Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
07-28-2018, 12:54 PM,
#19
RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
11

जैसे ही दोनो की साँसे दुरस्त हुई, तो विनय ममता के ऊपेर से उतर कर उसकी बगल मे लेट गया…..ममता ने उसकी तरफ करवट ली, और उसकी चेस्ट को हाथ से सहलाने लगी….”विनय कैसा लगा तुम्हे ये सब करके…..?” ममता जानना चाहती थी कि, क्या विनय ये सब दोबारा करना चाहेगा…..”बहुत अच्छा…बड़ा मज़ा आया…..”

ममता: अब बस किसी को बताना नही….ये बातें सब से छुपा कर की जाती है…जब घर मे हमारे आसपास कोई हो तो, हम ऐसे बिहेव करेंगे….जैसे आज से पहले करते थे.

विनय: ओके समझ गया…..

ममता: अब तुम्हारा दोबारा जब भी मन करेगा तो मुझे बता देना……

विनय: ओके बता दूँगा……

इतने में ममता के मोबाइल की रिंग बजी, तो ममता ने उठ कर अपना मोबाइल उठाया….. फोन अजय की दुकान से था….”हेलो हांजी जीजा जी…..”

अजय: (दूसरी तरफ से…..) वो मेने ये बताने के लिए फोन किया था कि, आज शाम 7 बजे शो की टिकेट्स मेने बुक करवा रखी है…..शीतल दीदी के घर से भी सब जा रहे है….तुम और विनय भी तैयार हो जाना…..मैं 6 बजे तक घर आ जाउन्गा…..

ममता: (दीवार पर लगी घड़ी की तरफ देखते हुए….जिसमे अभी सिर्फ़ 4 बजे थे…) ओके जीजा जी…..

अजय: वैसे वो बदमाश है कहाँ पर….मेरी बात तो करवाओ उसके साथ…..

ममता: सो रहा है…..

अजय: चल रहने दे…..थोड़ी देर बाद उठा देना..

उसके ममता ने कॉल कट की, और विनय की तरफ मुस्कुराते हुए देखा….”क्या हुआ मासी किसका फोन था…..”

ममता: तुम्हारे मामा जी का…..कह रहे थे….आज शाम को मूवी देखने चलना है….

विनय: 7 बजे वाला शो…..?

ममता: हां….पर अभी बहुत टाइम है हमारे पास…..दोबारा करना है…..?

ममता ने विनय के पास आकर बैठते हुए कहा…..तो विनय ने भी हां में सर हिला दिया… ममता के होंटो पर तेज कामुक मुस्कान छा गयी…बलि का बकरा हालाल हो चुका था…उसने विनय के ऊपेर झुकते हुए, अपने होंटो को विनय के होंटो पर रख दिया….दोनो एक दूसरे के होंटो को चूसने में मस्त थे कि, तभी बाहर डोर बेल बजी…..ममता एक दम से हड़बड़ा गयी….”हाई अब कॉन आ गया…..” ममता ने जल्दी से अपने सर कपड़े समेटे….और विनय को कहा कि, वो जल्दी से अपनी टीशर्ट और शॉर्ट्स पहन कर बाहर का गेट खोले….वो अपने रूम में कपढ़े पहनने जा रही है……

विनय ने एक ही मिनिट में अपने शॉर्ट्स और टीशर्ट पहनी, और भागता हुआ बाहर गेट की तरफ चला गया…..जब विनय ने जाकर गेट खोला तो, देखा सामने पिंकी और अभी खड़े थे…दोनो बेहद खुश लग रहे थे….शायद उन्हे भी पता चल चुका था कि, सब लोग शाम को मूवी देखने जा रहे है…..”विनय भैया पता है….पापा का फोन आया था…..बोल रहे थे कि, हम सब मूवी देखने जा रहे है शाम को आप भी…..”

विनय: हां मुझे पता है….

पिंकी: कैसे…..?

विनय: मामा जी का भी फोन आया था….

फिर तीनो अंदर आ गये….थोड़ी देर बाद ममता भी कपड़े पहन कर जब रूम से बाहर आई तो, पिंकी और अभी को देख कर दाँत पीसने लगी….कि इनको इतनी धूप में भी चैन नही है…..सारा मज़ा किरकारा कर दिया….इन आफ़ात की पूडियों ने….खैर ममता को मन मारना पड़ा, शाम को सब लोग मूवी देखने चले गये…..रात को खाने के वक़्त मामा ने बताया कि, कल किरण वापिस आने वाली है…..ममता को ये सुन कर बुरा तो लगा, पर आख़िर किरण को अपने घर तो वापिस आना ही था…..

उस रात मामा विनय के साथ उसके रूम मे सो गये…..विनय को प्यार जो बहुत करते थे….अगली सुबह भी अजय ने ममता को जल्दी उठा दिया….ममता ने अपने जीजा के लिए ब्रेकफास्ट बनाया और फिर लंच पॅक करके दिया….अजय के जाने के बाद ममता ने गेट बंद किया और फिर से अपने रूम मे आकर सो गयी…..जब आँख खुली तो 10 बज चुके थी….वो जल्दी से उठी, और विनय के रूम में गयी, तो देखा विनय अभी तक सो रहा था….उसने विनय के पास जाते हुए आवाज़ लगा कर विनय को उठाया……..

और जैसे ही विनय उठा तो, ममता ने झुक कर उसके होंटो पर हल्का सा चुंबन झाड़ दया…. “गुड मॉर्निंग शोना…..” उठ जाओ….मैं ब्रेकफास्ट बनाने जा रही हूँ….फ्रेश होकर डाइनिंग टेबल पर आ जाओ….करीब 11 बजे दोनो ब्रेकफास्ट करके फ्री हुए तो, ममता झूठे बर्तन उठा कर किचन मे चली गयी……तभी बाहर डोर बेल बजी, तो ममता ने विनय को गेट खोलने के लिए कहा…..जब विनय ने जाकर गेट खोला तो सामने किरण खड़ी थी……विनय को देखते ही मामी के होंटो पर ममता भरी मुस्कान उमड़ आई, उसने विनय को अपने सीने से लगा लिया.

पहले भी कई बार किरण विनय को दुलारते हुए गले से लग लेती थी……और विनय ने भी आज तक ऐसा कभी महसूस नही किया था….जो वो आज कर रहा था….किरण की 38 साइज़ की बड़ी-2 चुचियाँ जो ममता से कही ज़्यादा बड़ी थी….विनय को अपने गालो पर दबति हुई महसूस हुई, तो उसके बदन मे वही अजीब सी सरसराहट दौड़ गयी, जो उसे ममता की चुचियों को छूते वक़्त हुई थी…..”कैसा है मेरा राज कुमार…..” किरण ने विनय के माथे पर चूमते हुए कहा…

विनय: मैं ठीक हूँ…..आप कैसे है…..और वैशाली कहाँ है…..?

किरण: वो….उसे तो आते ही रिंकी ने रोक लिया…..

विनय: (किरण के हाथ से एक बॅग लेकर उठाते हुए) लाइए मामी मैं लेजाता हूँ अंदर…..

ममता भी किरण की आवाज़ सुन कर बाहर आ गयी….और बाहर से वशाली भी अंदर आ गयी. वशाली और विनय दोनो ही हम उम्र थे…..इसीलिए दोनो में बेहद लगाव था….हां हालाकी वशाली थोड़ी तुनक मिजाज़ की थी….छोटी-2 बातों पर भड़क जाती थी…..खैर मामी और वशाली अंदर आए तो, ममता ने उनके लिए चाइ पानी का इंतज़ाम किया….

नाश्ता करने और थोड़ी देर आराम करने के बाद ममता अपनी बेहन किरण के साथ अपने भाई की शादी को लेकर मसरूफ़ हो गयी….क्या हुआ क्या-2 खरीदा कितनी तैयारी हो गयी….वग़ैरह-2. किरण ने बातो-2 में ममता को बताया कि, मम्मी पापा कह रहे थे कि, ममता का कॉलेज जब तक शुरू नही हो जाता. तब तक वो वहाँ आ जाए…..अभी शादी की बहुत सारी शॉपिंग करनी बाकी है……एक तरफ भाई की शादी की खुशी थी…..और दूसरी तरफ अपने नये प्रेमी से बिछड़ने का दुख भी था…..अभी-2 तो उसने विनय के साथ पहली चुदाई का सुख लिया था…..

किरण मामी के घर आ जाने से मानो घर में रौनक लौट सी आई थी…….पर अब विनय को ये रौनक कहाँ अच्छी लगती थी…..उसे तो बस तनहाई पसंद थी….वो भी ममता के साथ. जो अब मामी के आने के बाद उन्हे बेहद मुस्किल से मिलने वाली थी….उस दिन घर में खूब चहल पहल रही….शीतल भी घर आई अपने बच्चों के साथ….शादी को लेकर तीनो आपस में बातें करती रही…..

विनय हमेशा इस तलाश में रहता कि, उसे ममता के साथ अकेले रहने के लिए कुछ पल ही मिल जाए……वो तरसती निगाहो से ममता को घूर रहा था….और ममता भी उसके आँखो में छुपी हुई तड़प को देख कर मन ही मन मुस्कुरा रही थी…..एक जवान औरत या लड़की को इससे ज़यादा और क्या चाहिए…..कि एक जवान लड़का कैसे उसके आगे पीछे चक्कर लगा रहा है. वो कई बार विनय की तरफ देख कर अपने होंटो को अपने दाँतों में दबा कर उसे कामुक इशारा करती, तो ममता की नज़रें विनय के दिल को चीर जाती……

विनय का बेहद बुरा हाल था……घर में रहा तो, दिमाग़ ही खराब हो जाएगा….ये सोच कर विनय घर से बाहर निकल गया……कुछ देर दोस्तो के साथ घूमता रहा…..पर फिर जब वो घर को वापिस आने लगा तो, रास्ते में जब अपने स्कूल के सामने से गुज़रा तो, स्कूल के छोटे गेट के बाहर खड़े पीयान रामू ने उसे आवाज़ देकर अपने पास बुला लिया…..जब विनय उसके पास गया तो, रामू ने विनय से हाथ मिलाते हुए कहा……

रामू: क्यों विनय बाबू किधर घूम रहे हो……?

विनय: कुछ नही ऐसे दोस्तो के पास से आ रहा हूँ……

रामू: यार कामाल हो इतने दिनो से यहाँ आए भी नही…..आओ अंदर चलते है…..

विनय: नही -2 मुझे देर हो रही है……

रामू: अर्रे विनय बाबू आओ भी ना…..एक बहुत ज़रूरी बात करनी है……

विनय: नही मुझे सच में देर हो रही है….जो भी कहना है यही कह दो….

रामू: देख लो विनय बाबू……एक मस्त चीज़ बतानी थी तुमको….वरना बाद मे हाथ मलते रह जाओगे……

विनय के मन में अजीब सी हलचल हुई, आख़िर ऐसी क्या बात है……जो रामू उसकी इतनी मिन्नतें कर रहा है…..विनय कुछ सोच कर रामू के साथ अंदर आ गया….रामू ने गेट बंद किया….और उसे स्कूल की बिल्डिंग के पीछे बने हुए, अपने रूम्स की तरफ लेजाने लगा…..एक बार फिर से अंजानी उत्सुकता ने विनय के दिल को घेर लिया था….”आइए विनय बाबू अंदर आईए…..” रामू ने रूम के डोर पर पहुँचते हुए विनय से कहा….और फिर अंदर चला गया……जैसे ही विनय उस रूम में दाखिल हुआ, तो उसकी नज़र नीचे बैठी एक औरत पर पड़ी…..जो नीचे रखे हुए गॅस स्टोव पर रात के लिए सब्जी बना रही थी…..

उस औरत का रंग सांवला था…..एक दम गदराई हुई थी….उसने अपनी साड़ी को अपने घुटनो तक उठा रखा था…..उसके साँवले रंग की सुडोल पिंदलियाँ सॉफ दिखाई दे रही थी…. जैसे ही उस औरत ने विनय को रामू के साथ अंदर आते हुए देखा तो उसके माथे की थ्योरियाँ चढ़ गयी…….”अब ये किसे उठा लाया है तू…..दोपहर को तेरा जी नही भरा….” उस औरत ने मूह मे भुन्भुनाना शुरू कर दिया…..”पता नही इसको कहाँ-2 से ऐसे छोकरे मिल जाते है…”

रामू: अर्रे भगवान ये हमारे स्कूल में पढ़ते है…..विनय बाबू….

औरत: स्कूल में पढ़ते है, तो यहाँ कॉन से तेरे बाप ने क्लास खोल रखी है….जो तू इसे यहाँ उठा लाया…..

रामू ने देखा कि उसकी पत्नी का मूड उखड़ा हुआ है तो, उसने विनय की तरफ मुस्कुराते हुए देख कर कहा…..”विनय बाबू आप चलिए मेरे साथ….” विनय समझ चुका था कि, ये औरत रामू की पत्नी है…..पर वो उस पर इतना क्यों भड़क रही है…..विनय की समझ में नही आ रहा था….जैसे ही दोनो रूम से बाहर आए तो, रामू ने विनय के सामने थोड़ा सा मुस्कुराते हुए कहा….”वो मेरी पत्नी है….कुछ ही दिन पहले गाओं से आई है….आज सुबह-2 ही इसके साथ झगड़ा हो गया था….तो इसलिए कुछ गरम है….अच्छा जो मैं कहना चाहता था. वो अभी नही बता सकता…..लेकिन आप कल ज़रूर आइयेगा……सच में बहुत ज़रूरी बात है……

विनय: ठीक है अब मैं जाऊ….बहुत देर हो रही है….

रामू: हां विनय बाबू आइए मैं आपको बाहर छोड़ देता हूँ…..

उसके बाद रामू ने विनय को स्कूल से बाहर छोड़ दिया…..और गेट बंद करके फिर से अपने रूम में चला गया….
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RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली - by sexstories - 07-28-2018, 12:54 PM

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