RE: Incest Porn Kahani चुदासी फैमिली
सोनू : मुस्कुराते हुए कहने लगी रहने दीजिए पापा इतना अच्छा भी नही है मेरा फिगर, मुझसे अच्छा फिगर तो सुधा का है
मनोहर : नही बेटी सुधा से कहीं लाख गुना अच्छा शेप है तुम्हारी बॉडी का, मुझे तुम्हारी जाँघो का और पीछे के उभरे हुए नितंबो का साइज़ बहुत अच्छा लगता है, मनोहर ने सोनू की जाँघो को दबाते हुए कहा
सोनू : मुस्कुराते हुए पापा क्या कर रहे है, लगता है आपका मन अपनी बहू पर भी खराब हो गया है
मनोहर : सच सोनू तुम्हारी मस्तानी चाल देख कर तो में पागल हो जाता हूँ
सोनू : मुस्कुराते हुए अच्छा तो इसी लिए आप मेरे पीछे पीछे पार्क में घूमने जाते है, तभी अचानक बहुत तेज बिजली कदकी और सोनू मनोहर से एक दम से सिमट गई और मनोहर ने सोनू के बोबो को कस कर पकड़ कर दबा दिया और सोनू आह पापा क्या कर रहे है कहने लगी, मनोहर ने कहा बेटी मैं तुम्हारें मोटे मोटे पके आमो और भारी चुतड़ों को देख देख कर पागल हुआ जा रहा हूँ सच कहूँ तो मैं तुम्हे पूरी नंगी करके देखना चाहता हूँ
सोनू : शरमा कर पापा के लंड के उभार को देख कर कहने लगी , पापा कैसी बाते कर रहे है भला कोई अपनी बहू को नंगी करके देखता है क्या
मनोहर सोनू के बोबो को फिर से पकड़ कर मसल्ते हुए कहने लगा बेटी मेरा तो मन तुम्हे ख़ूब रगड़ रगड़ कर चोदने का कर रहा है
सोनू : अया सीयी पापा छोड़ दीजिए प्लीज़ भला कोई अपनी बहू के साथ ऐसा करता है क्या, और वैसे भी मुझे आपसे बहुत डर लगता है
मनोहर : क्यो मुझसे क्यो डर लगता है
सोनू : शरमाते हुए वो आपका बहुत बड़ा और मोटा है
मनोहर : मुस्कुराते हुए अच्छा तो कल तुमने मेरे इसको बहुत अच्छे से खिड़की से देखा था, पर बेटी यह जितना बड़ा और मोटा होता है उतना ही मज़ा आता है तुम तो अच्छी तरह जानती हो, देखो यह कितना मस्त हो रहा है तुम्हे देख देख कर और मनोहर ने अपनी पेंट खोल कर ज़िप नीचे की और अपना मोटा लंड बाहर निकाल लिया उसकी इस हरकत से सोनू की साँसे तेज हो गई और वह शरमाने का नाटक करते हुए कहने लगी बाप रे पापा आपका तो बहुत मोटा है
मनोहर : क्या रोहित से भी मोटा है,ज़रा हाथ लगा कर देखो ना और मनोहर ने सोनू के हाथ को पकड़ कर अपने काले मोटे लंड पर रख दिया, सोनू ने उसके लंड पर से हाथ हटाना चाहा तब मनोहर ने ड्राइविंग सीट छोड़ कर सोनू के पास आ गया और उसको बाँहो में दबोच कर पागलो की तरह उसके गालो को चूमने लगा और उसके बोबो को खूब कस कस कर दबोचने लगा,
सोनू के सब्र का बाँध टूट गया और उसने भी मनोहर के लंड को मुट्ठी में जाकड़ लिया तब मनोहर ने कहा बेटी अपने पापा का लंड पी कर देखो बहुत मज़ा आएगा, सोनू ने कहा पापा इतना मोटा लंड में नही सह पाउन्गी तब मनोहर ने कहा बेटी जब सुधा कुँवारी होकर इसे बड़े आराम से पूरा का पूरा ले चुकी है तो तुम्हारी चूत तो रोहित रोज ही फाड़ता होगा तुम तो इसे आसानी से ले लोगि, तब सोनू ने कहा पापा मुझे डर लग रहा है, तब मनोहर ने कहा डरो नही और इसे चूस कर देखो बहुत टेस्टी है और फिर मनोहर ने उसके मुँह को पकड़ कर अपने खड़े लंड की ओर झुका लिया और सोनू मुँह खोल कर अपने पापा का लंड पीने लगी, मनोहर तो जैसे सातवे आसमान पर पहुच गया
एक हाथ से वह सोनू के बोबो को मसल्ने लगा और दूसरे हाथ से सोनू की उभरी हुई गदराई गान्ड और जाँघो को सहलाने लगा,
मनोहर : सोनू मुझे भी तुम्हारी चूत चाटनी है इतना कह कर मनोहर ने सोनू की लेग्गी को गान्ड की तरफ से नीचे सरका दिया और सोनू के चूतड़ नंगे हो गये और मनोहर ने अब सोनू की गुदा को सहलाते हुए उसकी फूली फांको वाली चूत को अपनी उंगलियो से छेड़ा तो सोनू ने कस कर मनोहर के लंड को चूसना शुरू कर दिया, अब मनोहर ने सोनू को पीछे की सीट पर चलने का इशारा किया और सीट को नीचे कर दिया और खुद लेट गया और सोनू से कहा कि वह उसके मुँह पर अपनी गोरी गोरी मोटी गान्ड रखे और सोनू मुस्कुराते हुए अपनी गान्ड मनोहर के मुँह पर रख कर जैसे ही बैठी मनोहर ने अपनी जीभ निकाल कर सोनू की गान्ड और चूत को खूब तबीयत से चाटना शुरू कर दिया और सोनू के मुँह से आह सी ओह पापा जी चूसो और चूसो मेरी गान्ड और चूत जैसी आवाज़ निकलने लगी और दूसरे हाथ से मनोहर के लंड को दबोच कर उसे अपनेमुंह में लेने लगी, मनोहर किसी पागल कुत्ते की तरह सोनू की चूत और गान्ड को चाट रहा था और सोनू उसके लंड के फूले हुए सुपाडे को खूब कस कस कर चूस रही थी, तभी सोनू ने अपनी गान्ड हिलाते हुए कसकस कर मनोहर केमुंह पर अपनी चूत रगड़ना शुरू कर दिया और मनोहर पागलो की तरह उसकी चूत पीने लगा, कुछ ही देर में दोनो ने अपने मुँह से एक दूसरे के लंड और चूत को बुरी तरह चूसना चाटना शुरू कर दिया
और उधर सोनू की चूत ने मनोहर के मुँह में पानी छोड़ दिया तो इधर मनोहर के लंड से वीर्य की पिचकारी सोनू के मुँह में छूट गई और दोनो एक दूसरे के रस को पागलो की तरह चाटने चूसने लगे, कुछ देर तक दोनो एक दूसरे के लंड और चूत को चाटते रहे और मनोहर का लंड फिर से तन गया और सोनू की बुर फिर से कूदने लगी वह दोनो कई सालो के भूखे लग रहे थे और एक दूसरे की चूत और लंड को छोड़ ही नही रहे थे ,
सोनू को पापा के लंड को चूसने में बहुत मज़ा आ रहा था और मनोहर अपनी बहू की चिकनी फूली चूत को फांके फैला फैला कर चाट रहा था, तभी सोनू एक दम से उठ बैठी और कहने लगी पापा अब प्लीज़ चोदिये ना, तब मनोहर ने सोनू को पूरी नंगी कर दिया उसके पूरे बदन को अपने बदन से सटा कर चूमने लगा, तब सोनू ने कहा पापा प्लीज़ अब मत तडपाइए मुझे चोद दीजिए ना तब मनोहर ने सोनू की जाँघो को फैलाया और अपने लंड को सोनू की चूत के छेद में लगा कर कस कर धक्का दिया
और सोनू के मुँह से हल्की सी सिसकारी निकल गई और मनोहर का पूरा लंड सोनू की चूत में समा गया अब मनोहर गहरे मगर लंबे धक्के अपनी बहू की चूत में मारने लगा , अब मनोहर की स्पीड बढ़ गई और वह तबीयत से सोनू की चूत ठोकने लगा पूरी गाड़ी उसके धक्को से हिल रही थी और गाड़ी के अंदर थपक थपक की आवाज़े घुंज रही थी, मनोहर खूब रगड़ रगड़ कर सोनू की चूत मार रहा था और सोनू खूब कस कस कर अपनी गान्ड उठाते हुए मनोहर के लंड की ओर अपनी चूत मार रही थी, कुछ ही देर में दोनो ने एक दूसरे को कस कर जाकड़ लिया और खूब चूत और लंड की घिसाई के बाद दोनो ने खूब पानी छोड़ा और एक दूसरे से कस कर चिपक गये मनोहर ने सोनू की गान्ड में हाथ भर कर उसकी चूत को खूब कस कर अपने लंड से चिपकाए हुए था
और उसका लंड खूब गहराई में वीर्य की बोछार कर रहा था और सोनू अभी तक अपनी गान्ड को उठा उठा कर मनोहर के लंड की ओर अपनी चूत मार रही थी और कुछ देर बाद दोनो सुस्त पड़ गये और फिर मनोहर ने सोनू को चूमते हुए कहा बहू आज तो तुमने मज़ा ला दिया और सोनू मुस्कुराते हुए अपने कपड़े पहनने लगी और बाहर देखा तो बारिश कुछ कम हो चुकी थी और मनोहर ने कहा बहू एक राउंड और हो जाए फिर चलते है तब सोनू ने कहा पापा अभी नही अगली बार जितना जी चाहे कर लेना, तब मनोहर ने कहा ठीक है लेकिन अगली बार मुझे तुम्हारी गान्ड मारनी है, तब सोनू ने कहा ठीक है लेकिन एक शर्त है,
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