RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय किरण के सामने जाकर खड़ा हो गया….किरण विनय की तरफ देखा तो वो समझ गई कि, विनय इस तरह उसके सामने क्यों खड़ा है….किरण के दिमाग़ मे रिंकी की मम्मी की बात घर कर गई थी….वो किसी भी कीमत पर रिस्क नही लेना चाहती थी….”क्या हुआ ऐसे क्यों खड़ा है…?” किरण ने थोड़ी सी सख्ती दिखाते हुए कहा. “वो मामी वो आप मुझे….” विनय बेचारा अपनी बात भी पूरी ना कर सका और चुप हो गया….”विनय आज मेरा मूड बहुत अपसेट है….आज और नही…तुम जाओ अपने रूम मे और पढ़ाई करो….मुझे घर का काम करने दो…”
ये कहते हुए किरण अपने रूम मे चली गई….विनय को कुछ समझ नही आ रहा था कि, अचानक से मामी को हो क्या गया है….विनय मुँह लटका कर अपने रूम मे चला आया….उसका लंड अभी भी उसके शॉर्ट्स मे कोहराम मचाए हुए था…वो बेचैन सा अपने रूम मे बैठा हुआ था….किरण घर की सफाई मे लगी हुई थी…वो सफाई करते हुए जैसे ही ममता के रूम मे पहुँची, तो झाड़ू लगाते हुए, उसकी नज़र नीचे फर्श पर गिरी कॉंडम के पॅकेट पर पड़ी….किरण ने उस पॅकेट को उठा कर देखा. तो उसके होंठो पर तेज मुस्कान फेल गई…उसके अंदर एक कॉंडम अभी भी था…किरण ने कॉंडम को ब्लाउज के अंदर रखा और जल्दी से झाड़ू लगा कर विनय के रूम मे गई…..
विनय बेड पर लेटा हुआ था…..”सो गया क्या विनय….” किरण ने बेड पर बैठते हुए कहा..तो विनय ने करवट बदल कर उसके तरफ पीठ कर ली….किरण समझ गई कि, विनय उससे नाराज़ है….किरण मन ही मन सोचने लगी कि, उसे विनय के साथ प्यार से बात करनी चाहिए थी…और प्यार से टालना चाहिए था..वो खुद विनय की वासना की आग को भड़का रही थी….और खुद ही उसे वासना की आग मे तड़पता हुआ छोड़ कर पीछे हट गई थी…ऐसा वो विनय के साथ जाने अंजाने मे दो बार कर चुकी थी…किरण वहाँ से उठी और डोर की तरफ गई…विनय ने फेस घुमा कर बाहर जाती मामी की तरफ देखा और फिर किरण डोर के पास जाकर रुक गई….और डोर को बंद करके विनय की तरफ पलटी…
ये देख विनय का दिल जोरो से धड़कने लगा…उसे समझ मे नही आ रहा था कि, आख़िर मामी चाहती क्या है…क्यों बार-2 वो उसे तड़पाती रहती है…किरण बिना कुछ बोले विनय की बगल मे लेट गई…उसने विनय के कंधे पर हाथ रख कर उसे अपनी तरफ घुमाया तो, विनय ने उसकी तरफ फेस करके करवट बदल ली….”नाराज़ हो मुझसे…?” किरण ने विनय के गाल पर हाथ रखते हुए कहा…. “आप मुझसे दूर रहिए…मुझे अब आपसे कोई भी बात नही करनी…”
किरण: मैं जानती हूँ विनय तुम मुझसे नाराज़ हो…बार-2 मैं तुम्हारा दिल दुखा देती हूँ. पर विनय हर औरत की कुछ मजबूरिया होती है…और तुम अभी उन बातों को नही समझ सकते….जब तुम बड़े हो जाओगे तो तुम्हे पता चल जाएगा…कि तुम्हारी मामी ने तुम्हारा दिल जानबूज कर नही दुखाया है….
विनय: पर अब क्यों आई हो पास मेरे…?
किरण ने विनय की आँखो मे झाँकते हुए एक हाथ से अपने ब्लाउज के बटन खोलने शुरू कर दिए….
विनय की देखते ही देखते किरण ने अपने ब्लाउज के हुक्स खोल दिए... जैसे ही किरण का ब्लाउज खुला तो, उसकी चुचियाँ उछल कर बाहर आ गई...इस बार किरण ने ब्रा नही पहनी हुई थी...अपनी मामी की गोरे रंग की चुचियों को देख कर विनय के लंड मे तेज सरसराहट हुई...मामी की गोरी चुचियों पर ब्राउन रंग के बड़े-2 गहरे और मोटे-2 तने हुए निपल्स तो विनय की काम वासना को और भड़का रहे थे...किरण ने मुस्कराते हुए विनय की ओर देखा और फिर एक हाथ से उसके सर के नीचे रखते हुए दूसरे हाथ से अपने राइट माममे को पकड़ते हुए नोक दार बनाया और विनय के होंठो से अपने निपल को लगा दिया...विनय ने अपनी मामी की आँखो मे देखा....वो अपनी मामी की चुचियों को देखते ही सारा गुस्सा भूल गया था....
और अगले ही पल उसने किरण के निपल के साथ-2 जितना हो सकता था उसकी चुचि को मुँह मे भर लिया....किरण अपने निपल पर विनय की गरम और खुरदरी जीभ को महसूस करते ही, सिसक उठी....उसने मस्ती मे सिसकते हुए विनय को अपनी बाहों मे भर कर अपने ऊपेर खेंच लिया...मामी के ऊपेर आते ही, विनय और जोश से भर उठा...उसने किरण के निपल को अपने होंठो मे लेकर और ज़ोर-2 से दबाना शुरू कर दिया...."श्िीीईईई ओह विनय मेरीई लााअल पी ले चुस्स ले अपनी मामी के मम्मो को ओह.....आज के बाद जब तेरा दिल करेगा....मैं अपने मम्मे निकाल कर तुझे चुसवा दिया करूँगी... कभी मना नही करूँगी अपने शोना को....अह्ह्ह्ह हां और ज़ोर ज़ोर से चुस्स ओह्ह्ह्ह मेरीए बेटा....." ओह्ह्ह चूस ले बेटा…..किरण ने विनय के सर को अपनी चुचियों पर दबाते हुए कहा…
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