RE: Maa ki Chudai माँ का दुलारा
मा ने बताया की जब मैने रविवार को फ़ोन किया था तब उस शैतान शशिकला ने
उसे एक कुर्सी मे बिठा कर उसकी टाँगे हाथों पर फँसा दी थी कि उसकी चूत
पूरी खुल जाए और फिर मा को वह एक डिल्डो से चोद रही थी. बीच बीच मे जीभ से
मा के क्लिट को गुदगुदा रही थी. बेचारी मा को मेरा फ़ोन आया तो मा लेना नही
चाहती थी, पर शशिकला को पता चल गया और उसने मा से ज़िद की कि फ़ोन ले ले.
वह तो मा को इशारे से बोल रही थी कि अपने बेटे को बता दो कि क्या चल रहा
है पर मा ने मुझे यह बता कर टरका दिया था कि बिल्ली पैर चाट रही है
इसलिए गुदगुदी हो रही है. वैसे बात सच थी, शशिकला किसी बदमाश बिल्ली
से कम नही थी.
रविवार को भी दिन भर औरतों की रति चली. दोनों ने मिलकर सोफे पर लिपटे
हुए बैठकर दो तीन डी वी डी देखी और देखते देखते एक दूसरे के शरीर की
गरमाहट का स्वाद लिया. खूब गप्पें लगाई. मा ने विस्तार से शशिकला को
बताया कि मैं याने उसका बेटा उसके साथ साथ क्या क्या करता हू, कैसे मा की
सेवा करता हू. शशिकला ने अपनी मा के किस्से सुनाए, यह भी बताया कि
डॅडी के साथ उसका कैसा इश्क चलता है, डॅडी अपनी प्यारी बेटी की
फरमायशे कैसे पूरी करते है और खुद कैसे अपने मन की चाहत उससे
पूरी करवाते है.
रात को शशिकला फिर से चोदने के मूड मे आ गयी. "मा, चलो आज रात भर
तुझे चोदति हू, सब आसनों मे, बहुत दिन हो गये ये आसन आजमा कर, प्रैक्टिस
भी हो जाएगी, तुम भी बेटे के लंड के बिना कुलबुला रही होगी. मालूम है? मा
के साथ मैं अक्सर ऐसा करती थी खास कर जब डॅडी यहा नही होते थे"
रात भर उसने मा को डिल्डो से चोदा, एक पुरुष की तरह उसके अंग अंग को
मसला, सुबह तक मा की हालत खराब कर दी. आख़िर जब मा सुबह निकलने को
तैयार होने लगी तब उससे चला नही जा रहा था, शरीर लस्त सा हो गया था. तब
शशिकला ने उसे अपनी कार से घर छोड़ दिया.
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