Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
09-03-2018, 09:03 PM,
#50
RE: Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला
मुन्नी की चूत एक बार फिर झरने को तैयार थी. कम्मो की जीभ के साथ उसकी गांद में बाबूजी की उंगली अभी भी धँसी हुई थी. उसके संतरे उसके हाथों में सजे हुए थे. अचानक से मुन्नी ने दोनो हाथों से कम्मो का सिर दबोच लिया और अपनी चूत को उसकी नाक और होंठो पे घिसने लगी. 8 - 10 घस्सो में ही उसकी चूत ने फिर से फुहार छोड़ी और कम्मो का मूह भर गया. काँपते हुए मुन्नी एक बार फिर से कार्पेट पे लेट गई. उससे 2 फिट की दूरी पे पड़ी शारदा ने उसके संतरे अपने मूह में भर लए और निचोड़ निचोड़ के चूसने लगी. मुन्नी का ऑर्गॅज़म पहले जैसे ही हुआ और जब तक वो शांत हुई तब तक बाबूजी और कम्मो तैयार हो चुके थे.

'' बाबूजी जल्दी छोड़ो चूत में अपना रस ...मैं भी बस तैयार हूँ ..दोनो साथ में आएँगे...ऊओ बाबूजी ..हाआँ बस ऐसे ही ...हां ऐसे ही बस - 5 ठोकर और मारो बाबूजी...एस्स...1 2 3 4 5 ...ऊओ मा..........हान्ंणणन्....बाबूजीइीइ.............'' कम्मो अपने चूचे दबाते हुए झरने लगी. बाबूजी ने भी झटके मारते हुए अपना वीर्य पात करना शुरू कर दिया. अब तक शांत हो चुकी मुन्नी और शारदा नीचे पड़े पड़े उनका साथ साथ झरना देखते रहे. बाबूजी जिस प्यार से कम्मो को चूम रहे थे ऐसा लग रहा था कि दोनो का जनम जनम का चुदाई का रिश्ता हो.

दोनो का झरना ख़तम होते ही बाबूजी ने अपने लंड को हल्के झटके देते हुए बाहर निकाला. लंड अब करीब 5 इंच का हो चुका था और चूतरस और वीर्य मिश्रण से सना हुआ था. शारदा से रुका नही गया और उसने आगे बढ़ के पीठ के बल लेटते हुए निच्चे से लंड को मूह में भर लिया. उसको देखते हुए मुन्नी भी उसके उपर लेट के बाबूजी के लंड के आस पास के हिस्से को चाटने लगी. इतने में कम्मो की चूत से रस बाहर आने लगा और मुन्नी ने बिना किसी झिझक के उसे चाटना शुरू किया. बाबूजी का लंड और टटटे अच्छे से सॉफ कर लेने के बाद शारदा खड़ी हुई और मुन्नी को अपने साथ लेके बाबूजी के साइड में खड़ी हो गई. कम्मो का चहरा मोड़ते हुए शारदा ने अपनी जीभ बाहर निकाली और बाबूजी की बाहर निकली हुई जीभ से मिला दी. दूसरी तरफ से मुन्नी की जीभ और मूडी हुई कम्मो की जीभ भी उनसे जा मिली. इस तरीके से बाबूजी को पहली बार अपनी बहुओं के सिवाए एक साथ 3 औरतों की जीभ चाटने का सुखद एहसास हुआ.

हफ्ते भर के बिज़ी शेड्यूल के बाद शनिवार की शाम आई. पूरे हफ्ते काम काम और सिर्फ़ काम ही चलता रहा. 3नो भाई बिज़्नेस में विलीन थे और बाबूजी भी उनके साथ लगे रहे. घर पे 3नो बहुएँ अपनी सेहत का ध्यान रखते हुए जितना भी कर सकती थी कर लेती थी. सरला ने घर की बागडोर पूरी तरह ले ली थी. कम्मो के कहने पे मुन्नी को भी काम मिल गया. बाबूजी ने दोनो को सख़्त हिदायत दी कि किसी भी तरीके की छेड़ छाड़ उन्हे नही करनी है. जो भी होगा बाबूजी मौका देख के खुद ही करेंगे. बीच में घर पे कंचन बुआ और फूफा जी भी आए. सबको फूफा जी और सखी की मा सरला के संबंधों और बाबूजी के साथ हुए कांड का पता था पर किसी ने भी उसे दर्शाया नही. फूफा जी की नज़र रह रह के सरला के मस्त चुतडो और कम्मो की गदराई जवानी को निहारती रही. सरला उनकी नज़रों से उत्तेजित हो रही थी पर कुच्छ हो नही सकता था.

खैर शनिवार की शाम को बाबूजी अपना ड्रिंक लेके बैठ गए. 3नो भाई और बहुएँ भी वहीं अपने ड्रिंक्स लेके बैठे. सरला को सिर दर्द था सो वो जल्दी खाना और दवाई खा के अपने कमरे में सोने चली गई. कम्मो और मुन्नी को अब से सनडे को भी आना था. बाबूजी के मन में कुच्छ प्लान चल रहे थे. पर अभी तक उन्होने किसी से कोई बात नही की थी. कुच्छ देर के बाद खाने का समय हुआ तो बाबूजी ने 3नो बहुओं को खाना खा के सोने जाने के लए कहा. उन्होने 3नो भाईओं से बिज़्नेस के बारे में कुच्छ बातें करनी थी. 3नो बहुओं को थोड़ा अजीब लगा क्योंकि ज़ियादातर शनिवार और इतवार को बिज़्नेस की बातें नही होती थी और अगर होती भी थी तो उन लोगों के सामने. पर आज कुच्छ अलग था और उनमे से किसी की हिम्मत नही हुई की बाबूजी से कुच्छ पुच्छें. वैसे भी 3नो काफ़ी थॅकी हुई थी सो खाना खा के अपने अपने कमरे में सोने चली गई.

ड्रिंक्स के दौर चलते रहे और फिर करीब रात के 11 बजे सब खाना खाने बैठे. खाने के बाद बाबूजी ने एक ड्रिंक और बनाया और सबको पास बुला लिया. 3नो भाई ध्यान से उनकी ओर देखने लगे.

''मेरे बच्चों आज मुझे तुम लोगोंको अपना एक फ़ैसला सुनाना है. अगर तुम लोगों को लगे कि फ़ैसला ग़लत है तो बता देना. अब जब तुम लोग पेरेंट्स बनने वाले हो और इस घर का श्राप भी ख़तम होने वाला है तो मैने एक फ़ैसला लिया है. अगले 3 साल में बहुओं की 1 और प्रेग्नेन्सी के बाद तुम 3नो अलग अलग रहना शुरू कर दोगे. हमारा घर काफ़ी बड़ा है पर इतने बच्चों के साथ एक साथ रहना मुश्किल होगा. सो मैने सोचा है कि अपने घर की ज़मीन पे तुम लोगों के लिए 2 घर और बनवाउन्गा. मैं राजू और उसका परिवार इसी घर में रहेंगे. तुम दोनो के लिए इसी कॉंपाउंड में 2 घर बनेंगे. जब तक कि तुम्हारे बच्चे बड़े नही हो जाते तब तक सिर्फ़ एक किचन से ही खाना होगा. बाकी कामो के लए घर अलग रहेंगे. इसी तरह से बिज़्नेस में भी अब मैं 3नो को अलग अलग लाइन्स दूँगा. और ये सब तैयारी नेक्स्ट वीक से शुरू हो जाएगी. 3 साल के बाद मैं सब कामो से रिटाइयर्मेंट लेके आराम की ज़िंदगी जीऊँगा.'' बाबूजी ने ड्रिंक की चुस्कियाँ लेते हुए कहा.
क्रमशः.............................................
Reply


Messages In This Thread
RE: Rishton Mai Chudai खानदानी चुदाई का सिलसिला - by sexstories - 09-03-2018, 09:03 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,637,276 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 560,129 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,291,665 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 976,037 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,730,350 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,145,249 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 3,063,464 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,442,774 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,155,957 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 297,953 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)