RE: Desi Sex Kahani एक आहट "ज़िंदगी" की
गतान्क आगे.....................
क्या कमाल की लग रही है...वो खूबसूरत चेहरे पे मुस्कान चेहरे की रोनक को और ज़्यादा बढ़ा रही थी...
बेमिसाल लग रही है....उपर से लाइट ब्लू कलर की साड़ी उसके नीचे कट स्लेवी ब्लाउस..इससे ज़्यादा
ब्यूटिफुल लड़की मेने नही देखी आज तक....(अंकित अपने मन में खड़े खड़े बोल पड़ा)
रितिका :- क्या सोच रहे हो..अंदर नही आना..
अंकित :- (होश में आता हुआ) हाँ...हन्न...
और फिर अंदर आ जाता है.....दोनो सोफ्फे पे जा के बैठ जाते है..
रितिका :- और बताओ अंकित कैसे हो..काफ़ी दिन हो गये तुमसे ढंग से बात नही हुई..अब तुम बिज़ी जो
हो गये हो
अंकित :- हाहाहा..अरे नही ऐसी बात नही है...वो बस अब एग्ज़ॅम आने वाले हैं ना तो कॉलेज वालों ने
बॅंड बाज रखी है..
रितिका :- ह्म्म..अच्छा क्या लोगे...कोल्ड कोफ़ी..या फिर सॉफ्ट ड्रिंक
अंकित :- अरे नही नही..कुछ नही..
रितिका :- क्या कुछ नही....तुम तो बोलोगे नही में खुद ही ले आती हूँ .. (खड़ी होती हुई बोलती है)
और फिर मूड के जाने लगती है.....ना जाने क्यूँ पहली बार आज अंकित की नज़र वहाँ गयी जहाँ तक
आज तक नही गयी थी रितिका के उपर..
अंकित की नज़र रितिका की उस जगह गयी जिसके बारे में आज तक आप को भी पता नही चला है...
जी हाँ रितिका की उस गान्ड पर..जिसके बारे में लिखना मेरे लिए भी मुश्किल है..एक दम पर्फेक्ट साइज़
जो होता है..बिल्कुल वैसी ही थी..और वो उस साड़ी में ऐसी लग रही थी..क़ी ये गान्ड बनाई ही गयी है
ऐसे कपड़ों के लिए..अलग से चमकती हुई....
अंकित ने कुछ सेकेंड देखा फिर आँखें फेर ली......
अंकित अपने आप से..अरे अरे ये क्या कर रहा हूँ...साला...चुनमुनिया की वजह से हो रहा है..अभी अभी स्टोरी
पढ़ी है ना तो सब जगह वैसा ही दिख रहा है..(और फिर अपने सर पे हाथ मारता है) सुधर जा
साले.कम से कम यहाँ तो सुधर जा.....
इतना सोच ही रहा होता है कि रितिका सॉफ्ट ड्रिंक और कुछ स्नॅक्स लेके आती है..ट्रे में....
और फिर.....
वो हल्का सा झुक की ट्रे में से समान सेंटर टेबल पे रखने लगती है..अब जैसे ही वो झुकी
उसकी साड़ी का पल्लू..उसके शोल्डर से खिसक गया...और काफ़ी हद तक नीचे आ गया....
अंकित की नज़र सामने जाके गढ़ गयी...बॅस वो भी क्या करे सामने जो नज़ारा था उसे देख कर
तो कोई भी वहीं आँखे गढ़ा दे....
साड़ी का पल्लू नीचे होने की वजह से अंदर पहनी हुई लाइट ब्लू कलर की ब्लाउज जो कि काफ़ी
डीप कट की थी....जिसकी वजह से अंकित की आँखों के सामने रितिका के वो बूब्स ब्लाउज के उपर से
सामने आ गये..गोरा रंग दूध जैसी वो चुची....अंकित की तो बॅंड बज गयी जीन्स के अंदर
से उसके लंड ने अपना काम करना शुरू कर दिया और वो नींद से जागने लगा...
रितिका को तो ध्यान ही नही थी...वो तो झुक के अपने काम में लग गयी थी..
और फिर अंकित ने बड़ी मुश्किल से अपनी नज़री वहाँ से हटाई और उसरी तरफ कर दी..उसका दिल ज़ोरों से
धड़क रहा था..लंड भी धीरे धीरे उठने लगा था....
जैसे रितिका ने ग्लास टेबल पे रखा उसका ना जाने कैसे हाथ ग्लास पे लग गया और वो गिर गया
रितिका :- ओह्ह शिट...
अंकित ने भी ध्यान दिया .. टेबल पे सॉफ्ट ड्रिंक फैल गयी थी...
रितिका :- आइ आम सॉरी..
अंकित :- नो इट्स ओके..
रितिका :- रूको में कपड़ा लाती हूँ..क्लीन करने के लिए..(फिर रितिका चली जाती है)
अंकित के नज़रों के सामने बस वही साड़ी के पल्लू का गिरना और रितिका के वो चुचे उस हालत में
दिखना बस यही दिख रहा था......
फिर रितिका आई...और झुक कर क्लीन करने लगी....इस बार भी वही हुआ....साड़ी का पल्लू फिर से सरक गया
और नीचे गिर गया...इस बार कुछ ज़्यादा गिर गया...
और जो नज़ारा अब अंकित के सामने था उसने उसके दिमाग़ की बत्ती बंद कर दी अब वो सिर्फ़ लंड
से सोचने लगा......
साड़ी का पल्लू गिरने की वजह सी रितिका की वो चुची इस बार दोनो काफ़ी हद तक सामने थी..
चुचों की वो दरार जो ब्लाउस के बाहर थी काफ़ी हद तक...उस पर अंकित की नज़र चिपक गयी...
हाथ से सफाई करने की वजह सी वो बूब्स इधर उधर हिल रहे थे...जिससे अंकित का हाल और बुरा
होता जा रहा था...इस बार उसने अपनी नज़रे हटाई ही नही....वो बस उनही चुचों को देखता रहा
और अब तो ये अंदाज़ा लगाने लगा कि इसका साइज़ क्या होगा......
क्या चुचें हैं यार....बिल्कुल कसे हुए गोरे चिट दूध से भरे 36 से कम क्या होंगे
अंकित अपने मन में सोचने लगा...
रितिका :- में दूसरी लेके आती हूँ...
इस आवाज़ से अंकित होश में आ गया....
|