RE: Desi Sex Kahani होता है जो वो हो जाने दो
दोनों एक बार फिर से एक दूसरे की बाहों में दूबके हुए अपने अपने अंगो से मदन रस की बौछार कर रहे थे।
दोनों ने जन्मदिन की रात की शुरुआत में ही दूसरी बार सफलतापूर्वक उन्माद से भरा हुआ चरमोत्कर्ष की प्राप्ति कर चुके थे। अभी भी राहुल का लंड ऊसकी मां की बुर में समाया हुआ था जो कि तनिक भी ढिला नहीं पड़ा था। और रह-रहकर क्योंकि लगाता हुआ मदन रस की बूंदे बुर की गहराई में छोड़ रहा था। अलका अभी भी अपने बेटे को कसके अपनी बाहों में भींची हुई थी, और उसकी दोनों हथेलियां राहुल के नितंबों पर हरकत करते हुए दबोचे हुई थी। राहुल को भी अपनी मां की यह हरकत कुछ ज्यादा ही उन्मादक लग रही थी। कुछ देर तक राहुल यूं ही अपने मां के बदन पर लेटा रहा और गर्म गर्म सांसे अपने नथूनों से छोड़ता हुआ अपनी मां की गर्दन को गर्म करता रहा। अलका भी अपना नमकीन पानी छोड़ते हुए गरम आहे भर रही थी।
जब दोनों की सांसे कुछ सामान्य हुई तो राहुल अपनी मां के बदन पर से उठने लगा वह कमर के ऊपर वाला ही भाग अपनी मां के बदन पर से उठाया था, कमर के नीचे वाला भाग अभी भी उसकी मां की मांसल जांगो के बीच में था और लंड अभी भी बुर की गहराई मे धंसा हुआ था, जिसे राहुल ने आहीस्ते से बुर के बाहर खींचकर निकाला तो अलका की बुर के नमकीन रस में डूबा हुआ लंड धीरे धीरे सरकता हुआ बाहर आ गया, जो कि अभी भी पूरी तरह से तनाव मे था। अलका तो अपने बेटे के लंड को अपनी बुर मे से अाहीस्ते आहीस्ते निकलता हुआ देखकर दंग रह गई । झड़ी हुई और पानी से तरबतर बुर में एक बार फिर से सुरसुराहट होने लगी। वह कभी अपने बेटे के लंड की तरफ तो कभी उसकी तरफ देखकर मुस्कुरा रही थी। अलका के चेहरे पर संतुष्टि दायक उन्माद से भरा हुआ सुखद एहसास साफ साफ नजर आ रहा था।
अलका बिस्तर पर पीठ के बल निश्चेत हो कर लेटी हुई थी और राहुल ठीक उसके सामने खड़ा होकर मंद मंद मुस्कुराते हुए उसकी जांघों के बीच बुर मे से निकल रहे मदन रस को देख रहा था। और देखते हुए बोला।
कैसी लगी मम्मी तुम्हें यह जबरदस्त चुदाई? ( राहुल अपनी कमर पर हाथ रखते हुए बोला अलका अपने बेटे के इस सवाल पर मुस्कुराई और अपने बेटे के लंड की तरफ देखते हुए बोली।)
बहुत ही जबरदस्त चुदाई किया है तूने मेरी, मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है कि तू सच में बड़ा हो गया है। तुने इतनी जोर जोर से जो धक्के लगाए हैं मेरी बुर में, मेरी बुर बाग-बाग हो गई। तूने मेरी बुर की सारी नसे ढिली कर दिया। तूने जो मुझे जन्नत की सैर कराते हुए दो बार झाड़ा है, मुझे यकीन नहीं हो पा रहा है की जन्मदिन के अवसर पर मैं तुझे खुश करता हुआ तोहफा दे रही हुं या तो खुद मुझे तोहफा दे रहा है।
राहुल अपनी मां के मुंह से अपनी ही तारीफ सुनकर खुशी के मारे गदगद हुए जा रहा था। वह समझ नहीं पा रहा था कि अपनी मां के द्वारा उसकी तारीफ करने के उपलक्ष्य में वह किन शब्दों में अपनी मां को शुक्रिया अदा करें, वह जवाब में सिर्फ मुस्कुराए जा रहा था।
तभी अलका का वह पल याद आ गया जब राहुल उसका नाम लेते हुए और उसे जान कहते हुए उसकी जम के चुदाई कर रहा था। वह पल अलका के लिए अविस्मरणीय था, क्योंकि उसका नाम लेते हुए सिर्फ उसके पति ने दी उसकी जुदाई किया था जिनकी याद राहुल में ताजा करा दिया था। अपनी बेटी के मुझे अपना नाम लेते हुए चुदाई करता हुआ वह एहसास उसे बहुत ही ज्यादा सुंखद लग रहा था। वह पल कुछ ज्यादा ही उत्तेजनात्मक महसूस करा गया था अलका को। वह उसका ज़िक्र छेड़ने ही वाली थी कि वह खामोश रह गई। वह जैसा चल रहा था,वैसै ही चलने देना चाह रही थी । वह नही चाहती थी की राहुल को इस बात का एहसास दिलाए की अनजाने में वह क्या किया है। ऊसे ईस बात का डर था की उसे उस बात का एहसास दिलाने पर कहीं वह हीचकीचा ना जाए और दोबारा उसी अंदाज में उसका नाम लेते हुए उसकी चुदाई ना कर पाए। इसलिए वह जैसा चल रहा था वैसा ही चलने देना चाह रही थी।
राहुल भी बिस्तर के पास खड़ा होकर उसी बारे में सोच रहा था क्योंकि उसके मुंह से भी अनजाने में ही वह शब्द निकले थे। लेकिन उसे भी बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी, और वह मन में यही बात सोच रहा था कि उस बारे में उसकी मां ने एक बार भी उसे नहीं टोकी। वह मन में यही सोच रहा था कि शायद उसकी मां को भी यह सब अच्छा लगा था लेकिन वह भी इस बात का जिक्र नहीं करना चाहता था। क्योंकि उसे भी बेहद आनंद की प्राप्ति हुई थी जब वह अपनी मां का नाम लेते हुए उसकी बुर में लंड पेल रहा था । वह भी वैसा ही चलने देना चाह रहा था जैसा चल रहा था। कुछ देर तक यूं ही दोनों एक दूसरे के बदन पर ऊपर से नीचे तक अपनी नजरें फेरते रहे। तभी अचानक अलका बिस्तर पर से उठते हुए बोली।
मुझे जोरो की पेशाब लगी है।
( इतना सुनते ही राहुल के लंड में ऐठन सी होने लगी, और अलका बिस्तर पर से उठते हुए जाने लगी दो कदम ही आगे बढ़ी थी वह खुद राहुल से बोली )
तू भी चलेगा ( इतना कहते ही वह मुस्कुराने लगी क्योंकि वह भी जानती थी कि अगर वह पेसाब करने जाएगी तो राहुल भी उसके पीछे पीछे जरुर जाएगा, क्योंकि राहुल तो ऐसे ही मौके की तलाश में रहता था भला राहुल कब मना करने वाला था। राहुल भी अच्छी तरह से जानता था कि अलका को पेशाब करते हुए देखना यह भी एक अतुल्य घड़ी होती थी। ऐसा मौका बार बार नहीं मिलता था इसलिए वह भी साथ में जाने के लिए सिर हिलाकर हामी भर दिया । अलका दरवाजे की तरफ बढ़ने लगी लेकिन इस बार उसने अपने बदन को ढकने की जरा सी भी दरकार नहीं ली। क्योंकि उसे भी पता था कि घर में उन दोनों के अलावा सोनू ही है जो कि वह अपने कमरे में सो रहा होगा। ईसलिए वह बे झिझक दरवाजे की तरफ जाने लगी । कमर के नीचे से वह पूरी तरह से नंगी थी क्योंकि चुदवातेैं समय उसने अपनी पैंटी को भी अपने हाथों से निकाल फेंकी थी।
उसके बदन पर सितम ट्रांसपेरेंट गाउन और एक छोटी सी ब्रा र्थी जौकी उसकी चूचीयो को बड़ी मुश्किल से अपने कब्जे में ली हुई थी। अलका बड़ी ही मादक तरीके से चलते हुए दरवाजे तक पहुंची राहुल उसके पीछे से खड़ा खड़ा देख रहा था, उसे बड़ा ही कामुक लग रहा था यह सब । अलका जानबूझ कर इतराते हुए अपनी गांड मटका कर चल रही थी। दरवाजे का हैंडल पकड़कर उसे खोलने से पहले वह पीछे मुड़कर राहुल की तरफ नजर डाली तो उसकी नजर सबसे पहले राहुल की जांघों के बीच लटक रहे उसके हथियार पर पड़ी और उसे लटकते हुए हथियार को देखकर वह मुस्कुरा दी। वह दरवाजा खोल कर कमरे से बाहर निकल गई और राहुल भी उसके पीछे पीछे बाहर आ गया। अलका कमरे से बाहर निकल कर अपनी आलस को मरोड़ते हुए बड़े ही उत्तेजक अंदाज में अंगड़ाई ली। जिसे देखते ही राहुल की आह निकल गई। दो-दो बार झड़ चुके लंड ने जब अलका के गुदाज बदन को अंगड़ाई लेता और मटकती गांड को देखा तो सिथील पड़ रहा लंड धीरे-धीरे तनाव में आने लगा।
अलका कुछ देर वहीं खड़े रहने के बाद वापस बाथरुम की तरफ जाने लगे इस वक्त अलका का बदन कुछ ज्यादा ही उत्तेजक और सेक्सी लग रहा था, उसकी बड़ी बड़ी गांड बहुत मोटी मोटी जांघे वातावरण को और ज्यादा उन्मादक बना रहा था। अलका अपने हुस्न के जलवे को बिखेरते हुए बाथरूम के दरवाजे तक पहुंच गई। यू रात को कमरे के बाहर निकलकर बिंदास तरीके से बाथरुम की तरफ जाती हुई अपनी मां को पीछे से देखकर राहुल का लंड धीरे धीरे खड़ा होने लगा। कल का बाथरूम का दरवाजा खोलने से पहले एक बार फिर से राहुल की तरफ नजर घुमाकर देखी और इस बार भी उसकी नजर उसके लंड पर पड़ी जो कि अब पूरी तरह से अपनी औकात में आ चुका था। टनटनाए हुए लंड को देखकर अलका की बुर एक बार फिर से फूलने पीचकने लगी, अलका भी दो बार पानी पानी हो चुकी थी लेकिन जिस तरह से अपने बेटे को तुरंत तैयार हो जाने की मर्दानगी को देखी, अपने बेटे की ईसी मर्दानगी की वजह से उसकी बुर भी लगातार पानी छोड़ते हुए उत्तेजित होकर के गरम रोटी की तरह फूल जा रही थी। वह अपने होठों पर कामुक मुस्कान बिखेरते हुए बाथरुम में घुस गई। राहुल भी अपना लंड हीलाते हुए पीछे पीछे बाथरुम में घुंस गया। बाथरूम का नजारा बेहद उत्तेजनात्मक होता जा रहा था, अलका बाथरुम के दूसरे छोर पर चुदवासी हो करके अपने होंठ को खुद ही दांत से चबाते हुए राहुल की तरफ देख रही थी जो कि बाथरुम का दरवाजा बंद करते हुए अलका को ही देखे जा रहा था। और अलका थी कि अपनी बुर को अपनी हथेली से रगड़ते हुए राहुल से बोली।
तुझे भी पेशाब लगी है क्या? ( इतना कहकर वह मुस्कुराने लगी लेकिन राहुल ने बिना जवाब दिए बस आंख फाड़े अपनी मां को ही देखे जा रहा था, अलका फिर बोली।) लगी हो तो तू भी कर ले,( लंड पर नजर घुमाते हुए।) तेरे लंड को देख कर तो ऐसा लग रहा है कि तुझे पेशाब नहीं बल्कि चुदास लगी है। ( इतना कहकर वह जोर से हंसते हुए नीचे पेशाब करने के लिए बैठने लगी, अोर राहुल प्यासी आंखों से अपनी मां को पेशाब करने के लिए नीचे बैठते हुए देखकर कामोत्तेजित हुआ जा रहा था। राहुल को देखते ही देखते अलका नीचे बैठ गई और थोड़ी सी अपनी गांड को उचकाकर पेशाब करने लगी। थोड़ी ही देर बाद उसकी बुर में से मधुर बांसुरी की आवाज के समान सीटी की आवाज आने लगी जोंकि राहुल के कानों में पड़ते ही उसका तन बदन झनझना गया। राहुल तो मंत्रमुग्ध सा बस देखता ही रह गया कुछ पल तो उसे किसी भी बात की सुध बुध ही नहीं रही। वह बस अपनी मां को पेशाब करता हुआ देखता ही रहा और अलका उसकी कामोतेजना को और ज्यादा बढ़ाते हुए नजरें घुमा कर उसकी तरफ देखती हुई अपने लाल-लाल होठों पर जीभ फिरा रही थी। राहुल से यह नजारा देखकर बिल्कुल भी रहा नहीं गया वह अपने घर में को अपने हाथ में लेकर हिलाने लगा और लंड को हिलाते हुए अपनी मां के करीब जाने लगा। अलका अपने बेटी को अपने करीब इस तरह से आते हुए देखकर उत्तेजित होने लगी उसकी बुर में सुरसुराहट बढ़ने लगी और वह और जोर से पेशाब करने लगी।बुर से आ रही सीटी की आवाज को सुनकर राहुल बेचैन होने लगा।
राहुल अलका के बिल्कुल करीब थी उसके पीछे ही खड़ा था जिसे वह नजरें उठाकर देख रही थी। अलका सोच रही थी कि वह भी उसकी आंखों के सामने पेशाब करेगा और वह यही देखने के लिए तड़प रहीं थी लेकिन उसके सोचने के विरुद्ध उसने कुछ ऐसा कर दिया जिससे अलका के बदन में हलचल मच गई और उत्तेजना के मारे उसकी बुर फूलने पिचकने लगी।
राहुल ठीक उसके पीछे ही जिस तरह से वह बैठी थी उसी तरह से बैठ गया और अपने लंड को हाथ में पकड़ कर अपनी कमर को आगे की तरफ थोड़ा सा बढ़ा कर लंड के सुपाड़े को बुर के गुलाबी छेद पर टिकाने की कोशिश करने लगा, अलका कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि राहुल इस तरह की हरकत करेगा लेकिन उसकी इस हरकत की वजह से उसका पूरा बदन उत्तेजना के मारे गंनगना गया था। वह अपने बेटे के लंड के सुपाड़े को अपनी बुरके इर्द-गिर्द महसूस कर रही थी। और सुपाड़े का गर्म स्पर्श उसके पूरे बदन में कंपकंपी सी मचा दे रहा था। अलका लंड के सुपाड़े की रगड़ को अच्छी तरह से पहचानती थी कि राहुल इस तरह से क्या ढूंढ रहा था। राहुल की हरकत में उसे पूरी तरह से गर्म कर दिया था इसलिए वह हल्का सा और अपनी गांड को थोड़ा सा उचकाकर अपने हाथ से अपने बेटे का लंड पकड़ कर उसके सुपाड़े को अपने गुलाबी बुर की गुलाबी पत्तियों के बीच टिकादी, राहुल को जैसे उसकी मनचाही मुराद मिल गई हो। अलका ने उसे रास्ता दिखा दी थी अब मंजिल तक पहुंचने का काम राहुल का था।
राहुल कामज्वर के सागर मे डुब रहा था। मंजिल की चाह में तड़प रहे राहुल के लिए यह डूबते को तिनके का सहारा था। उसने भी एक पल की भी देरी किए बिना ही हल्के से अपनी कमर को बैठे-बैठे ही आगे की तरफ बढ़ाया तो लंड का सुपाड़ा गप्प से पनियाई बुर में धंस गया जिसमें से अभी भी पेशाब की तेज धार फूट रही थी। राहुल के लिए अब रुक पाना बड़ा ही मुश्किल था वह बैठे बैठे ही अपनी मां कोे पीछे से पकड़कर अपनी कमर को एक बार फिर से जोर से आगे की तरफ बढ़ाया तो इस बार लंड सब कुछचीरता हुआ बुर की गहराई मे धंस गया। जैसे ही पूरा लंड बुर के अंदर घुसा वैसे ही अलका के मुंह से आह निकल गई।
आहहहह,,,,,,,, राहुल,,,,,, यह क्या किया रे तूने मैं कभी सपने में भी नहीं सोची थी कि तू कुछ इस तरह से करेगा,,,,,
ओहहहहह,,,,,, अलका मेरी जान जब इस तरह से बड़ी बड़ी गांड दिखाते हुए मुतोगी तो मेरा मन तो डोलेगा ही
,,,,,( राहुल अपनी कमर को हिलाते हुए अपनी मां को चोदते हुए बोला।)
आाहहहहहहहहहह,,,,,, सससससससहहहहहहहहहह,,,,,,,,,,,,औहहहहहह,,,,,म्माआआआआ,,,,,,,,ऊहहहहहह,,,,,,,,,, राहुल बेटा,,,,, ( अपने बेटे के मुंह से अपना नाम फिर से सुनकर अलका पूरी तरह से उत्तेजित हो चुकी थी और उसके मुंह से गरम गरम सिसकारी फुटना शुरू हो गई थी। उसे इंन शब्दो के साथ चुदवाने में कुछ ज्यादा ही मजा आ रहा था, और राहुल को भी। अल्का पुरी तरह से मस्त हो जा रही थी उसकी बुर में उसके बेटे का लंड बड़ी ही तेजी से अंदर बाहर होता हुआ चुदाई का सुख दे रहा था।
देख मेरी जान देख तेरी बुर केसे लपालप मेरा लंड ले रही है। आाहहहहहहहहहह,,,,,,औहहहहह,,,,, मेरी जान मेरी अलका तुझे चोद चोदकर मैं मस्त हुएें जा रहा हूं।सससहहहहह,,,,,,आाहहहहहहहहहह,,,,, अलका रानी,,,,,, कितनी मस्त है रे तु,,,,, तू तो मुझे पागल कर दी है मेरी जान,,,,,,,,,, आहहहहहहह,,,,,, ( राहुल बैठे-बैठे ही जोर जोर से धक्के लगाता हुआ अपनी मां को चोद रहा था और मस्त हो कर के गंदी गंदी बातें कर रहा था जो कि अलका को भी एकदम मस्त किए जा रही थी। अलका को यकीन नहीं हो पा रहा था कि उसका बेटा उसे इन शब्दों में बोलते हुए इतनी मस्त चुदाई कर रहा है। फच्च,फच्च की आवाज से पूरा बाथरूम गुंज रहा था। अलका पानी पानी हुई जा रही थी उसकी बुर से लगातार उत्तेजना के मारे नमकीन पानी रिस रहा था। राहुल का लंड ईस अवस्था मे भी बड़ी तेजी से बुर के अंदर बाहर हो रहा था।राहुल दोनो हाथ आगे बढाकर अलका की दोनो चुचियों को हथेली में दबोच कर पीछे से अपना लंड अंदर बाहर करते हुए उसे चोद रहा था ।
राहुल को इस तरह से अपनी मां को चोदने में बहुत आनंद की प्राप्ति हो रही थी उसे यकीन नहीं हो रहा था कि वह कभी इस तरह से अपनी मां की चुदाई करेगा। अलका तो अपने बेटे का लंड ले लेकर पानी पानी हुए जा रही थी मदहोशी उसकी आंखों में साफ नजर आ रही थीे वह अपनी आंखों को बंद करके संभोग सुख की असीम आनंद की अनुभूति कर रहीे थी।
सससससहहहहहहह,,,,,,, औहहहहहह,,,,,,, मेरे राज्जा,,,,, सससहहहहह,,,,, और तेज धक्के लगा,,,,, मेरे राजा,,,,,,, ( अलका भी अब राहुल की ही तरह की बातें करने लगी थी दोनों को बेहद मजा आ रहा था राहुल तो अपनी मां के मुंह से ऐसी बातें सुनकर जोर-जोर से चूचियों को दबाता हुआ दो चार धक्के और जोर से जड़ दिया )
आहहहहह आहहहहहहह आाहहहहहहहहहह,,,,,, ओहहहहह राहुल एेसे ही,,,,,,, हां,,,,, बस ऐसे ही चोदता रहे।
पूरे बाथरूम में दोनों की गरम सांसो की सिसकारियां और चप्प,,,,,,,, चप्प,,,,,की आवाज गूंज रही थी।
तकरीबन 30 मिनट तक राहुल अपनी मां को ईसी अवस्था में चोदता रहा और उसकी मां भी इस अवस्था में चुदाई का भरपूर आनंद उठाते हुए गर्म सिसकारियां भर्ती रही।
लगातार दोनों चरमसुख की प्राप्ति के लिए आगे बढ़ रहे थे दो चार धक्कों के बाद ही अलका के बदन में अकड़न सी आने लगी,,,,,, उसकी सिसकारियां कुछ ज्यादा तेज हो गई राहुल को भी लगने लगा था कि वह भी अब बिल्कुल करीब पहुंच चुका है । इसलिए वह भी अपने धक्कों की गति को तेज कर दिया और कुछ ही धक्कों के बाद दोनों झड़ने लगे। राहुल ने गजब का संभोगासन े दिखाते हुए अपनी मां को संभोग की संपूर्ण रुप से संतुष्ट जनक प्राप्ति करवाया था। दोनों तीसरी बार झड़ चुके थे। राहुल ने अपना लंड अपनी मां की बुर से बाहर निकाल कर खड़ा हो गया अलका भी हांफते हुए खड़ी हुई। राहुल का लंड अलका की नमकीन पानी में तरबतर होकर चु रहा था। अलका हांफते हुए मुस्कुरा रही थी, उसे इस बात का अंदाजा बिल्कुल नहीं था कि बाथरुम में भी एक राउंड पूरा हो जाएगा। अलका राहुल से बिना कुछ कहे मुस्कुराते हुए बाथरुम से बाहर निकल गई और राहुल ने वही खड़े-खड़े पेशाब किया और वह भी बाथरुम से बाहर आ गया। आधी रात से ज्यादा समय बीत चुका था लेकिन दोनों की आंखों से नींद कोसों दूर थी। राहुल कमरे के अंदर प्रवेश किया तो अलका बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी लेकिन उसके बदन पर एक भी कपड़ा नहीं था उसने अपनी ब्रा और गांऊन को भी उतार फेंकी थी। पेट के बल लेटे होने की वजह से उसकी भरावदार गांड ऊपर की तरफ कुछ ज्यादा ही निकली हुई नजर आ रही थी। राहुल जाकर बिस्तर पर बैठ गया और एक हाथ से अपनी मां की नरम नरम गांड को सहलाने लगा, अलका नजर घुमाकर राहुल की तरफ देखते हुए मुस्कुरा दी और बोली।
बेटा गजब की ताकत है तेरे मे बिना थके तूने तीन बार मुझे जन्नत की सैर करवा चुका है। मुझे तो तूने थका डाला है। ( अपनी मां के मुंह से अपनी तारीफ सुनकर राहुल खुश हो कर मुस्कुराया जा रहा था और अपनी मां की नरम नरम गांड को सहलाए जा रहा था। अलका अपने बेटे की मर्दानगी की तारीफ करते हुए बिल्कुल भी नहीं थक रही थी। थकती भी कैसे, जिस तरह से राहुल उसकी जमकर चुदाई करता था शायद ही ऐसी चुदाई कोई कर पाए। आखिरकार वह राहुल ही था जिसने उसकी नीरस जिंदगी में रंग भर दिए थे। उसने उसे इक नई जिंदगी दिया था वरना वह तो बस जिए जा रही थी जिंदगी का बोझ लेकर। अलका यही सब सोचे जा रहे थे और राहुल की तरफ देखकर मुस्कुराए जा रहीे थी।
राहुल अलका की गांड को सहलाते हुए बोला।
मम्मी तेरी ये ( गांड की तरफ ईसारा करते हुए) मतवाली गांड देख कर मेरा जोश बढ़ जाता है ना जाने मुझ में कितनी ताकत आ जाती है। सच मेरी जान
( दोनों हथेलियों में भरकर जोर से गांड को दबाते हुए) तेरी यह बड़ी बड़ी गांधी है जो मेरे लंड को हमेशा खड़ा रखती है हमेशा तैयार रहती है तेरी बुर में डालने के लिए। ( राहुल फिर से दूसरी भाषा में अलका से बातें करने लगा और अलका इन शब्दों को सुनकर मस्त होने लगी। इस तरह की भाषा का प्रयोग अपने लिए सुनकर उसके बदन में भी मस्ती छाने लगी और मस्तीयते हुए वह बोली।)
औहहहहह,,,,,, राहुल,,,,, मेरे राज्जा,,,,,,, ,, अगर सच मे तुझे मेरी गांड ईतनी ज्यादा अच्छी लगती है तो,,,, मेरे राज्जा,,,,,, तु आज मेरी ( ऊंगली से गांड ं की तरफ इशारा करते हुए) गांड से खूब प्यार कर जमकर प्यार कर इतना प्यार कर की तु इसे लाल लाल कर दे।
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