RE: Mastram Kahani खिलोना
"..यहा से करीब 3 घंटे के सफ़र के बाद 1 बड़ा-सा शहर आता है-आवंतिपुर.ये राइ इंडस्ट्रीस वही बेस्ड है.अब .100 करोड़ के टर्नोवर वाले ग्रूप की मालकिन को मुझ से क्या काम आन पड़ा था-ये सोच के मैं हैरान था.सूरज राइ को मरे भी 2-3 बरस बीत चुके थे."
"..खैर,मैं उनके घर राइ विला पहुँचा & वाहा जब मैं मिसेज़.राइ के कमरे मे दाखिल हुआ तो चौंक उठा-मेरे सामने बिस्तर पे काफ़ी बीमार कजरी लेटी हुई थी.",शेखर अब जोश से भर चुका था & रीमा को नीचे लिटा उसे चोदना चाहता था.
"अभी नही बेटे,पहले इसे पूरी बात सुन लेने दो.",उन्होने उसे रोका,"..चलो तुम थोड़ी देर अपने हाथ इसके बदन से हटा लो & तुम भी कहानी सुनो."
"..कजरी की कहानी भी कमाल की थी!उसके पति को विदेश मे किसी ऐसे जुर्म के लिए जैल भेज दिया गया था जो उसने किया ही नही था.उसे जैल मे काफ़ी टॉर्चर भी सहना पड़ा था.जब ये हक़ीक़त सामने आई तो वाहा की अदालत ने केवल उसे जैल से रिहा करवा कर वाहा की सरकार से माफी दिलवाई बल्कि 1 मोटी रकम भी मुआवज़े के तौर पे दी.उस रकम से यहा आके अपनी मेहनत के बल पे सूरज राइ ने अपना बिज़्नेस खड़ा किया."
"..कजरी के दुख के दिन ख़त्म हो गये लेकिन 1 बहुत बड़ी कमी अभी भी उसके जीवन मे थी.टॉर्चर की वजह से सूरज कभी भी बाप नही बन सकता था.उसकी मौत के बाद कजरी को रवि का ख़याल आया & जब वो बीमार हो बिस्तर पे पड़ गयी तो उसने फ़ैसला किया कि वो अपने हिस्से की सारी जायदाद & कंपनी के शेर्स रवि के नाम कर देगी & इसीलिए उसने मुझे आवंतिपुर बुलाया था."
"अब आगे मैं बताता हू",शेखर बोला,"..ये जो मेरे पिताजी हैं,इन्हे दुनिया बहुत ईमानदार समझती है जबकि ये बहुत पहुँची चीज़ हैं.इनका मानना है कि सीधे घूस लेकर पैसे कमाना बहुत बड़ी बेवकूफी है.इन्होने नानाजी को इतना इंप्रेस किया कि उन्होने मा से इनकी शादी कर दी,मा इकलौती औलाद थी,सो सारी जायदाद अंत मे इन्हे ही मिली.उसी तरह ये नौकरी मे तो पूरी ईमानदारी बरतते थे मगर दूसरे के नाम से इन्होने खूब उल्टे-सीधे धंधे करके पैसे कमाए हैं."
"..हमारी ऐसी ही 1 स्कीम उस वक़्त फैल कर गयी थी & हम पर कुच्छ 4 लाख रुपये का क़र्ज़ था जब कजरी राइ ने हमे कॉंटॅक्ट किया.अब अगर पिताजी अचानक रवि को अपना लेते तो ये उनके रवैये के खिलाफ होता,जिस से रवि को शक़ हो सकता था & शायद दुनिया को भी.इनका राज़दार तो केवल मैं हू..हमारी सोच ही इतनी मिलती है.",दोनो बाप बेटे हंस दिए,"..पता है,तुम्हे इन्हे रवि की बीवी के रूप मे क्यू नही पसंद नही थी?क्यूकी तुम ग़रीब थी.इन्होने उसके लिए 1 काफ़ी मालदार असामी की लड़की को देख रखा था & तुम्हारे प्यार ने सब चौपट कर दिया."
"..मैने भी मीना से पैसो के लिए शादी की थी पर वो तो बहुत तेज़ लड़की थी,उसे मेरे लालची इरादो की भनक लगी & उसने तलाक़ ले लिया.अब रवि & उसकी जयदाद ही हमारा सहारा थे.तो इन्होने मुझे आगे किया,पर जैसे ही मैने अपनी खुरापाति स्कीम बताई,रवि भड़क गया & उसने मुझे 1 भी पैसा देने से इनकार कर दिया.पिताजी ने रवि को उसके जनम की कहानी सुना दी थी & कजरी राइ से मिलवा भी दिया था पर उस से अभी भी ऐसे पेश आते थे जैसे कि नाराज़ हो.हक़ीक़त मे वो रवि की 1-1 हरकत पे नज़र रखे हुए थे."
"..कजरी राइ को कॅन्सर था & कुच्छ दीनो बाद वो मर गयी & सारी जायदाद रवि के नाम हो गयी.जिस दिन तुम्हारी आनिवर्सयरी थी,उसी दिन सवेरे रवि ने काग़ज़ साइन किए थे."
"पर रवि ने मुझे कुच्छ नही बताया इस बारे मे?"
"शायद तुम्हे सर्प्राइज़ देना चाहता हो?"
"..अब तुम अपने पति का भी 1 राज़ सुनो जिसने उसकी जान ली लेकिन हमारा बहुत फ़ायदा कराया."
क्रमशः.........................
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