RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
अमित ने उसकी बात मानी और ज़ोर के धक्के लगाने लगा. कई दिनो से
विजय के साथ रहने के बाद उसने चुदाई मे काफ़ी तरक्की कर ली थी.
वो उसके चुतडो को फैलाकर ज़ोर के धक्के मार रहा था.
विजय ने उसके एक निपल को अपने मुँह मे ले लिया और चूसने लगा,
सोनाली का निपल उसके मुँह मे और बड़ा हो गया था. उसका एक हाथ
उसकी चूत पर था जहाँ अमित का लंड अंदर बाहर हो रहा था.
"ओह हाआअँ य्ाआही आऐसे हिी रग़द्डड़ड़ो ओह मेराा छूटा."
सोनाली सिसक रही थी.
जब उसकी चूत ने अच्छी तरह पानी छोड़ दिया तो उससे बड़ी मुश्किल से
खड़ा हुआ जा रहा था. अमित ने उसे ज़मीन पर घोड़ी बना दिया और
फिर चोदने लगा.
"ऊवू चूऊओदूओ मुझहह्े ऊवू हाां पर आअपँा लुंदड़ड़ बाहर
निक्ाअल लेना मेरी चूओत मे पानी नही छोड़ना." सोनाली बोली.
विजय उसके सामने आ गया और अपना लंड उसके चेहरे के सामने कर
दिया. सोनाली ने अपना मुँह खोला और उसके लंड को चूसने लगी. विजय
अब धक्के लगा कर उसके मुँह को चोद रहा था, कभी वो अपने लंड को
उसके गले तक अंदर डाल देता जिससे उसकी साँसे रुक सी जाती.
सोनाली का पूरा बदन काँप रहा था, दोनो इतनी भयंकर तरीके से
उसे चोद रहे थे की उसकी चुचियाँ घड़ी के पेंडुलम की तरह हिल
रही थी. आज वो इन दो चुड़दकड़ लड़कों की रांड़ थी, और वो दोनो
उसे जमकर चोद रहे थे.
"ऊऊओ मेराअ छूटने वाअला है." अमित सिसका.
"इस्की चूऊत को भार दूओ आआँित." विजय ने कहा.
"नही बाहर निकाल लो. अंदर मत छुड़ाना." सोनाली गिडगिडाइ.
उसकी माहवारी अभी ख़त्म हुई थी और वो फिर से गर्भ निरोधक
गोलियाँ लेना शुरू करने वाली थी. उसके पास गोलियाँ ख़त्म हो गयी
थी और वो रात को बज़ार से लाना भूल गयी थी.
पर बहोत देर हो चुकी थी. अमित अपना लंड उसकी चूत से समय पर
बाहर नही निकाल पाया और उसने अपना वीर्य उसकी चूत मे छोड़ दिया.
सोनाली ने उसके वीर्य को अपनी चूत मे महसूस किया. और उसकी चूत ने
एक बार फिर पानी छोड़ दिया. फिर उसने विजय का वीर्य अपने मुँह मे
महसूस किया जिसे वो निगल गयी.
अमित ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाल लिया, उसका वीर्य उसकी
चूत से बाहर को बह रहा था.
सोनाली ज़मीन से खड़ी हुई, "हे भगवान देखो तुम दोनो ने क्या किया
है, मुझे फिर से नहाना पड़ेगा." वो दोनो हँसने लगे.
सोनाली जल्दी से बाथरूम मे घुसी और अपनी चूत को रगड़ कर सॉफ
करने लगी. विजय उसके पीछे पीछे बाथरूम मे आ गया. अमित पीछे
हाल मे रह गया था. उसने आज पहली बार सोनाली को चोदा था, और वो
ये जानता था कि आज के बाद उसे और कई मौके मिलेंगे सोनाली को
चोदने के.
"तुम क्यों नही चाहती थी कि अमित अपना पानी तुम्हारी चूत मे छोड़े?"
विजय ने पूछा.
"में दो दिन से गोलियाँ नही ले रही हूँ." सोनाली ने डरते हुए कहा.
विजय भी एक बार चिंतित हो उठा, कहीं कुछ ग़लत ना हो जाए, "ऐसा
करो प्रियंका से ले कर ले लेना." विजय ने कहा.
विजय की बात सुनकर उसे थोड़ी राहत महसूस हुई. उसने पहले ये क्यों
नही सोचा वो सोचने लगी. पर जब इतनी चुदाई हो रही हो तो बाकी
बातें दिमाग़ मे कहाँ आती है.
"तुम सही कह रहे हो, मुझे ये पहले ही सोच लेना चाहिए था. अब
जब कि में ठीक हूँ तो क्या तुम एक और दौर करना चाहोगे? सोनाली ने
विजय से पूछा.
विजय ने हां कहा. सोनाली बाथरूम की ठंडी टाइल पर पीठ के बल
लेट गयी. विजय उसके उपर चढ़ उसे चोदने लगा. तभी अमित बाथरूम
मे आ गया और उसके मुँह को चोदने लगा. थोड़ी देर मे दोनो ने अपना
पानी उसके बदन पर छिड़कना शुरू कर दिया.
सोनाली की बात सुनकर मेरा लंड एक बार फिर खड़ा हो गया था. मैने
सोनाली को बिस्तर पर लिटाया और अपने लंड को उसकी चूत मे पेल दिया.
"तो मेरी छिनाल प्रेमिका तुमने पड़ोस के लड़के से भी चुदवा लिया,"
मैने थोड़ा मज़ाक करते हुए कहा, "तुमने उसे चोदने दिया और उसने
अपना वीर्य भी तुम्हारी चूत मे छोड़ दिया. तुमने इसकी सज़ा मिलनी
चाहिए." मैने धक्के मारते हुए कहा.
"हाां मीई राअंड्ी हुउऊऊँ, लुउउन्ड्क कििई भूवकी हुन्न्ं, मुझे
सज़्ज़ा दो, फाड़ कर दो हिस्सों मे कर दो मेरी चूत को, ऊओह
चूओडू मुज्ज़े." सोनाली चिल्ला रही थी.
में ज़ोर ज़ोर के धक्के मार उसे चोद रहा था. पता नही मुझे क्या
हुआ मेरे दिमाग़ से मज़ाक निकल गया और उसकी जगह नफ़रत और गुस्से
ने ले लिया. में उसके उपर चढ़ गया और उसकी टाँगे को पूरी तरह
फैलाते हुए भय्न्कर धक्को के साथ उसे चोदने लगा.
में उसकी चूत को इतनी बेदर्दी से चोद रहा था कि यक़ीनन उसे
दर्द हो रहा होगा. पर जैसे मुझ पर शैतान सवार था.
"ओह राज क्या कर रहे हो? मुझे दर्द हो रहा है." सोनाली रोने
लगी, "हां मेरी यही सज़ा है, मुझे माफ़ कर दो प्लीस माफ़ कर
दो." वो धीरे से बोली.
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