RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
जिस पुराने बेड पर चुदाई का ये खेल चल रहा था…..अब उसकी चूं-2 की आवाज़ निकलनि शुरू हो गयी थी…..विनय अंजू की चुचियों को कभी कसकस के दबाने लगता तो, कभी उन पर झुक कर उन्हे चूसने लगता……”अहह ओह हाआँ काट खा मेरी राजा खा जा मेरी चुचियों को अह्ह्ह्ह श्िीीईईईई उंह हाईए कहाँ था तू अब तक….मज़ा आ रहा है ना तुम्हे मेरी चूत मार कर…..हां बोल आ रहा है ना….”
विनय: आह हां आंटी बहुत मज़ा आ रहा है…..
अंजू: ओह ओह्ह्ह ऐसे नही बोल हाआँ मज़ा आ रहा है अंजू अंजू बोल मुझे बोल साली रांडी तुझे चोद कर बड़ा मज़ा आ रहा है ओह्ह्ह्ह बोल ना…..
विनय: अह्ह्ह्ह हाआँ मज़ाअ आ रहा है अंजू…….
अंजू: बोल ना विनय मुझे गाली दे…..बोल मैं रांड़ तेरी चूत की खुजली मिटाउंगा….
विनय: हान्ंनणणन् साली म्म मैं मिटाउंगा तेरी चूत की खुजली…..रांडी आहह….
अंजू: ओह्ह्ह्ह श्िीीईईई तू मिटाएगा अहह ले देख फिर इस रंडी की चूत की गरमी को आह ओह्ह्ह श्िीीईई श्िीीईईईईईई उंह अहह अहह्ा अहह…..
अंजू फिर से गरम होने लगी थी….वो पागलो की तरह अनशन बकते हुए अपनी गान्ड को तेज़ी से ऊपेर की ओर उठा कर अपनी चूत को विनय के लंड पर पटकने लगी….”आह ओह्ह्ह्ह और ज़ोर से ठोक साले अहह अहह हाआँ और ज़ोर से…..रुकना नही दिखा मुझे तेरे टट्टों मैं कितना दम है…आह अहह……..”
इधर विनय भी अब पूरे रंग में आ चुका था….और पूरी तेज़ी से अपने लंड को अंजू की चूत के अंदर बाहर करते हुए उसे चोद रहा था…अब विनय की जांघे उसके मोटे चुतड़ों से टकरा कर थप-2 की आवाज़ करने लगी थी….अंजू की चूत ने फिर से लावा उगलना शुरू कर दया था….”ओह अहह हइई ईए ले मेरी चूत ओह हाईए फॅट गाईए साली अहह ह लीयी यी ली देख साली फॅट गयी….निकल गया पानी आह अहह शियीयीयी..” पर विनय तो जैसे रुकने का नाम ही नही ले रहा था….अंजू बुरी तरह झाड़ रही थी…और अभी भी विनय का लंड किसी पिस्टन की तरह उसकी चूत के अंदर बाहर हो रहा था….जिससे अंजू के झड़ने का मज़ा और दुगना हो गया था….
जब झड़ने के बाद अंजू की साँसे दुरुस्त हुई तो, उसे अहसास हुआ कि, विनय अभी भी शॉट पर शॉट लगाते हुए उसकी चूत की धज्जियाँ उड़ा रहा था….जब उसका लंड अंदर बाहर होता अंजू की चूत की दीवार से रगड़ ख़ाता तो, अंजू को अपनी चूत के अंदर तेज सरहसाराहट महसूस होती… दो बार झड़ने के बाद अंजू बहाल हो चुकी थी…..पर वो विनय को अब रोक कर उसे नाराज़ नही करना चाहती थी….विनय और अंजू दोनो के बदन पसीने से तर हो चुके थे….विनय की साँसे भी थकावट के कारण फूलने लगी थी….और उसके धक्कों की रफ़्तार भी कम हो चुकी थी….अंजू ने पास मे पड़ी अपने साड़ी उठाई, और विनय के माथे और चेहरे पर आए हुए पसीने को पोंछते हुए बोली…..”अभी तक हुआ नही तुम्हारा……” तो विनय ने धीरे-2 अपने लंड को अंदर बाहर करते हुए ना मे सर हिला दिया….
अंजू: थक गया है…..
विनय: हां…..
अंजू: रुक एक मिनिट बाहर निकाल…
विनय ने अपना लंड जैसे ही अंजू की चूत से बाहर निकाला तो अंजू घूम कर डॉगी स्टाइल मे आ गयी…..उसने अपने सर और चुचियों को आगे की तरफ बिस्तर से सटाते हुए, अपनी गान्ड को ऊपेर की ओर उठाया और कमर को नीचे की तरफ दबाया तो, अंजू की चूत पीछे से बाहर निकल कर ऊपेर की तरफ उठ गयी…पीछे बैठे विनय ने जब ये नज़ारा देखा तो, उसके लंड ने ज़ोर से झटका खाया….क्या मस्त गान्ड थी अंजू की एक दम गोल मटोल गुदाज बड़े -2 फेले हुए चूतड़….अंजू ने अपनी जाँघो के बीच से अपना एक हाथ निकालते हुए, अपनी चूत की फांको को फेलाया और अपनी चूत का गुलाबी रस से भरा छेद दिखाते हुए बोली….
अंजू: आजो विनय बाबू और ठोक दो अपना मोटा लट्ठ इसमे….
विनय तो जैसे अंजू के इसी ऑर्डर का इंतजार कर रहा था…वो अंजू के पीछे आकर घुटनो के बल बैठ गया….और अपने लंड के सुपाडे को अंजू की चूत के छेद पर सेट करते हुए एक जोरदार शॉट मारा…लंड गछ की आवाज़ करता हुआ एक ही बार में अंजू की चूत की गहराइयों मे समाता चला गया…..”ओह श्िीीईईईईईई विनय…….हाआअँ ठोक दे पूरा का पूरा अंदर……” फिर क्या था, विनय बाबू शुरू हो गये…अंजू की बड़ी सी कमर को अपने दोनो हाथो मे थामे विनय पूरी ताक़त से अपने लंड को अंजू की चूत के अंदर बाहर करने लगा…..थप-2 के थपेड़ो की आवाज़ पूरी रूम मे गूँज गयी…..6-7 मिनिट बाद अंजू की चूत ने जैसे ही तीसरी बार लावा उगला तो अंजू काम मे बहाल हो गयी…….और फिर विनय ने भी ऐसे शॉट लगाए कि अंजू की चूत की धज्जियाँ उड़ गयी….और वो झाड़ता हुआ अपना पानी अंजू की चूत मे उडेलने लगा.
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