RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय ने अपने होंटो को किरण के होंटो से अलग किया…..और किरण की आँखों में देखा…..उसकी आँखें बहुत मुस्किल से खुल पा रही थी…..जिसमे वासना का नशा छाया हुआ था….किरण की चुचियाँ ऊपेर नीचे हो रही थी…..जिसे देख विनय की आँखों की चमक भी बढ़ गयी…..वो किसी भूखे कुत्ते की तरहा किरण की चुचियों पर टूट पड़ा…..
और अपने दोनो हाथों मे जितना भर सकता था..भर कर दोनो चुचियों को मसलते हुए, उसके निपल्स पर अपनी जीभ को फिराने लगा……किरण मस्ती में एक दम से सिसक उठी, और उसने विनय को बाहों में भरते हुए अपने बदन से चिपका लिया…..विनय का लंड उसके पाजामे को फाड़ कर बाहर आने को बेकरार हुआ जा रहा था…..
किरण: (मस्ती में सीसियाते हुए) आह विनय सीईईईईईईई तूने मुझे क्या कर दिया है……..ओह्ह्ह्ह क्यों तेरा लंड अपनी फुद्दि मे लिए बिना मुझे नींद नही आती……..मैं मर जाउन्गी, तेरे बिना……
विनय: (किरण की चुचियों पर अपने होंटो को रगड़ते हुए) आह मामी……मेरा भी तो आप जैसा हाल है……. ये लंड जब तक आपकी चूत का रस चख नही लेता….मुझे भी नींद नही आती……
किरण: ओह्ह विनय फिर तडपा क्यों रहा है…..डाल दे अपना मुनसल लंड मेरी चूत मे…और खूब रगड़ कर चोद अपनी मामी को……..
ये कहते हुए, किरण बेड पर पीठ के बल लेट गयी…..उसने अपने पेटिकोट को अपनी कमर तक ऊपेर उठा दिया……0 वॉट के बल्ब की रोशनी मे किरण की चिकनी चूत कामरस लबालब कर चमक उठी……जिसे देखते ही, विनय के दम पागल सो गया, और किरण की जांघों के बीच मे आकर उस पर सवार हो गया….
ऊपेर आते ही, विनय ने किरण के चुचि को जितना हो सकता था मूह मैं भर कर चूसना चालू कर दया…..किरण के पूरे बदन मैं मानो बिजली कोंध गयी……उसने विनय के सर को अपनी बाहों मे जाकड़ कर अपनी चुचियों पर दबाना चालू कर दिया…….”अह्ह्ह्ह चुस्स्स मेरी जान चुस्स्स ले मेरा दूध सब तेरे लिए है…..ओह और ज़ोर से चुस्स्स्स्स अह्ह्ह्ह हाआंन्णजणन् काट ले ओह ढेरीईई”
विनय किरण के निपल को अपने होंटो के बीच में लेकर, अपनी जीभ से कुलबुलाने लगा…..किरण का पूरा बदन मस्ती के कारण कांप रहा था…..उसकी हल्की सिसकियाँ उसके रूम के दीवारों से टकरा कर उसी कमरे मे खो कर रह जा रही थी……चूत मे खुजली और बढ़ गयी थी…..विनय ने अपना एक हाथ नीचे लेजाकर अपने पयज़ामे का नाडा खोल कर उसे नीचे सरकाना शुरू कर दया……
किरण ने अपनी टाँगों को मोड़ कर विनय की जांघों पर पावं रख कर उसके प्यज़ामे म अपने पैर फँसा दिए, और फिर उसके प्यज़ामे को अपने पैरो से नीचे सरकाते हुए, उसके पैरो से निकाल दिया….विनय का फन्फनाता हुआ लंड, जैसे ही प्यज़ामे की क़ैद से बाहर आया……..वो सीधा किरण की चूत के फांको के बीच जा पहुँचा……
जैसे ही विनय के लंड के गरम सुपाडे ने किरण की चूत की फांकों को छुआ, किरण की चूत मैं सरसराहट और बढ़ गयी…..किरण ने मस्त होकर अपनी टाँगों को और फेला कर ऊपेर उठा कर विनय की कमर पर कस लिया……विनय के लंड का सुपाडा किरण की चूत की फांको को फेला कर उसकी चूत के छेद पर जा लगा…..किरण ने अपनी मदहोशी से भरी आँखों को खोल कर विनय की तरफ देखा…..
किरण: (मदहोशी और मस्ती भरी आवाज़ में विनय की आँखों मे झाँकते हुए) अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह बहुत गरम ही रे तेरा ये लौडा….
विनय: हां मामी आप की चूत भी भट्टी की तरहा तप रही है…..
किरण: वो तो कब से फुदक रही है..तेरे लंड को अंदर लेने के लिए……
ये कहते हुए, किरण ने विनय के पीठ पर अपनी बाहों को कस लाया, और ऊपेर की तरफ अपनी गान्ड को उठाने लगी…..लंड पर चूत का दबाव पड़ते ही, किरण की चूत की फाँकें फेलने लगी…..और विनय के लंड का मोटा सुपाडा किरण की टाइट चूत के छेद को फेलाते हुए, अंदर घुसने लगा….किरण अपनी सांसो को थामे हुए, तब तक अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उठती रही. जब तक विनय का लंड धीरे-2 किरण की चूत में जड तक नही समा गया…….
जैसे ही विनय के लंड का सुपाडा किरण की बच्चेदानी से जाकर टकराया, किरण के होंटो पर सन्तुस्ति भरी मुस्कान फेल गयी…..मस्ती अपने चरम पर पहुँच गये……किरण एक दम कामविहल हो गयी. मानो जैसे वो जन्नत मे पहुँच गयी हो….उसने अपनी अधखुली और वासना से लिप्त आँखों से विनय की तरफ देखा, तो उसे ऐसा लगा.मानो जैसे विनय ही उसकी जिंदगी हो……
उसने अपने दोनो हाथों में विनय के चेहरे को पकड़ कर कुछ देर के लिए उसकी तरफ़ देखा, और फिर अपने थरथरा रहे होंटो को, विनय के होंटो पर लगा दिया……और उसके होंटो को चूस्ते हुए, अपना सारा प्यार विनय को लौटाने लगी….विनय भी मस्ती मे आकर किरण के होंटो को चूस्ते हुए, धीरे-2 अपने लंड को किरण की चूत के अंदर बाहर करने लगा…..
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