RE: Maa ki Chudai माँ का दुलारा
मैं और मोम फिर एक दूसरे को चूमने लगे. मैंने आख़िर अपनी एक इच्छा पूरी कर ही ली, उसकी लाल रसीली जीभ को खूब चूसा. मोम का शहद जैसा गाढ़ा मुखरस मुझे चाशनी की तरह मीठा लग रहा था. मेरा लंड फिर तन गया था. मोम भी बेचैन थी, अपनी जांघे आपस मे घिस रही थी. उन्हे फैलाकर मुझे बोली
"तू फिर तैयार हो गया मेरे राजा! तेरी जवानी को मेरी नज़र ना लग जाए, आ बेटे, आ जा मुझ में, समा जा मेरे शरीर में"
मोम की बुर अब खुल कर मेरे सामने थी. बाल ना होने से उसका हर भाग सॉफ दिख रहा था. उस मोटे भागोष्तों वाली लाल गीली चूत को देखकर पल भर को लगा कि मुँह मार दूं पर फिर सब्र कर लिया. अभी मेरा वीर्य उसमे लगा था, स्वाद नही आएगा ठीक से यहा सोच कर मैंने अपना लंड मोम की बुर पर रख कर पेल दिया. बुर इतनी गीली थी कि आराम से लंड जड़. तक समा गया. मैं मोम पर लेट गया और उसे चूमता हुआ उसे चोदने लगा. इस बार मैं आराम से धीरे धीरे मज़ा लेकर चोद रहा था.
मों ने भी मुझे बाँहों मे भर लिया. वह कभी मेरे होंठ चूमती और कभी गाल, कभी प्यार से मेरे बाल चूमा लेती और कभी मेरा कान मुँह मे लेकर हल्के हल्के काटने लगती. मैं मों के होंठ चूमता हुआ एक मस्त लय मे उसे चोद रहा था. इस बार मेरा काफ़ी कंट्रोल था, मैं यह चाहता था कि मोम को पूरा सुख दूं और फिर ही झाड़ू. धीरे धीरे हमारी चुदाई की रफ़्तार बढ़. गयी. मोम अब कराह करबोली
"अनिल, बहुत अच्छा लग रहा है बेटे, और ज़ोर से कर ना" कहती हुई नीचे से धक्के मार रही थी. मैंने पिछले मज़ाक का बदला लेते हुए चोदना बंद कर दिया और मोम से पूछा
"क्या करूँ माँ, ठीक से बताओ." मों बोली
"अरे वही जो कर रहा है" अब उससे रहा नही जा रहा था. मैं आड़. गया
"नही माँ, बताओ. क्या करूँ" मोम ने मेरी पीठ पर चपत लगाते हुए कहा.
"शैतान, अब तू मुझसे कहलावा रहा है. चल चोद मुझे, ज़ोर से चोदो मुझे अनिल बेटे" मों के मुँह से यहा सुनकर मुझे जो रोमांच हो आया उसका बयान करना मुश्किल है. अब मैं झाड़.आने को आ गया था. झुक कर मैंने मोम की चुचि मुँह मे ली और ज़ोर ज़ोर से उसे चोदने लगा. गीली बुर से अब फॅक फॅक फॅक आवाज़ आ रही थी. मोम ने मेरे सिर को अपने स्तनों पर दबा लिया और मेरे नितंब सहलाने लगी. अपनी जांघे भी उसने मेरी कमर के इर्द गिर्द जाकड़. ली थीं. नीचे से वह बराबर अपने नितंब उछाल कर मेरा पूरा लंड अपनी बुर मे लेते हुए मन लगाकर चुदवा रही थी. मैं बीच बीच मे मों के नितंबों को पकड़. लेता और उन्हे दबाने लगता.
दस एक मिनिट की चुदाई के बाद जब मैं झाड़ा तो मोम को झदाने के बाद. उसके स्खलन का पता मुझे तब चला जब अचानक उसका शरीर कड़ा हो गया और गहरी साँस भर कर उसने मुझे ज़ोर से जाकड़. लिया. लंड भी एकदमा और गीला हो गया, मोम की बुर ने ढेर सा पानी छोड़. दिया था.
अब मैं एकदमा त्रुप्त था. थक भी गया था. कुछ देर बाद मोम पर से अलग होकर उसके पास लुढ़क गया. मोम ने एक तावेल से अपनी चूत और मेरा लंड पोंचा और फिर टेबल लैंप बुझाकर मुझे बाँहों मे लेकर लेट गयी. मैं बहुत खुश था.
"माँ, आई लव यू. तुम दुनिया की सबसे अच्छा मोम हो, सबसे खूबसूरत और सेक्सी औरत हो" मोम के आगोश मे आते हुए मैं बोला.
"और तू सबसे अच्छा बेटा है. चल अब सो जा. कल छुट्टी है. आराम से उठना" मोम ने कहा. मुझे नींद लग गयी. इतनी गाढ़ी और मीठी नींद बहुत दिनों मे आई थी. सुबहा मेरी नींद देर से खुली. वो भी तब जब मुझे अपने उपर वजन का अहसास हुआ, साथ ही लंड मे बहुत मीठी अनुभूति हो रही थी. जब मैं ठीक से जागा तो देखा कि मोम मुझ पर लेट कर मुझे प्यार से चूमा रही थी. मेरे तने लंड को उसने अपनी चूत मे डाल लिया था और मुझे चूमते हुए वह धीरे धीरे मुझे चोद रही थी. उसकी आँखों मे कामना उमड़. आई थी. मुझे जगा देखकर बोली
क्रमशः.................
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