RE: Desi Sex Kahani मेरी प्रेमिका
"वो तो ठीक है, पर जब भी में तुम्हारे और विजय के बारे मे
सोचता हूँ मेरा लंड खड़ा हो जाता है. देखो ना इस वक़्त भी खड़ा
हो गया है." मेने अपना लंड पीछे से उसके चुतडो पर चुभोते
हुए कहा.
"मुझे महसूस हो रहा है, अच्छा पूछो तुम क्या पूछना चाहते हो?"
सोनाली बोली.
"मुझे सिर्फ़ इतना बताओ कि जब तुम्हारा भाई तुम्हे चोद रहा था तो
तुम्हे कैसा महसूस हुआ?" मेने कहा.
"सही बोलूं तो मुझे बहोत अच्छा लगा, मुझे लंड पसंद है और
खास तौर पर लंबे और मोटे लंड जो मेरी चूत को चौड़ा दे और
भर दे. और तुम्हारे जैसे लंड तो कुछ ज़्यादा ही पसंद है." उसने
मुस्कुराते हुए कहा.
मेने धीरे से उक्से गालों को चूम लिया और अपने लंड को उसकी गान्ड
पे ज़ोर से दबा दिया. मुझे पता है कि उसे ये सब करना अच्छा लगता
है फिर उसकी गान्ड भी तो बड़ी प्यारी है.
"ओह राअज थोड़ा ज़ोर सस्ससे दाआबाआओ ना……….अककचा तो में
कहाँ थी."
"तुम्हारे भाई का लंड तुम्हारी कसी हुई चूत मे था." मेने जोरों से
अपने लंड को उसकी गान्ड पे दबाते हुए कहा.
"तुम उन दिनो बाहर गये हुए थे या मेने कई दिन से चुदवाया नही
था इसलिए, मुझे पता नही क्या हुआ. जब विजय ने मुझे पीछे से
पकड़ अपने लंड पे खींचा तो में उसे रोक नही पाई. में खुद
इतनी उत्तेजित थी कि मुझे भी अच्छा लग रहा था." सोनाली अपनी गान्ड
को मेरे लंड से रगड़ती हुई बोली.
वो सही कह रही थी, उन दिनो में काम के सिलसिले मे बाहर गया हुआ
था और दो हफ्ते बाद ही लौटा था. सोनाली की कहानी ने मुझे काफ़ी
गरम कर दिया था.
सोनाली किचन की सिंक पर खड़ी बर्तन धो रही थी, मेने उसकी
स्कर्ट को उपर उठाया और उसकी पईण्टY को नीचे खिसका दिया. फिर मे
घुटनो के बल बैठ गया और उसके चूतड़ पर हाथ फिराने लगा.
उसके चूतड़ को चूमते हुए मेने कहा, "सोनाली मुझे और विस्तार से
बताओ."
"हे भगवान, में तो सिर्फ़ सोचकर ही गरमा रही हूँ." सोनाली बोली.
"वो तो में देख ही रहा हूँ." मेने कहा.
फिर मेने उसके चूतड़ थोड़े फैलाए और उसकी गुलाबी चूत को
देखने लगा. उसकी चूत काफ़ी गीली हो चुकी थी और उसके भूरी झान्टे
पानी मे लिसडी चमक रही थी. मुझे उसकी गान्ड के छेद के चारों और
का काला हिस्सा और गरम कर गया. मैं झुक कर अपनी ज़ुबान उसकी
गान्ड के छेद पे फिराने लगा.
"ओह राआाज हहाआअँ वही चाट. ओह अपनी जुबााअँ
मेरे उस छोटे छेएएएएड मे घुस्सा दो." सोनाली सिसक पड़ी.
मेने एक बार के लिए अपने चेहरे को उसकी गान्ड पर से हटाया और
कहा, "सोनाली प्लीज़ मुझे और बताओ ना?" मेने फिर अपनी ज़ुबान उसकी
गान्ड के छेद मे घुसा दी.
"हां हां बताती थोड़ी देर रूको." सोनाली ने अपने हाथ सिंक के
किनारों पर जम कर रख दिए जिससे उसका संतुलन बना रहे.
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