RE: Mastram Kahani खिलोना
अब वो अपना चेहरा उठा शेखर के सीने पे झुक उसके निपल्स को चूस रही थी & उसका हाथ उसकी छाती & पेट पे घूम रहा था.हाथ घूमते-2 शेखर के सिकुदे,गीले लंड पे पहुँच गया,"..ओह्ह..ये तो अभी भी गीला है..इसे साफ कर देती हू.",और रीमा शेखर के सीने को चूमती हुई नीचे जाने लगी.जब वो उसकी नाभि के पास पहुँची तो उसने उसमे अपनी जीभ फिरा दी.शेखर के मुँह से मस्ती भरी आह निकल गयी.
उसकी नाभि को चाटने के बाद रीमा और नीचे पहुँची & उसकी झांतो को चूमते हुए उसकी लंड की जड़ तक आके उसे वाहा पे चूम लिया.शेखर 1 बार फिर गरम होने लगा था.रीमा ने लंड को हाथ मे लिया & चाट कर उसका गीलापन साफ करने लगी.उसके सूपदे को उसने बिना मुँह मे लिए बस अपनी जीभ फिरा के पूरा चॅटा.शेखर का लंड उसकी इस हरकत से फिर खड़ा हो गया.रीमा ने उसके आंडो को दबाया & आधे लंड को मुँह मे लिया & आधे को हाथ से हिलाने लगी.
उसने आँखो के कोने से देखा की विरेन्द्र जी कमरे से बाहर जा रहे हैं...कही दूसरे कमरे मे सोने तो नही जा रहे...इसका मतलब उसे पहले शेखर को थकाना हो गा & बाद मे उन्हे.वो आँखे बंद कर उसके लंड से खेलने लगी.शेखर मस्ती मे आहे भरता हुआ उसके सर को पकड़ अपने लंड पे दबाने लगा.तभी रीमा ने लंड छ्चोड़ दिया & अपने घुटने उसके बदन के दोनो तरफ रख उसके उपर आ गयी.शेखर ने हाथ बढ़ा कर उसे पकड़ना चाहा तो उसने उसके हाथो को पकड़ उसके सर के दोनो तरफ पलंग पे दबा दिया.
अब वो उसके उपर झुकी थी पर उसका बदन शेखर को बिल्कुल भी नही च्छू रहा था.रीमा नीचे झुकने लगी तो शेखर ने सोचा कि वो उसे चूमेगी पर रीमा उसके होंठो तक अपने होठ लाई & जैसे ही शेखर ने उन्हे अपने होंठो मे दबाना चाहा वो हंसते हुए फिर उपर हो गयी.शेखर हाथ छुड़ाने की कोशिश करने लगा,"..नही..हाथ नही छुड़ाना है..",रीमा शरारत से बोली.
1 बार फिर उसने झुक के शेखर को ललचाया & फिर उसे प्यासा छ्चोड़ दिया.शेखर का खड़ा लंड भी बेकाबू हो रहा था & वो कमर उचका कर उसकी चूत मे उसे घुसाना चाह रहा था.रीमा ने ये देखा तो बहुत धीरे से अपनी कमर नीचे करने लगी & जैसे ही लंड के सूपदे ने उसकी चूत को छुआ वो 1 झटके मे वापस उपर हो गयी.शेखर तो बस पागल ही हो गया.
अपना मुँह उठा कर उसने रीमा की 1 चूची को मुँह मे भरना चाहा तो रीमा ने अपनी चूचियो को उपर खींच लिया & उसे तड़पाने के लिए हंसते हुए उन्हे उसकी आँखो के आगे हिलाने लगी.फिर कमर नीचे लाई & जैसे ही चूत ने लंड को छुआ,फिर से उपर उठ गयी.शेखर अब बुरी तरह तड़प रहा था नीचे से अपनी कमर उचका रहा था,"..अब आ भी जाओ,जान.बैठ जाओ मेरे लंड पे & चूसने दो ये रसीली चूचिया.."
"इतनी भी क्या जल्दी है?बस थोड़ी देर पहले ही तो आपने मेरी चुदाई की थी.",रीमा ने हंस कर उसे और तडपाया तो शेखर हाथ छुड़ाने लगा.इस पे रीमा नीचे झुकी & अपनी छाती उसके मुँह मे दे दी,"..बड़े बेसबरे हैं आप!...ओईइ...!...अफ...काटिए मत ना!दर्द होता है.."
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