RE: Maa ki Chudai माँ का दुलारा
मा शशिकला गोद मे लेकर सोफे मे बैठ गयी और उससे लिपटकर
चुम्बनो का आदान प्रदान करते हुए शशिकला ने अपनी कहानी सुनाई.
शशिकला की मा ललिता बाइसेक्सुअल थी. स्वाभाव बहुत कामुक था. पति से
डाइवोर्स के बाद कोर्ट ने ललिता को मा के नाते शशिकला की कस्टडी दे दी.
बचपन से ललिता अपनी बेटी को अपने पास सुलाती थी. शशिकला के उमर मे आते
आते ललिता का अपनी सुंदर कमसिन बेटी से ही चक्कर चल गया और मा बेटी मे
रति होने लगी. बेटी का जवान किशोर शरीर उसे इतना भा गया कि वह अपना सारा
खाली समय बेटी के साथ गुजरने लगी, बाहर की साथिनो से सेक्स उसने बंद
कर दिया.
शशिकला भी पूरी लेस्बियन बन गयी. ललिता के मासल स्तनों मे मूह छुपा
कर उसे जो सुकून मिलता था उससे वह मा की पूरी गुलाम हो गयी थी. पर मा के
समान ही उसकी कामुक बेटी को भी लंड की चाह थी. अपनी संपत्ति के कारण
ललिता बाहर के किसी ऐसे वैसे युवक के साथ अपनी बेटी का संभोग नही होने
देना चाहती थी. उसे भी बीच बीच मे लंड की भूख लगती थी. उसने सीधे
शादी कर ली, अपने से दस साल छोटे एक युवक, अशोक के साथ जो उसी की कंपनी
मे अभी अभी मैनेजर लगा था और जिसके साथ ललिता ने चक्कर चलना शुरू
कर दिया था.
अशोक जवान था, हॅंडसम था और ललिता की बहुत इज़्ज़त करता था. करीब करीब
अपनी मा से थोड़ी ही कम उमर की औरत से शादी करने मे उसे कोई
हिचकिचाहट नही हुई क्योंकि एक तो ललिता बहुत सेक्सी थी, दूसरे करोड़ों की
मालकिन थी और तीसरे ललिता ने शादी के पहले उसे साफ बता दिया था कि उसे ललिता
और उसकी बेटी शशिकला, दोनों की वासना पूर्ति करनी पड़ेगी. अशोक जैसे
युवक को और क्या चाहिए था!
शादी के बाद उनका यौन जीवन ऐसे निखारा की धरती पर स्वर्ग उतर आया.
हनीमून मे भी ललिता शशिकला को स्विट्ज़र्लॅंड साथ ले गयी थी. और उस किशोरी
की पहली चुदाई उसके सौतेले डॅडी ने ही की. अब हर रात मा , बेटी और डॅडी
एक पलंग पर सोते थे और कामदेव की पूजा करते थे.
दो साल पहले ललिता की आक्सिडेंट मे मौत के बाद शशिकला को सदमा
पहुँचा. पर अस्पताल मे मरने के पहले ललिता ने उसे कहा कि वह किसी अच्छी
सेक्सी ज़्यादा उमर की औरत को चुन ले जो उसे मा का प्यार भी दे सके और जिस्म की
भूख भी मिटा सके. अब तक शशिकला ने इस बात पर ज़्यादा ध्यान नही दिया था
पर मा को देखने पर शशिकला को लगा जैसे उसकी खोज पूरी हो गयी है.
सुनते सुनते मा की बुर चूने लगी थी. वह जब कल्पना करती कि पलंग पर एक
मा अपने पति से चुदवा रही है और अपनी बेटी की बुर चूस रही है तो
चुदासी से सिसक उठती. इस बारे मे उसने कभी सोचा भी नही थी. आवेश मे
आकर उसने अपनी उंगली अपनी गोद मे बैठी शशिकला की बुर मे घुसेड दी और
कस के उसका मूह चूमने लगी.
चुंबन ख़तम होने पर शशिकला बोली "बिलकुल मा जैसे करती हो दीदी तुम,
वह भी ऐसे ही मुझे दबोच लेती थी, कभी कभी ज़बरदस्ती मुझे पलंग पर
पटक देती थी और मेरे मूह पर चढ़ जाती थी. घंटे भर मुझसे अपनी बुर
चुसवाती थी तब छोड़ती थी. कहती थी कि उसकी बुर मे इतना रस बनता है वह
सब उसकी बेटी के लिए है, और जब तक ख़तम नही होता, वह मुझे नही
छोड़ेगी. पर दीदी, अब तुम्हें दीदी कहना अच्छा नही लगता. मैं मा कहु
तुम्हें आज से? सबके सामने दीदी कहुगी"
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