Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
09-03-2018, 09:20 PM,
RE: Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
मैं मुन्नी एक बार फिर आ गई आप सबको लुभाने के लिए....उस रात का किस्सा अब आगे मेरी ज़ुबान से.


कम्मो उठ के गई तो मुझे लगा शायद मूतने गई होगी. कुच्छ देर इंतेज़ार पे जब वो नही आई तो मैं भी उठ गई और टाय्लेट मे जाके देखा पर वहाँ नही थी. फिर ऐसे ही अचानक मेरी नज़र बाहर की तरफ गई. खिड़की थोड़ी खुली थी. बच्चे सब गहरी नींद में थे. बाहर से हँसने की आवाज़ आ रही थी. जो देखा वो देख के मेरी नींद उड़ गई और रोंगटे खड़े हो गए. आंटी सखी के बगल में खड़ी थी और जीजू के दोस्त के साथ मूह भिड़ा रही थी. तीनो नंगे थे और ....बाकी सब भी नंगे थे. मेरी तो आँखें फटी की फटी रह गई और अपने आप ही मेरा हाथ मेरी सलवार के उपर चला गया.

पता नही मुझे क्या हुआ और उन सबको देखते हुए मेरे भी कपड़े उतरने लगे. जब तक आंटी ने राखी भाभी की चूत मे अंकल का लोड्‍ा डलवाया मुझे दूसरी तरफ से कम्मो और रमेश नंगे आते हुए दिखाई दिए. कम्मो ने रमेश का लंड थामा हुआ था और उसे कुच्छ कह रही थी. दोनो चलते हुए मिन्नी भाभी की तरफ बढ़ गए. फूफा जी ने कम्मो को पकड़ लिया और उसे नोचने लगे. साली क्या मस्त होके उनसे चिपक गई और उनकी जाँघ पे अपनी चूत रगड़ने लगी. मेरे देखते देखते ससुर, जमाई और रमेश तीनो ने लोड्‍े मिन्नी भाभी में फिट कर दिए.

अब मेरे सब्र का बाँध टूट चुका था और मेरी चूत फड़कने लगी. वहीं खड़े खड़े मेरा पानी छूट गया. फिर मैने अपने कपड़े समेटे और कम्मो को मन ही मन में गालियाँ देते हुए बाहर चली गई. मुझे अभी थोड़ी संतुष्टि मिली हुई थी और मैं अभी सबको देखना चाहती थी. इसलिए सबसे सेफ मुझे बाबूजी के पास जाना लगा. बाबूजी और कविता आंटी एक दूसरे को रगड़ने में लगे हुए थे. अभी तक उन्होने कोई चुदाई शुरू नही की थी. मैं इठलाती हुई बाबूजी के पास पहुँची तो उन्होने मुझे अपनी गोद में खींच लिया और मेरे से ज़ुबान लड़ाने लगे. आंटी बड़े गौर से उन्हे देखते हुए मुस्कुरा रही थी. 

बाबूजी - क्या हुआ भाभी ऐसे क्यों मुस्कुरा रही हो ?

कविता आंटी - मुस्कुरा रही हूँ क्योंकि तुम दोनो दोस्त एक जैसे हो...साले दोनो नौकरानियो के मूह लगते हो.....वो भी हरामी ऐसे ही करता था और तुम भी ऐसे ही हो.....

बाबूजी - पर भाभी मैं थोड़ा अलग हूँ ...मैं भाभियों के मूह भी लगता हूँ और बहुओं के, सम्धनो के, बेहेन्चोद भी हूँ और शायद आज अपनी भांजी के मूह भी लग जाउ....हे हे हे....आपका पति अभी बहुत पिछे है इन सबमे.....हा हा ....उउम्म्म्म मुन्नी एक काम कर....नीचे बैठ जा और आराम से मेरा लोड्‍ा चूस्ति रह. अभी निकालना नही है.....पहले तेरी आंटी को यहाँ का नज़ारा अच्छे से देखने दे और गरम होने दे फिर पेलुँगा इनके अंदर...... आज थोड़ा मज़े लेके आराम से करेंगे....क्यों भाभी क्या कहती हो....बहुओं को देख लें पहले....?

बाबूजी की बात सुनके मैं उनके बदन से रगड़ती हुई उनकी टाँगों के बीच बैठ गई और हल्के हाथों से और दाँतों से और होठों से और मूह से और जीभ से उनके लंड की सेवा करने लगी. यहाँ मैं ये सब करने में मगन हुई और उधर बाबूजी और कविता आंटी आपस में बातें करने लगे. दोनो जैसे मुझे रन्निंग कॉमेंटरी सुना रहे थे.

कविता आंटी - भाई साब वैसे मानना पड़ेगा आपकी तीनो बहुएँ अच्छी चुदास हैं. मेरी बहू इतनी चुदास नही है. पर शायद इसलिए भी क्योंकि मेरे बेटे के अलावा शायद अभी उसे कोई नए लोड्‍े नही मिले. 

बाबूजी - कोई बात नही भाभी अगली बार उसको भी बुला लेना. और हां भाभी चुदास तो ये हैं. इनकी सेलेक्षन भी यही देख के की थी. वो कहानी फिर कभी अकेले में सुनाउन्गा.

बाबूजी - अर्रे वाह ये क्या नज़ारा है ?? देखिए ना भाभी........वाह मज़ा आ गया देख के......शोभा को देखो कैसे तीनो भाईओं के लोड्‍े संभाल रही है.....अर्रे तू भी देख मुन्नी और सीख .....आरररगज्गघ मेरा भी मन कर रहा है इसके मम्मे चूस लूँ.......भाभी सच में मेरी भांजी भी कसा हुआ माल है.....देखो कैसे संजय के लंड से खेल रही है और राजू को मूह में भरा हुआ है. सच कहूँ भाभी मेरे घर की चुदासी बहू बेटिओं को देख के मुझे बड़ा मज़ा आता है. कई कई बार तो ये सब पूरा पूरा दिन मेरे लंड को नीचे ही नही होने देती. और उपर से मेरी सम्धन और ये दोनो छिनाले जो घर का काम देखती हैं. मेरा तो मन करता है कि पूरा पूरा दिन इन सब की चूते बजाता रहूं.

कविता आंटी - वाकई में भाई साब आप बहुत लकी हैं. इतनी सारी मस्त चूते और इतने बड़े तगड़े लंड देख के मुझे आपसे जलन हो रही है. और सबसे बड़ी बात ये है कि सब अपनी मर्ज़ी से इस सामूहिक संभोग में शामिल हैं. मेरी एक दो सहेलिया कहती थी कि ऐसे में मज़ा आता है पर मैं कभी शामिल नही हुई पर आज ये सब देख के मेरी चूत से तो रस बहना रुक ही नही रहा. मुन्नी ज़रा मेरी चूत भी चाट दे .....थोड़ा आराम मिल जाएगा. तब तक मैं भाई साब का लंड चूस लेती हूँ.
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