RE: Kamukta Story एक राजा और चार रानियाँ
सम;अर्रे वाह अम्मी मज़ा आ गया क्या खाना बनाया हैं आपने
नजमा;अपनी भाभी की तारीफ करो क्यूँ की खाना शबनम ने बनाया है
सम;शबनम की तरफ देखते हुए सच भाभी ऐसा खाना बनाया है आपने दिल करता है आपके हाथ चूम लूँ
आबिद;को ठन्सका लग जाता है
सॅम;उसके पेट पे हल्के से मारते हुए आबे धीरे खा अंदर अटक जाएगा
आबिद;शायद अटक गया अंदर भाई और वो पानी पीने लगता है
शबनम;के चेहरे पे मुस्कान आजाती है आख़िर सॅम ने उसकी तारीफ जो की थी
महक;शबनम को छेड़ते हुए अर्रे वाह भाभी हम तो आपकी इतनी तारीफ करतें है आप हमे एक स्माइल भी नही देती और
वो आगे कुछ बोलते उससे पहले शबनम उसका कान खेंचते हुए
शबनम;खाना खाओ मेडम जी
और शबनम का चेहरा शरम से लाल होने लगता है पर सबके मौजूदगी मे वो खुद को संभाल लेती है
नजमा;सभी को साथ हंसता खेलता देख दिल ही दिल मे बहुत खुश होते है
खाना खाने के बाद सॅम अपने लाए हुए गिफ्ट सभी को देने लगता है वो नजमा और शबनम के लिए एक बहुत ही मँहगे वाले सिल्क की साड़ी लाया था आबिद के लिए जीन्स पॅंट और महक के लिए एक लेटेस्ट मोबाइल फोन
महक;चिल्लाते हुए अर्रे वाह गब्बर तूने तो दिल खुश कर दिया मेरा क्या मॉडेल लाया है तू मेरे लिए वाह भाई वाह और वो एक्सिटमेंट मे सॅम से चिपक जाते है
सॅम;उसे अपने से और चिपकाते हुए एक ही तो पॅट है मेरा अच्छा हैना
महक;बहुत अच्छा और वो अपना सेल फोन लेके अपने रूम मे चले जाते है
आबिद;भी खुश था वो भी कपड़े ट्राइ करने रूम मे चला जाता है
सॅम;नजमा और शबनम से --कैसे है अम्मी भाभी
नजमा;बहुत अच्छे है बेटा पर मेरे पास ऑलरेडी इतने सारे है
सम;उफफफफफ्फ़ हो अम्मी क्या मैं अपनी स्वीट अम्मी के लिए दिल से कुछ नही लासकता
और दोनो माँ बेटे गले मिलते है
पता नही कैसे पर सॅम नजमा को कस्के बाहों मे जाकड़ लेता है
नजमा;के चुचे सॅम की चेस्ट मे धँसने से उसके चीख निकल जाती है अहह उसे कितने दिनो बाद किसी मर्द ने ऐसे पकड़ा था वो भी भूले मे सॅम को अपने मे समा लेती है
30 सेकेंड वो ऐसे ही रहते है फिर नजमा को एहसास होता है कि शबनम वही खड़ी है वो सॅम से अलग हो जाती है
सम;नजमा की आँखों मे कुछ तलाश करने की कॉसिश करता है
पर नजमा की आँखें झुकी हुई थी
शबनम;अपने रूम मे चली जाती है
सम;अम्मी भाभी को क्या हुआ
नजमा;अर्रे कुछ नही उसे शायद तेरे भाई की याद आ गई होगी वो भी ऐसे ही शबनम के लिए नयी नयी साड़ी लाता रहता था
सॅम;ह्म्म्म्म मम और उसके कदम शबनम के रूम मे बढ़ जाते है
शबनम;अपने रूम मे आयने के सामने खड़ी थी उसकी आँखों मे नमी थी
सम;पीछे से शबनम को पकड़ के अपनी तरफ घुमा लेता है
क्या हुआ भाभी सारी पसंद नही आई
शबनम;नही सॅम बहुत अच्छी है
सॅम;तो फिर इन खूबसूरत आँखों मे ये आँसू क्यूँ
शबनम;अर्रे कुछ भी तो नही तू भी ना
वो वहाँ से जाने लगती है तभी सॅम उसे जाने नही देता और उसके दोनो हाथ पकड़ लेता है
शबनम;सॅम की आँखों मे सवालिया अंदाज़ मे देखने लगते है
सॅम;भाभी आपको मेरे कसम है अगर आज के बाद आप ऐसे रोई तो मैं अपने जान दे दूँगा
शबनम;सॅम के होंठों पे अपना हाथ रख देती है नही नही सॅम मैं नही रोउंगी पर तू ऐसे बातें ना किया कर ये घर और हम सब पहले ही कई मौतें देख चुके है प्लीज़ मैं नही रोउंगी पक्का
सॅम;पक्का वादा
शबनम;ह्म्म्म्म मम
सॅम;शबनम को अपनी बाहों मे लेलेता है पता नही उसे क्या हो गया था शायद वो बहुत ज़्यादा एमोशनल हो गया था वो शबनम के सर को अपने छाती से लगा लेता है
सॅम;भाभी आप हंसते हुए अच्छे लगते हो आप हमेशा हँसते रहा करो
शबनम;को उसकी बातें और एमोशनल कर देती है और वो सॅम से चिपक जाती है
दोनो ये भूल गये थे कि वो किस हालत मे है
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