RE: Maa ki Chudai माँ का दुलारा
रा लंड फिर से खड़ा हो गया था, तन्ना कर उछल रहा था. बाजू मे देखा तो
अशोक अंकल भी अपने तनतनाए लंड को हाथ मे लेकर सहला रहे थे. मेरी
ओर देखकर प्यार से हंस दिए. "अनिल, तेरे जैसा लकी लड़का इस जग मे नही होगा,
अपनी इस अप्सरा जैसी मा के शरीर का, उसकी चूत के इस अमृत का तुझे रोज भोग
मिलता है. इतनी बला की खूबसूरत नारी मैने नही देखी आज तक"
मैने कहा "अशोकजी ...."
वे बोले "फिर कहा मुझे अशोकजी, प्लीज़, अब यह अशोकजी कहना छोड़ दो.
चाहे तो अंकल कह लो"
मैने कहा "अंकल, शशिकला कितनी सुंदर है, इतनी जवान और बला की हसीन,
आप भी तो इतने सालों से, जब से ये छोटी थी तब से इसके रूप को चख रहे
है"
वे बोले "हाँ, मेरी बेटी बहुत खूबसूरत है. मैं बात कर रहा था उमर मे बड़ी
पूरी तरह से परिपक्व मेस्योर औरतों की और तुम्हारी मा जैसी मेस्योर औरत
मिलना मुश्किल है. अब रहा नही जाता यार, इन्हे अगर अब चोदा नही तो मैं मर
जाउन्गा" कहकर वे मा के शरीर को चूमने लगे, कभी पीठ, कभी कमर
कभी जांघे! मैने भी शशिकला के जवान शरीर को सहलाना शुरू कर
दिया.
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