RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय चुप चाप बैठ कर खाना खाने लगा…किरण ने शीतल से भी खाने के लिए पूछा तो शीतल ने ये कह कर मना कर दिया कि, वो घर से खाना खा कर ही यहाँ आई थी….किरण खुद भी खाना खाने लगी…खाना खाने के बाद किरण ने अपने और विनय के बर्तन उठाए किचन मे लेजा कर धोने लगी…शीतल ने किरण से कहा कि वो अब घर जा रही है….शीतल ने अभी को गेम बंद करके चलने के लिए कहा तो, अभी ने जाने से मना कर दिया….किरण ने भी ऊपेरी मन से कहा कि, अभी को गेम खलने दो…शीतल अभी को वही छोड़ कर पिंकी को साथ लेकर अपने घर चली गई….
बर्तन सॉफ करते हुए उसने विनय को आवाज़ दी….जब विनय किचन मे गया तो किरण खीजते हुए बोली…” क्यों लगा दी तूने उसे गेम मना नही कर सकता था…” विनय सर झुका कर खड़ा हो गया…जब से किरण को गर्भ निरोधक गोलयाँ मिली थी…उसकी चूत मे हो रही खुजली कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई थी….. “चल जा अब उसके पास जाकर बैठ….” किरण ने बर्तन सॉफ करते हुए कहा….तो विनय वहाँ से निकल कर अभी के पास जाकर नीचे चटाई पर बैठ गया….विनय बार-2 पीछे घूम कर अपनी मामी की तरफ देख रहा था…किरण ने बर्तन सॉफ किए और फिर अपने रूम मे चली गई… वहाँ पहुँच कर उसने अपने साड़ी उतारी और सब कुछ उतारने के बाद एक ग्रीन कलर के मॅक्सी पहन ली…..
किरण किचन का काम निपटा कर अपने रूम मे चली गई…..विनय वही बैठा मायूस होता रहा….किरण ने अपने रूम मे पहुँच कर अपनी पहनी हुई साड़ी उतार डी…उसके बाद सारे कपढ़े उतरने के बाद किरण ने एक ग्रीन कलर के मॅक्सी पहन ली…मॅक्सी पहनने के बाद किरण हॉल मे आई और सोफे पर बैठ कर विनय को देखने लगी… दोनो के जब भी नज़रें मिलती….तो किरण मुस्करा कर विनय की तरफ देखती… “विनय भैया आप खेलो ना मुझे नींद आ रही है…..” अभी ने गेम का रेमॉर्ट विनय के तरफ बढ़ाते हुए कहा….और जैसे ही विनय ने उसका हाथ से रेमॉर्ट लिया….अभी वही चटाई पर लेट गया…किरण ने देखा कि अभी को नींद आने लगी थी…..शायद टीके का कुछ असर हो रहा था….जब किरण को यकीन हो गया कि, अभी अब गहरी नींद मे सो चुका है…तो उसने धीरे से विनय को आवाज़ दी….
विनय ने अपनी मामी की तरफ देखा, तो किरण ने उसे इशारे से अंदर चलने के लिए कहा….और खुद खड़ी होकर हॉल के साथ वाले रूम की तरफ चली गई…विनय ने भी एक बार अभी को चेक किया और खड़ा होकर स्टोर रूम की तरफ चल पड़ा….स्टोर रूम मे एक खिड़की थी जो हॉल की तरफ खुलती थी….ताकि हॉल से कुछ रोशनी स्टोर रूम मे जाती रहे…जैसे ही विनय हॉल मे पहुँचा तो, किरण ने उसका हाथ पकड़ कर अपने से सटाते हुए उसके कमर मे अपनी बाहों को डाल दिया….और उसके होंठो पर अपने होंठो को रख दिया….विनय ने भी इस बार ज़्यादा देर ना करते हुए, मामी के होंठो को अपने होंठो मे लेकर चूसना शुरू कर दिया….
किरण की चूत मे भी कुलबुलाहट मची हुई थी….वो एक बार से अपने भान्जे के लंड को जल्द से जल्द अपनी चूत के अंदर महसूस करना चाहती थी…किरण विनय से अलग हुई, और अपनी नाइटी को पकड़ कर ऊपेर उठाते हुए विनय से कहा…” विनय चल जल्दी से बाहर निकाल इसे….”,किरण ने विनय के लंड की तरफ इशारा करते हुए कहा. और अपनी वाइट कलर की कच्छि को पकड़ कर नीचे जाँघो तक सरका दिया….और खिड़की के पास जाकर खड़ी हो गई…विनय अपनी मामी के पीछे जाकर खड़ा हो गया….और अपने पाजामे को नीचे सरकाते हुए अपने लंड को बाहर निकाल लिया…किरण ने थोड़ा सा आगे की तरफ झुकते हुए, अपनी गान्ड को पीछे से बाहर के तरफ निकाल लिया….”विनय चल जल्दी कर डाल दे अब अपनी मामी की फुद्दि मे अपना लंड….”
किरण ने अपनी टाँगो को फेलाते हुए, अपनी गान्ड को ऊपेर उठा कर अपनी चूत के छेद को और बाहर की तरफ निकाल दिया…और अगले ही पल विनय के मुनसल लंड का दहकता हुआ सुपाडा किरण की चूत के साथ जा लगा….
विनय के लंड के सुपाडे की गरमी को अपनी चूत के छेद पर महसूस करते ही, किरण का पूरा जिस्म कांप गया….चूत ने अपने कामरस के खजाने को खोल दिया….और कुछ ही पलों मे उसकी चूत गीली हो गई…”हाइए विनय जल्दी कर डाल दे अपनी मामी की फुद्दि मे अपना लंड…आह ओह्ह्ह हाइए ओईए मार दिया अह्ह्ह्ह” विनय ने एक ही झटके मे अपना आधे से ज़्यादा लंड किरण की चूत मे पेल दिया था….किरण अपनी चूत को विनय के लंड के चारो तरफ बुरी तरह जकड़े महसूस कर रही थी…..और उसे अपनी चूत की दीवारों पर विनय के लंड के नसें सॉफ महसूस होने लगी….
किरण: आहह पुत्तर तेरा लंड तां बहुत मोटा हो गया है…..अपनी मामी की फुद्दि फाड़ कर रख दी तूने…आहह पुत्तर पर कोई परवाह नही करनी तूने मेरी…ज़ोर ज़ोर बाहर निकाल निकाल कर फुद्दि मे लंड ठोक बेटा….
विनय: धीरे अभी सुन ना ले….
किरण: नही सुनता बेटा….तू मार मेरी फुद्दि जैसे मर्ज़ी मार….
ये कहते हुए, किरण आगे की तरफ झुक गई….विनय ने अपने लंड को धीरे-2 किरण की चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया….विनय के लंड की रगड़ को अपनी चूत के दीवारों पर महसूस करके, किरण एक दम मस्त हो गई…और वो भी अपनी गान्ड को पीछे की तरफ धकेलते हुए, विनय के लंड को अपनी चूत की गहराइयों मे लेने के लिए मचलने लगी… विनय भी समझ चुका था कि, ये रांड़ भी अब पूरे रंग मे आ चुकी है… इसीलिए उसने किरण के चुतड़ों को दोनो हाथों से फैलाते हुए, तेज -2 झटके मारने शुरू कर दिए…..विनय के हर झटके के साथ किरण का पूरा बदन हिल जाता….और मुँह से मस्ती भरी सिसकारी निकल जाती…
किरण बार -2 ऐसे मुँह बना कर पीछे की तरफ विनय को देख रही थी… जैसे उसे विनय के मुनसल जैसे लंड को झेलने मे दिक्कत हो रही हो…”ओह्ह विनय आह बहुत मोटा है रे तेरा लाउडा आह लगता है आज आह अहह धीरे कर ना पुत्तर अहह तू मेरी फुद्दि फाड़ कर ही मानेगा…अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह हाइी कहा था तू इतने दिनो अह्ह्ह्ह….अपनी मामी का ख़याल रखा कर पुत्तर…तेरे बिना तेरी मामी की फुद्दि की सुध लेने वाला कोई नही है…”
विनय: हेया आहा आहह….तू फिकर ना कर मामी…मैं हूँ ना….तेरी फुद्दि की देखभाल के लिए अह्ह्ह्ह ईए ले…..अह्ह्ह्ह
किरण: हां बेटा एक तू ही तो है आह ले बेटा तेरी मामी की फुद्दि मूतने लगी हाई आह लीयी मैं आई और ज़ोर से अह्ह्ह्ह…..
विनय: अहह मामी भेगो दे मेरे लंड को अपनी फुद्दि के पानी से अहह अहह.
किरण: ले बेटा ले…..तेरे लिए तो है सब ले ले अह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्ह माआ..
ये कहते हुए किरण का पूरा बदन अकड़ने लगा….मस्ती का तूफान अब ज़लज़ला बन गया था….और उसकी चूत से पानी की नदी बह निकली….विनय का लंड गीला होकर फॅक-2 की आवाज़ करते हुए अंदर बाहर होने लगा….और फिर एक हलकी सी घुर्राहट के साथ विनय के लंड ने भी किरण की चूत मे वीर्य की बोछार कर दी…..
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