RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
विनय के नज़ारे तो जैसे ब्लाउस मे से झाँक रही अंजू की चुचियों पर चिपक सी गयी थी….अंजू भी विनय की तरसती हुई नज़रों का मज़ा ले कर अपनी चुचियों को और झुका-2 कर दिखा रही थी….अंजू ने जल्दी से विनय के रूम मे पोन्छा लगाया….और फिर खड़े होकर बालटी उठाते हुए बोली….”बस निपट गया काम…मैं बालटी रख कर आती हूँ…” ये कह कर अंजू बाहर गयी….और बालटी और पोंछे को रख कर विनय के रूम मे आ गयी…विनय तो इसी पल के इंतजार मे बैठा हुआ था…अंजू जैसे ही विनय के पास आई, विनय बेड से नीचे उतर कर खड़ा हो गया…अंजू ने विनय के शॉर्ट्स मे तने हुए उसके लंड की तरफ देखा, और फिर मुस्कुराते हुए, अपना एक हाथ विनय के लंड पर शॉर्ट्स के ऊपेर रख दिया.
अंजू: ये ऐसे ही खड़ा करके रखते हो क्या आप….?
अंजू ने जैसे ही शॉर्ट्स के ऊपेर से विनय के लंड को मुट्ठी मे भरा. तो विनय एक दम से सिसक उठा….”बोलो क्यों खड़ा कर रखा है इससे…” अंजू धीरे-2 विनय के लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से सहलाते हुए विनय की हालत का मज़ा ले रही थी…”मेरी चूत मे घुसने के लिए ना….?” उसने इस बार विनय के लंड को अपनी मुट्ठी मे भर हलका सा मसला, तो विनय एक दम से सिसकते हुए बोल पड़ा….”हां….” अंजू विनय की बात सुन कर मुस्कुराइ….”तो फिर इतनी से देर क्यों रुका हुआ था तू…” अंजू ने एक हाथ से विनय के लंड को सहलाते हुए दूसरे हाथ को नीचे लेजा ते हुए विनय के शॉर्ट्स को नीचे सरकाना शुरू कर दिया…..
फिर वो एक दम से नीचे पैरो के बल बैठ गई….विनय का शॉर्ट्स उसके बदन का साथ छोड़ चुका था….उसका तना हुआ 7 इंच का लंड हवा मे झटके खा रहा था….अंजू की आँखे विनय के झटके खाते तने हुए लंड को देख कर चमक उठी…”बोल ना फिर इतनी देर से क्यों रुका हुआ था. “ इस बार जैसे ही अंजू ने विनय के नंगे लंड को हाथ मे लेकर हिलाया तो, विनय को लगा जैसे उसके पैरो मे खड़े रहने के लिए जान ना बची हो….उसके हाथ पैर ऐसे कांप गए…जैसे वो सर्दी के मौसम मे बरफ पर नंगा खड़ा हो…”सीईईई अह्ह्ह्ह वो वो तुम काम कर रही थी….” विनय ने लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे कहा…
अंजू: तो क्या हुआ…मे तो कब से इंतजार कर रही थी कि, तुम कब मुझे पकड़ कर मुझे चोद डालो…..पर तुम तो किसी काम के नही हो….डरते हो मुझसे…..(अंजू ने विनय के लंड को तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया…)
विनय: क क्या सच मे…?
अंजू: (मुँह बनाते हुए) और नही तो क्या…..देखो तुम्हारा लंड चूत मे लेने के लिए मे साड़ी के नीचे पैंटी और ब्रा भी नही पहन कर आई…..ये देखो…
ये कहते हुए अंजू ने अपने ब्लाउज के हुक्स खोलने शुरू कर दिए. विनय नज़रें गाढ़े अंजू की चुचियों की तरफ देख रहा था…जैसे ही अंजू के ब्लाउज के हुक्स खुले तो, अंजू के 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ उछल कर बाहर आ गई…साँवले रंग की चुचियों पर बने हुए काले रंग-2 के बड़े-2 गहरे और काले रंग के मोटे-2 निपल्स देख विनय के लंड ने झटके खाने शुरू कर दिए….पर अंजू ने अभी और कहर उसके लंड पर ढाना था. “देखा मे तुम्हारे लिए बिना ब्रा पहने आई…और ये देखो…. पैंटी भी नही पहनी नीचे…” ये कहते हुए उसने अपनी साड़ी और पेटिकोट को अपनी कमर तक ऊपेर उठा लिया…और अपनी जाँघो को फेलाते हुए अपनी चूत को विनय को दिखाते हुए बोली….
ये सब देखते हुए विनय का लंड झटके पे झटके खा रहा था…फिर अंजू ने विनय के लंड को मुट्ठी मे भर लिया और और विनय की आँखो मे झाँकते हुए बोली….”ओह्ह विनय बाबू ऐसा लंड मेरे नसीब मे होगा मेने कभी सोचा भी नही था…” ये कहते हुए उसने झुक कर विनय के लंड के सुपाडे को अपने मुँह मे भर लिया और अपना सर आगे पीछे करते हुए, तेज़ी से विनय के लंड को मुँह के अंदर बाहर करने लगी… किरण को गए हुए एक घंटा बीत चुका था….वो नही चाहती थी कि, किरण के आने से पहले वो प्यासी रह जाए….
उसने तेज़ी से सर हिलाते हुए विनय के लंड को चूसना शुरू कर दिया…फिर थोड़ी देर बाद विनय के लंड को मुँह से बाहर निकाला…और उस पर अपना थूक गिराते हुए, विनय के लंड के सुपाडे और चारो तरफ हाथ से हिलाते हुए फेलाने लगी….
विनय भी एक दम जोश से भर चुका था…उसने अपनी टीशर्ट भी उतार कर बेड पर फेंक दी थी….अंजू खड़ी हुई, और विनय के लंड को हिलाते हुए बोली…”चल बेड पर लेट जा…आज मुझे अपने घोड़े जैसे लंड पर सवारी करने दे….”
विनय तो जैसे इसी पल के इंतजार मे अपनी जिंदगी काट रहा था…वो बेड पर एक दम सीधा लेट गया….अंजू बेड पर चढ़ि…और फिर अपने दोनो घुटनो को विनय की जाँघो के दोनो तरफ टिकाते हुए, उसके ऊपेर आ गई. “आज तो घर मे कोई भी नही है….आज खूब उछल-2 कर तेरे लंड पर चूत पटकुंगी….चल अब तैयार हो जा….”
ये कहते हुए उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए विनय के लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर सेट किया और….धीरे-2 अपनी चूत को नीचे की ओर दबाते हुए बैठने लगी…विनय के लंड का सुपाडा अंजू की पनियाई हुई चूत के छेद को फेलाता हुआ धीरे-2 अंदर घुसता चला गया….फिर जैसे ही विनय का पूरा लंड अंजू की चूत के गहराईयो मे उतरा, तो अंजू ने अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर नीचे करते हुए विनय के लंड को अपनी चूत के अंदर बाहर करना शुरू कर दिया…”अहह सीईईईईईईई ओह्ह्ह्ह विनय….अह्ह्ह्ह उम्ह्ह्ह्ह्ह बहुत मज़ा आता है…जब तुम्हारा लंड मेरी चूत मे जाता है….”
अंजू पूरी रफतार से अपनी कमर और गान्ड को हिलाते हुए अपनी चूत के अंदर विनय के लंड को लेते हुए मस्त हुई जा रही थी…तभी अंजू का मोबाइल बजने लगा….”अहह सीईइ किस हरामी का फोन आ गया….” अंजू ने अपने कमर और गान्ड को हिलाने की रफतार कम कर दी…पर रुकी नही. उसने बेड पर पड़ा हुआ अपना मोबाइल उठा कर देखा…और फिर विनय की तरफ देख कर मुस्कराते हुए बोली….” रामू का फोन है…मेरा भड़वा ख़सम….” अंजू ने अपनी गान्ड को धीरे-2 उछलाते हुए कॉल को पिक किया और मोबाइल का स्पीकर ऑन कर लिया….
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