RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय: (अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए) क्या हुआ…?
रिंकी: (मुस्कुराते हुए) कुछ नही…..
विनय: फिर मेरी तरफ देखो ना…
रिंकी: नही मुझे शरम आती है…..
विनय ने अपने दोनो हाथों से रिंकी के चेहरे को अपनी तरफ घुमाया. पर रिंकी ने पहले ही अपनी आँखे बंद कर ली, उसके चेहरे पर शर्मीली मुस्कान फेली हुई थी….विनय ने रिंकी के होंटो को अपने होंटो मे लेकर चुसते हुए, अपने धक्कों की रफ़्तार बढ़ा दी…और फिर कुछ ही पलों मे उसके लंड मे तेज सुरसुरी हुई….उसका लंड रिंकी की चूत मे झटके खाने लगा…..और फिर वो रिंकी के ऊपेर निढाल हो कर गिर पड़ा…..
रिंकी ने उसकी पीठ को सहलाते हुए, अपने होंटो को उसके होंटो से सटाये रखा. दोनो काफ़ी देर एक दूसरे के होंटो को चूस्ते रहे….विनय का लंड भी सिकुड कर रिंकी की चूत से बाहर आ गया….जब रिंकी की नज़र घड़ी पर पड़ी तो, उसने विनय को अपने ऊपेर से हटने के लिए कहा….विनय उसके ऊपेर से उठ कर बैठ गया….फिर रिंकी ने विनय से कहा कि, वो ये कपड़ा जिससे उसने अपनी चूत से निकला खून सॉफ किया था…पीछे प्लॉट मे फेंक दे….
उसके बाद रिंकी ने अपनी कमीज़ और सलवार पहनी….विनय ने भी कपड़े पहने और दोनो बाहर आ गये….
रिंकी और विनय अभी दोनो बाहर आए ही थे कि, डोर बेल बजी….विनय ने बाहर कर गेट खोला तो देखा कि, बाहर किरण के मम्मी पापा खड़े थे…विनय ने उनके पैर छुए और फिर वो अंदर आ गये….जब किरण की मम्मी ने किरण के बारे में पूछा तो, विनय ने बता दिया कि, वो मार्केट गये हुए है…विनय शीतल के घर जाकर शीतल को बुला लाया ताकि वो किरण के मम्मी पापा के लिए लंच बनवा सके….शीतल भी बच्चों को लेकर किरण के घर आ गयी….उसने किरण के मम्मी पापा के लिए पहले चाइ नाश्ते का इंतज़ाम किया और फिर दोपहर के खाने का…. ९६१०७८९२०२
किरण के भाई की शादी के दिन जैसे-2 नज़दीक आ रहे थे…..वैसे -2 घर मे मेहमानो का आना बढ़ता जा रहा था….वशाली ममता और उसका हज़्बेंड भी वापिस आ चुके थे…..उस दिन के बाद किरण को मोका नही मिल रहा था…और ना ही रिंकी को, विनय का तो बुरा हाल था…वो वासना से भरी तरसती नज़रों से दिन भर किरण को देखता रहता था…किरण का भी यही हाल था….पर घर मैं इतने लोगो की मौजूदगी मे वो कर भी क्या सकती थी….किरण के भाई की शादी मैं सिर्फ़ 4 दिन बचे थे….
शादी से 3 दिन पहले की बात है…किरण का घर और उसके पापा ने जो घर लिया था… दोनो घर मेहमानों से पूरी तरह भर चुके थे….रात को खाने के बाद सब लोग सोने की तैयारी कर रहे थे….विनय और वशाली दोनो ही किरण के साथ उसके रूम मे सोते थी…विनय खाना खा कर सबसे पहले रूम मे चला गया था…उसे जल्द ही नींद आ गयी….धीरे-2 घर मे सन्नाटा पसरता जा रहा था….वशाली को एक नयी हम उम्र सहेली मिल गयी थी….उसका नाम अनु था….वो किरण के सबसे छोटे चाचा की बेटी थी….उस रात को वशाली औरअनु दोनो शादी में पहने जानी वाली ड्रेस के बारे मे डिसकस कर रही थी…..
किरण भी फ्री होकर जब अपने रूम मे पहुँची तो, उसने देखा कि विनय सो रहा है….पर वशाली वहाँ नही थी….वो वशाली को ढूँढते हुए ऊपेर बने रूम मे गयी तो, पाया कि वशाली अनु के साथ गप्पे हांक रही थी…”चल वशाली सोना नही है क्या बहुत देर हो गयी है….अब इनको भी आराम करने दे…” इससे पहले कि वशाली कुछ बोलती….अनु बीच में बोल पड़ी….”बुआ वशाली आज मेरे साथ ही सो जाएगी….” अब भला किरण को और क्या चाहिए था….मन में तो ख़ुसी के लड्डू फूट रहे थे….वो बिना कुछ बोले वापिस नीचे आ गयी….रूम में पहुँच कर किरण ने डोर बंद किया…और बेड के पास आकर खड़ी हो गयी….रूम मे 0 वॉट का बल्ब ऑन था…
जिसकी हल्की रोशनी रूम मे फेली हुई थी….किरण ने बेड पर लेटे हुए , विनय की तरफ देखा, तो उसकी आँखे खुली हुई थी….”सोए नही अभी तक….?” किरण ने मुस्कराते हुए कहा….”अभी सोया था…डोर की आवाज़ सुन कर उठ गया….” विनय ने मुस्कराते हुए कहा…और बेड पर वशाली को ना पाकर उसने लेटे-2 ही किरण से पूछा… “मामी वशाली कहाँ है….?” तो किरण ने मुस्कुराते हुए कहा….”वो आज अनु के साथ ऊपेर ही सोएगी….” किरण की चूत से तो उसी वक़्त से पानी रिसना शुरू हो गया था….जब वो ऊपेर से नीचे आई थी…..
किरण ने जल्दी से अपनी साड़ी खोली और बेड पर लेट गयी….किरण ने विनय की तरफ करवट बदली उसकी कमर को अपनी बाहों मे कसते हुए, उसे अपने से चिपका लिया…और अगले ही पल विनय ने किरण के होंटो को चूमते हुए, उसे बेड पर पीठ के बल लेटा दिया, और खुद उसके ऊपेर लेट गया……किरण की साँसे मस्ती मे तेज हो गयी थी…….और वो अपने होंटो को ढीला चोर कर विनय से अपने होंटो को चुस्वा कर मस्त हुई जा रही थी……और विनय उसके होंटो को चूस्ते हुए, उसके ब्लाउस के बटन को धीरे -2 खोल रहा था…….जैसे ही किरण के सारे ब्लाउस के बटन खुले, उसके बड़ी-2 गुदाज चुहियाँ ब्लाउज की क़ैद से बाहर उछल पड़ी…..
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