ही इतनी मस्त और सेक्सी की आज भी तुम दोनो को पिछे छोड़ दे क्यो रोहित में ठीक कह रहा हूँ ना
रोहित ; एक दम सही कह रहे हो भैया
संगीता : नशे में अजय से कहती है अच्छा अजय अगर सोनू और में बहने होती और तुम लड़की पसंद करने आए होते तो किसे पसंद करते मुझे या सोनू को
अजय : नशीली आवाज़ में कहने लगा भाई संगीता तुम बुरा ना मानना पर में तो सोनू को पसंद करता, उसकी खूबसूरती तो किसी को भी पागल कर दे पर किस्मत देखो इतनी प्यारी लड़की मेरे प्यारे भाई के नसीब में थी
संगीता : में क्यो बुरा मानने लगी तुम्हारी बहू रानी है तुम्हे खूबसूरत तो लगेगी ही पर रोहित अगर यही सिचुयेशन तेरे साथ होती तो
रोहित ; भाभी में तो आपको ही पसंद करता अगर भैया इजाज़त देते तो
अजय : अरे पगले तेरा तो वैसे भी अपनी भाभी पर पूरा हक है, देवेर भाभी तो वैसे भी पति पत्नी से कम नही होते है,
संगीता ; चुप रहो जी कहीं तुम्हारा भाई मुझे अपनी बीबी समझ कर तुम्हारे सामने ही अपनी गोद में ना बैठा ले
अजय : तो क्या हुआ डार्लिंग आख़िर तुम्हारा प्यारा देवर है अपनी भाभी के साथ गुस्ताख़ी नही करेगा तो फिर किसके साथ करेगा और हाँ कल तो होली है तो फिर भाई कौन किसके साथ होली खेलेगा
रोहित ; भैया में तो अपनी भाभी को ही सबसे ज़्यादा रंग लगाउन्गा
अजय : हाँ हाँ क्यो नही और सोनू को भी इस बार अपने जेठ जी के साथ होली खेलने का मोका लगेगा, क्यो सोनू मुझसे अपने बदन पर रंग लगवाओगी ना
सोनू : क्यो नही भैया में आपके साथ होली खेलने ही तो यहाँ आई हूँ
अजय : ओके फिर तय हो गया कि होली पर कौन किसका पार्ट्नर रहेगा
रोहित : अजय के कान के पास आकर धीरे से कहने लगा भैया रंग में लेकर आया हूँ तो क्यो ना अभी से ही होली मचा दी जाय, अप सोनू को पकड़ कर अभी उसके पूरे बदन पर रंग लगा दो में भाभी को पूरी रंग में लाल कर देता हूँ
अजय : वाउ क्या आइडिया है तूने साबित कर दिया कि तू मेरा भाई है
संगीता ; क्या खुसुर पुसुर हो रही है दोनो भाइयो में
अजय : हमने तय किया है कि अभी तुम दोनो के साथ होली खेली जाय और वैसे भी कल होली है तो हम लोग रात से ही होली मचा देते है
संगीता ; नही अजय दारू खूब चढ़ गई है हमसे होली नही खेली जाएगी
अजय : अरे तुम्हे हम भगा भगा कर थोड़े ही रँगेगे बस देखती जाओ तुम्हे कितना मज़ा आएगा जा रोहित रंग लेकर आ और फिर क्या था रोहित रंग की पूडिया ले आया और अजय को भी रंग दे दिया
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