RE: Antarvasna kahani जुआरी
ये सब इतनी जल्दी हुआ की विजय ढंग से उसकी चूत भी नहीं देख पाया, कामिनी के चेहरे को देखकर सॉफ पता चल रहा था की वो अभी तैयार नही हुई थी, पर अपने पति को भला वो कैसे मना करे, बेचारी दर्द सहती हुई उसके लंड से मिल रहे झटको को महसूस करके कराहती रही...और कुछ ही देर में कुणाल के लंड से ढेर सारा रस निकल कर उसकी चूत में जा पहुँचा..और वो अपने लंड को धोने के लिए बाहर चला गया..
पायल ने एक कपड़े से अपनी चूत पोंछी, अपने हाथ धोए और फिर से खाना गर्म करने लगी.कुणाल अंदर आया और खाना खाने बैठ गया.
विजय भी चुपचाप वहां से निकलकर वापिस अपने रूम में आ गया, कामिनी अभी तक सो रही थी, बेड पर लेटकर उसके जहन में सारी बातें घूमने लगी, पायल को चोदने के लिए उसे क्या प्लानिंग करनी पड़ेगी ये अब उसके लिए और भी आसान काम हो गया था
पर कुणाल का उसकी बीबी कामिनी के प्रति आकर्षण उसे थोड़ा खटक रहा था, ऐसे में अगर कामिनी ने कुणाल को कुछ कह दिया और उन दोनो को घर से निकाल दिया तो उसका सारा प्लान धरा रह जाएगा..
वो बस यही प्रार्थना करने लगा की कामिनी हर परिस्थिति में उसकी प्लानिंग के अनुसार ही चले.
और अचानक उसके दिमाग़ में कुछ आया,
और वो ये की अगर कुणाल और कामिनी आपस में सेट्टिंग कर ले तो उसका काम बन सकता है...भले ही जो बात उसके दिमाग़ में आई थी, वो एक पति को शोभा नही देती पर पायल को पाने की चाह में उस मगरूर के दिमाग़ ने इस बात की भी मंज़ूरी दे दी की कुणाल उसकी बीबी को पटाने में और चोदने में कामयाब हो जाता है तो वो मना नही करेगा..
ऐसे में उसका पायल को चोदना बहुत आसान हो जाएगा.
अब सब कुछ क्लियर था उसके माइंड में , कैसे कब और क्या करना है,सब उसने सोच लिया था.
अगले दिन कुणाल तैयार होकर विजय के पास पहुँच गया, सुबह का वक़्त था, विजय अभी जिम से आया ही था, उसने कामिनी को बुलाकर कह दिया की आज से कुणाल उसका ड्राइवर है,
कामिनी को कुणाल बिल्कुल भी पसंद नही था, ख़ासकर कल जिस बेशर्मी से वो नहा रहा था, उसके बाद तो उसके काले कलूटे शरीर से उसे नफ़रत सी हो गयी थी..
पर अपने पति के सामने उसकी एक नही चलती थी, एक तो मंत्री लोगो का रुतबा अलग ही होता है, ऐसे में उनकी बात को उसने एक नौकर के सामने मानने से इनकार कर दिया तो उसे पता था की विजय कैसी-2 बातें सुनाएगा उसे.. इसलिए उसने बुझे मन से, मुस्कुराते हुए हाँ कर दी.
वो बोली : "ओक, आपने सोचा है तो ठीक ही होगा,...''
और फिर कुणाल की तरफ मुँह करके बोली : "तुम गाड़ी निकालो, मुझे अभी जिम जाना है...मैं बस अभी आई..''
कुणाल ओके मेमसाब् बोलता हुआ बाहर निकल गया, पर जाते-2 उसकी नज़रों ने कामिनी के गुदाज जिस्म को अच्छे से चोद डाला था.. नाइट सूट में, खासकर छोटी सी निक्कर में वो बड़ी ही सैक्सी लग रही थी.
ये सब विजय एक चेयर पर बैठा बड़ी बारीकी से देख रहा था, उसे पता था की इस वक़्त कुणाल के मन में क्या चल रहा होगा, पर फिर भी अपनी हीरोइन जैसी बीबी को उसने इस भेड़िए के साथ जाने को राज़ी कर लिया था..
और वैसे भी उनके जाने के बाद विजय के पास करीब 2 घंटे का टाइम था, जिसमे वो पायल के साथ कुछ मज़े ले सकता था, इसलिए वो उनके निकलने का इंतजार करने लगा.
कुछ ही देर में कामिनी तैयार होकर बाहर निकल गयी, विजय ने उसे बाय कहा और अंदर आकर बैठ गया.
कुणाल ने जब कामिनी को गाड़ी की तरफ आते हुए देखा तो वो एक पल के लिए तो पलकें झपकाना ही भूल गया, वो अपनी जिम वाली ड्रेस में, अपनी सैक्सी कमर मटकाती हुई उसकी तरफ ही आ रही थी.
एकदम टाइट ड्रेस होने की वजह से उसके शरीर का हर कट नज़र आ रहा था, खासकर कामिनी की निकली हुई गांड, उसके गुदाज और कर्वी बदन को देखकर कुणाल का लंड एकदम से खड़ा हो गया, वो झट्ट से पलटकर गाड़ी में आ बैठा ताकि वो उसके खड़े लंड को ना देख पाए.
कामिनी ( अंदर बैठती हुई) : "जब मैं आऊं तो गाड़ी का दरवाजा खोला करो मेरे लिए , समझे ''
"जी मैमसाहब ''
मन ही मन वो अपनी इस नयी नौकरी के लिए पायल और विजय साहब का धन्यवाद दे रहा था, जिसकी बदौलत उसे हर समय कामिनी मेडम के साथ रहने का मौका मिलेगा.
उसके मन में कई ख्याली पुलाव बनने शुरू हो गये थे, पर वो इस बात से अंजान था की उससे भी ज़्यादा पुलाव और प्लान तो विजय बना चुका है, उसकी बीबी को चोदने के लिए.
अब देखना ये था की किसके प्लान पहले कारगार सिद्ध होंगे और किसकी बीबी पहले चुदेगी.
कार चलाते हुए कुणाल बेक मिरर से बार-2 कामिनी मेडम को देख रहा था
वो जिस आडया से अपने बालो को बार-2 पीछे करके फोन पर बात कर रही थी, कुणाल तो उसका दीवाना हो गया, उसकी नज़र ख़ासतोर से उसके पिंक कलर के होंठों पर थी, जो इतने मोटे थे की उन्हे चबाने मे कितना मज़ा आएगा, यही सोचकर उसका लंड अकड़े जा रहा था, बड़ी मुश्किल से वो कार चला पा रहा था क्योंकि बार-2 उसका हाथ अपने लंड को एडजस्ट करने में बिज़ी था.
जिम पहुँचकर , कार से दूर जाते हुए कुणाल एक बार फिर से उसकी लचक रही गांड और कसी हुई जाँघे देखकर सम्मोहित सा हो गया...
उसने अपने लंड को मसलते हुए कसम खाई की अब कुछ भी हो जाए, वो उसकी गांड ज़रूर मारकर रहेगा.
गाड़ी को पार्किंग में लगाकर, अपनी कामिनी मेडम के बारे में सोचते-2 वो अपने लंड को रगड़ता रहा...
अचानक उसके मन में ना जाने क्या आया और वो उठकर पीछे वाली सीट पर जाकर बैठ गया...
ठीक उसी जगह जहाँ कामिनी बैठी थी...
उस जगह से निकल रही कामिनी की गांड की गर्मी को महसूस करके वो और उत्तेजित हो गया और उसने अपना लंड बाहर निकाल लिया..
हालाँकि दोपहर का समय था पर गाड़ी VIP थी इसलिए उसके काले शीशो से अंदर का कुछ भी देख पाना संभव नही था...
वो कामिनी के बारे में सोचता हुआ, उसे गंदी-2 गालियाँ देता हुआ, अपना लंड मसलने लगा..
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