RE: Antarvasna kahani गाओं की मस्ती
गतान्क से आगे............
"मैं आपको बहुत प्यार करता हूँ, मा" मुझे आप पक्का बना देना.
फिर छ्हम्मो दोनो दमादों के लंड दोनो हाथों से पकर उनसे खेलते खेलते सो गयी. सुबह जब आँख खुली तो छ्हम्मो ने देखा की जगन का पैर उनके उपर चढ़ा हुआ है और उसका लंड बुरी तरह से खरा हुआ है. देव उनसे दूर सो रहा है. धीरे धीरे छ्हम्मो दमादों को बिना जगाए उठ कर बैठ गयी. उनको चूत पर खुजली महसूस हुए तो उन्होने चूत पर हाथ फेरा. हाथ फेरने से उन्होने पाया कि कल रात की चुदाई से दोनो दमादों का वीर्या उनके चूत के चारो तरफ सुख कर फैला हुआ है. जगन का खरा लंड देख कर छ्हम्मो अपने आप को रोक नही पायी. वो जगन के बगल मे घुटने के बल बैठ कर जगन का लंड चूसने . जगन लंड की चुसाइ से जाग गया और अपना लंड सास के मूह मे देखा और उनकी तरफ देख मुस्कुरा दिया.
"यह तो बरा अच्छा जगाने का तरीका है" . देव भी अब तक जाग गया था और उठ कर जगन और सास को देख कर बोला,
"तुम लोगों ने सुबह सुबह ही शुरू कर दिया" और वो बैठ कर उनकी हरकतों को देखने लगा. थोरी देर के बाद देव का लंड भी खरा होना शुरू कर दिया. देव हाथों से अपना लंड सहलाते हुए छ्हम्मो को जगन का लंड चूस्ते देखने लगा. कुच्छ देर के बाद देव उठ कर सास के पिछे चला गया और उनके पिछे जा कर उकूड़ू बैठ गया और उनकी गंद हाथों से उठा लिया. देव हाथों से सास की बिना झांतों वाली बूर को मसल रहा था और देखा की चूत के चारों तरफ कल रात की चुदाई से ढेर सारा वीर्या जमा परा है. उसने फिर सास की चूत को हाथों से फैलाया और उसमे मूह लगा कर उसको चूसना शुरू कर दिया. छ्हम्मो अब धीरे धीरे गरम हो रही थी. वह गंद हिला हिला कर देव को अपनी चूत को चूसने मे मदद करने लगी.
देव का लंड अब तक काफ़ी हद तक खरा हो गया था और वो झुक कर अपना लंड सास की चूत पर लगा दिया और उसे एक ही झतके के साथ अंदर गुसेर कर उनको चोदने लगा. छ्हम्मो बरे दामाद की करतूतों से बहुत खुस थी और चकित भी थी और अपनी गंद हिला हिला कर अपनी चूत बारे दामाद से चुदवा रही थी. छ्हम्मो अपनी चूत को दामाद से पिछे से चुदवा रही थी और मूह से छोटे दामाद का लंड चूस रही थी. थोरी देर के बाद जगन सास के मूह मे ही अपना पिचकारी छोड दिया जिस को छ्हम्मो बारे मज़े लेकर पी गयी. देव अभी तक झारा नही था और वो सास को पिछे से पकर कर चोदना चालू रखा. थोरी देर तक इस तरह से चोद्ते हुए देव उनकी चूत मे पिचकारी छोड दिया और चूत वीर्या से भर गयी.
"वाह, जागने और जगाने का यह क्या अच्छा तरीका है" छ्हम्मो यह सोचते हुए अपनी सारी को पहनते हुए कमरे के बाहर बाथरूम के तरफ चल दी.
छ्हम्मो बाथरूम से चूत और जांघों को धो कर बाहर आई और दमादों के लिए चाइ नाश्ता बनाया. जगन और देव भी सॉफ सफाई करके साथ बैठ कर चाइ नाश्ता लिया. नहाते वक़्त तीनो तय किया सब के सब एक साथ नहाएँगे, जिस'से की समय की बचत होगी. तीनो बाथरूम एक साथ घुस गये और नहाने लगे. जगन और देव पहले पंप चला कर बाल्टियो मे भर लिया और छ्हम्मो ने उनके शरीर पर साबुन लगा कर मल मल कर उनको साफ सुथरा किया फिर दोनो मिल कर सास को भी साबुन लगा कर साफ किए. जगन का लंड नहाते वक़्त भी खरा हो गया था, लेकिन छॅमो यह देख कर भी ज़्यादा ध्यान नही दी और बाद के लिया छोड दिया. फिर सब हस्पताल पाहूंचे. हस्पताल मे जगन और देव के ससुरजी और उनके भाई भी आ गये थे. सब के सब जया और उसकी बची को देख कर काफ़ी खुस थे.
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