RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय को देखते ही, कल के सारी घटना उसके आँखो के सामने से गुजर गई…. “विनय तुम यहाँ क्या कर रहे हो….जाओ अपने रूम मे जाकर सो जाओ….” विनय किरण के मुँह से ऐसे रूखे शब्द सुन कर एक दम हैरान हो गया….”मामी वो मे…” किरण विनय की बात सुन कर एक दम खीजते हुए बोली…..”क्या मैं वो मे लगा रखा है… चल जा अपने रूम मे…..”
विनय: मामी मैं यही सो जाउ…आपके पास….
किरण: (गुस्से से विनय की तरफ देखते हुए….) तुझे एक बार मे समझ नही आता…चल जा अपने कमरे मे……
विनय उठ कर खड़ा हुआ और किरण के पास जाकर उससे लिपटते हुए बोला….”प्लीज़ मामी यही सोने दो ना…” किरण पहले से बहुत ज़्यादा गुस्से मे थी….उसने विनय को अपने से अलग किया और एक थप्पड़ उसके गाल पर झाड़ दिया…विनय एक दम भौचक्का सा किरण की तरफ देखता रह गया….”सुना नही तुमने जाओ यहाँ से……”
विनय भौचक्का सा वहाँ खड़ा रहा….और फिर सूबकते हुए किरण के रूम से बाहर आ गया…वो सीधा अपने रूम मे चला गया…और बेड पर लेट कर रोने लगा…उसे समझ मे नही आ रहा था कि, आख़िर मामी को अचानक से हो क्या गया है….वो अपने रूम को अंदर से लॉक करके बेड पर वैसे ही लेटा रोता रहा….और मन ही मन मामी को कोस्ता भी रहा…अब विनय ने सोच लिया था कि, वो आगे से हमेशा मामी से दूसरी बना कर रखे गा….तभी उसके दिमाग़ रिंकी के साथ हुई वो घटना याद आ गई. जब रिंकी भी विनय के इस तरह जल्दी झड जाने से परेशान हो गई थी…शायद यही कारण था कि, मामी उससे खुश नही थी….यही-2 सब सोचते-2 विनय की आँख लग गई.
शाम के करीब 5 बजे विनय के रूम के डोर पर नॉक हुई, तो विनय ने उठ कर डोर खोला, तो देखा सामने वशाली खड़ी थी……”चाइ पी लो बाहर आकर….मम्मी बुला रही है…” ये कह कर वशाली वापिस चली गई….विनय अपने रूम से निकल कर बाथरूम की तरफ जाने लगा…दूसरी तरफ किरण भी तब से बहुत पेरशन थी… उसे डर था कि, कही विनय वो सब कुछ किसी को बता ना दे…जो उन सब के बीच हुआ है….विनय फ्रेश होकर बाथरूम से बाहर आया….और हॉल मे आकर चाइ पीने लगा. दिन इसी तरह गुजरने लगे…..उस घटना को हुए 8 दिन बीत चुके थे…इस बीच विनय स्कूल मे अंजू के घर तीन बार जा चुका था…उसके लंड के लिए तो एक चूत हमेशा तैयार थी….
विनय उस दिन के बाद से अक्सर दोपहर को अपनी मासी शीतल के घर चला जाया करता था…और शाम को ही घर वापिस आता था…..इधर किरण पर एक बार फिर से वासना के खुमारी चढ़नी शुरू हो गई थी….उस दिन की घटना के बाद 9वे दिन के बात है. उस दिन भी वशाली रिंकी के घर गई हुई थी….और विनय अपनी मस्सी के शीतल के घर पर गया हुआ था…अंजू ने घर का सारा काम किरण के साथ मिल कर जल्दी निपटा लिया था…अंजू नीचे चटाई पर बैठी हुई थी….और किरण सोफे पर पीठ टिकाए हुए बैठी हुई थी….”अंजू एक बात पुच्छू….” किरण ने अंजू की तरफ देखते हुए कहा….
अंजू: जी दीदी पूछिए ना…..
किरण: अंजू जब तुम अपने भान्जे के साथ वो सब करती थी…तो कभी ऐसा हुआ था कि, उसने तुम्हारे अंदर डाला हो और वो जल्दी झड गया हो….
अंजू: हां दीदी पहले -2 एक दो बार हुआ था….
किरण: फिर तुमने क्या किया….तुम्हे तो बहुत गुस्सा आया होगा….
अंजू: हां दीदी आया तो था….पर इसमे उस बेचारे का भला किया कसूर…. वो समय नादान था…जो लड़के जवानी की तरफ बढ़ा रहे हो…उनमे जोश हद से ज़्यादा होता है. इसलिए कई बार जल्दी मैदान भी छोड़ देते है….
किरण: फिर तुम किया करती थी….?
अंजू: दीदी फिर मेने उसका साथ देना शुरू किया…उसकी मदद करने लगी…उसको समझाया कि ये सब कैसे होता है….और किया….
किरण: फिर तुम्हारा काम बना क्या उससे…?
अंजू: और नही तो क्या…टाइम देना पड़ता है….आज कल के लौन्डो को….
किरण: ह्म्म्म्म शायद तुम सही कह रही हो…
अंजू: वैसे दीदी आप ये सब क्यों पूछ रही है….?
किरना: ऐसे ही पूछा लिया…..
अंजू: अच्छा दीदी अब मे चलती हूँ…..हां दीदी मे कल और परसो नही आ पाउन्गी.
किरण: ठीक है….
अंजू के जाने के बाद किरण ने गेट बंद किया….और अपने रूम मे आकर बेड पर लेट गई….अब उसे अपने किए पर पछतावा होने लगा था…वो लेटे -2 हिसाब लगाने लगी कि, विनय के स्कूल शुरू होने मे सिर्फ़ 12 दिन बचे है….स्कूल शुरू होने के बाद उसे बाद मे ऐसा मोका नही मिलेगा….ममता भी तो वापिस आजाएगी तब… पर उसके दिमाग़ मे ये बात भी घूम रही थी कि, उस दिन के बाद से विनय उसके करीब आना तो दूर उसकी तरफ देखता भी नही है….अब उसे दोबारा शुरू से शुरू कर पड़ेगा….उस दिन भी विनय शाम तक मासी शीतल के घर रहा….शाम को 5 बजे वो शीतल के घर से निकला और स्कूल की तरफ चल पड़ा….अंजू को पहले से ही खबर थी कि, विनय 5 बजे उसके पास आएगा….इसलिए वो गेट के पास ही खड़ी थी….
वहाँ जाकर विनय ने अपने लंड की गरमी को अंजू की चूत मे उडेला और फिर घर वापिस आ गया…किरण ने डोर बेल सुन कर गेट खोला तो सामने विनय को देख कर किरण ने मुस्कराते हुए उसके गाल को प्यार से सहलाते हुए कहा….”आ गया मेरा राजा.. “ विनय तो अब मामी को देख कर गुस्से से पागल हो जाता था….उसने मामी का हाथ झटक दिया…और बिना कुछ बोले अपने रूम की तरफ चला गया…किरण ने गेट बंद किया… और किचन की तरफ जाते हुए सोचने लगी कि, विनय अभी भी उससे बहुत नाराज़ है… और उसको मनाना इतना भी आसान नही होगा….
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