RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
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ममता बेड पर लेटे हुए डोर पर खड़े विनय को देख कर मुस्कुराइ, और कामुकता भरी आवाज़ में उसे अंदर आने को कहा….”विनय अंदर आ जाओ…..” जैसे ही विनय अंदर की तरफ बढ़ा. “विनय डोर बंद कर दो एसी चल रहा है….” डोर को बंद करना है, ये सुनते ही विनय के लंड में कुछ हलचल सी होने लगी…..एक अंजान उत्सुकता उसके दिल को घेरने लगी….उसने मूड कर डोर बंद किया तो, ममता ने एक और ऑर्डर उसे दे डाला…..”विनय ये लाइट भी बंद कर दो. आँखो में चुभ रही है…..
विनय ने लाइट बंद की, और धीरे-2 बेड की तरफ बढ़ा….ममता के पास जाते हुए उसका दिल जोरो से धड़क रहा था….वो पास पहुँच कर बेड के किनारे बैठ गया…ममता पीठ के बल लेटी हुई थी….जब विनय बेड के किनारे पर बैठा तो, ममता ने उसकी तरफ करवट बदलते हुए, उसका हाथ पकड़ कर बहुत ही लरजता से कहा…..”लेट जाओ ना….ऐसे बैठे-2 थक जाओगे…..” विनय ने ममता की बात सुनी और फिर पैरो में पहनी हुई चप्पल उतार कर बेड पर पीठ के बल लेट गया…..”
मेरी तरफ फेस करके लेटो….” ममता ने उसे कंधे से पकड़ कर अपनी तरफ घूमाते हुए कहा, तो विनय खुद ही करवट लेते हुए उसकी तरफ घूम गया….
पूरे घर मे एक दम सन्नाटा छाया हुआ था…..कहाँ तो कुछ दिन पहले तक इस समय सभी बच्चे मिल कर हुड़दंग मचाया करते थे…..पर आज वही हुड़दंग विनय के मन में मचा हुआ था….आगे क्या नया होने वाला है, ये सोच-2 कर ही विनय का बुरा हाल हो रहा था….दोनो एक दूसरे की तरफ फेस किए हुए लेटे हुए थे….ममता ने विनय का हाथ पकड़ा और अपने राइट मम्मे पर रखते हुए धीरे से मस्ती भरी आवाज़ मे फुसफुसा कर कहा….”तुम्हे इन्हे छूना अच्छा लगता है ना…..?”
ममता ने उसके हाथ को अपनी चुचि पर दबाना शुरू कर दिया….विनय ने अपने गले का थूक निगलते हुए हाँ में सर हिला दिया….”फिर दबाओ ना…..जैसे उस रात को दबा रहे थे….” विनय सवालिया नज़रों से ममता की ओर देखने लगा….वो अभी डर रहा था कि, कही ममता मासी बुरा ना मान जाए…..”शियीयीयी दबाओ ना कुछ नही कहूँगी मैं….” ममता ने अपना हाथ उसके हाथ के ऊपेर से हटाते हुए कहा….तो विनय ने डरते हुए, धीरे-2 उसकी चुचि को दबाना शुरू कर दिया….ममता के पूरे बदन में मस्ती की लहर दौड़ गयी….
उसने विनय की कमर में अपनी बाहों को डालते हुए, उसे अपनी तरफ खेंचते हुए अपने से सटा लाया….”अहह हाआँ सबाश विनय हाआँ ऐसे ही थोड़ा सा ज़ोर से दबाओ….हां थोड़ा और ज़ोर से…..” विनय ममता की चुचियों को दबाता हुआ, उसके तमतमा रहे फेस को देख रहा था….उसकी आँखे मस्ती में बंद हो गयी थी…..और ममता धीरे-2 सिसकारियाँ भर रही थी… ममता की चूत में सरसराहट अब और बढ़ चुकी थी…उसने अपना एक हाथ नीचे लेजाते हुए, उसके लंड पर शॉर्ट्स के ऊपेर से रख दिया, और धीरे-2 उसके लंड को सहलाने लगी…..
विनय का सेमी एरेक्टेड लंड थोड़ी ही देर में पूरे तनाव में आ चुका था……और उसका शॉर्ट्स फाड़ कर बाहर आने को उतावला हो रहा था……”शीई विनय तुम्हे अच्छा लगता है, जब मैं तुम्हारे लंड को सहलाती हूँ….” उसने विनय के लंड को शॉर्ट्स के ऊपेर से मुट्ठी मे भरते हुए कहा…..
विनय: (काँपती हुई आवाज़ मे…) हां मासी जी…..
ममता: कितना अच्छा लगता है…..?
विनय: बहुत……
ममता: और मेरी चुचियों को दबाना…..?
विनय: और भी ज़्यादा अच्छा लगता है…
ममता: देखना चाहता है इन्हे….
विनय: हूँ…..
ममता ने विनय का लंड छोड़ा और एक दम से उठ कर बैठ गयी…..उसने जैसे ही अपनी कमीज़ को पकड़ कर ऊपेर उठाना शुरू किया, तो टीवी पर रखा उसका मोबाइल बजने लगा….वो बेड से नीचे उतरी और अपनी कमीज़ उतार कर बेड पर फेंकते हुए, टीवी की ओर बढ़ी, पीछे बैठा विनय हैरानी से ये सब देख रहा था….ममता की नंगी पीठ देखते ही उसके लंड ने झटके खाने शुरू कर दिए…..उसकी पीठ पर कसी हुई ब्रा के स्ट्रॅप्स कितने सेक्सी लग रहे थे…ममता ने जाकर अपना मोबाइल उठा कर देखा, तो उसके मायके से फोन था….
ममता: हेलो…..
दूसरी तरफ से किरण की आवाज़ आई…..
किरण: हेलो ममता कैसी हो…..?
ममता: मैं ठीक हूँ दीदी आप कैसे हो…..?
किरण: मैं भी ठीक हूँ…..मैं परसो वापिस आ रही हूँ…..कोई परेशानी तो नही है ना…..?
ममता: नही दीदी कोई परेशानी नही है…….
किरण: अच्छा विनय कैसा है….?
ममता: जी वो भी ठीक है……
किरण: ला मेरे राजकुमार से मेरे बात तो करवा….
ममता: दीदी वो तो सो रहा है…..
किरण: अच्छा चल रहने दे उसे सोने दे….सुन घर का और विनय का ध्यान रखना….
ममता: दीदी ये भी कोई कहने वाली बात है….क्या ये मेरा घर नही है…..
किरण: हां बिल्कुल तुम्हारा ही घर है…..अच्छा अब मैं फोन रखती हूँ….
ममता: ओके दीदी बाइ…..
ममता ने जलदी से फोन कट किया….और अपनी सलवार का नाडा पकड़ कर खोलते हुए उसे भी उतार दिया….अब ममता और देर नही करना चाहती थी….क्योंकि वो जानती थी कि, कभी भी कोई भी कबाब मे हड्डी बन सकता है……जैसे ही ममता अपना मोबाइल टीवी पर रख कर विनय की तरफ मूडी, तो विनय का मूह खुला का खुला रह गया…..ये नज़ारा विनय अपनी जिंदगी में पहली बार देख रहा था…..ममता गोलडेन स्किन कलर की ब्रा और पेंटी पहने उसके सामने खड़ी थी…….रूम में बेहद अंधेरा था….इसीलिए ममता ने टीवी ऑन कर दिया….और उसकी वॉल्यूम को बिल्कुल बंद कर दिया…….
वो धीरे-2 बेड की तरफ बढ़ी, और बेड पर बैठते हुए बोली….”क्या देख रहा है….कैसी लग रही हूँ मैं…..”
उसने मुस्कराते हुए कहा…. “बहुत खूबसूरत…” विनय ने वैसे ही लेटे हुए कहा, तो ममता ने अपने दोनो हाथो को पीछे लेजाते हुए, अपनी ब्रा के हुक्स खोल दिए. और फिर अगले ही पल उसने धीरे-2 ब्रा को अपने बदन से अलग करते हुए बेड पर रख दिया…ममता की 34 साइज़ की तनी हुई मोटी-2 चुचियाँ देख विनय की आँखे हैरानी से फेल गयी…..वो एक टक ममता की चुचियों को घुरे जा रहा था…..
ममता ने अपनी चुचियों पर अपने हाथों को फेरते हुए विनय की तरफ देखा और फिर धीरे से मादक आवाज़ में बोली…..”विनय तुम्हे मेरी चुचियाँ कैसी लगी…..”
तो विनय ने हकलाते हुए झपक से बोला….”बहुत हॉट है मासी……” तो ममता मन ही मन अपनी चुचियों की तारीफ सुन कर मुस्करा पड़ी….”मासी नही ममता बोल मुझे……अब तो हम दोस्त है ना….”
विनय: जी…..
ममता: फिर बोल ना मुझे ममता….
विनय: ममता……
ममता धीरे से विनय के पास पीठ के बल लेट गयी……और उसका एक हाथ पकड़ कर अपनी चुचि पर रखते हुए, धीरे से फुस्फुसाइ….”अब तुझे किस बात का इंतजार है मेरे राजा…..दबा ना इनको तुझे इन्हे दबाना अच्छा लगता है ना….” विनय ममता के ऊपेर झुक गया….उसने अपने काँपते हाथो को जैसे ही ममता की चुचियों पर रखा तो, ममता ने भी अपने दोनो हाथ उसके हाथो पर रख दिए….जैसे वो चाहती हो कि, अब ये हाथ हमेशा उसकी चुचियों से ही चिपके रहे….पिछले 6 महीने से पति के लंड के लिए तरस रही ममता, की चुचियों पर विनय के हाथ लगे ही थे कि, ममता की चूत मे तेज सरसराहट हुई, उसकी आँखे मस्ती मे बोझल होने लगी….
ममता: (सिसकते) श्िीीईई विनय दबा ना…..ज़ोर ज़ोर से जितना तेरा मन करे, जब तक तेरा दिल ना भरे अपनी ममता की चुचियों को दबाता रह…..
विनय अब थोड़ा सहज महसूस करने लगा था….उसके हाथो मे ममता की 34 साइज़ की चुचियाँ संभाले नही संभाल पा रही थी….एक बहुत ही सुखद अनुभाव विनय के हाथो से होता हुआ, उसे अपने लंड पर महसूस हो रहा था….वो भी ममता की तरह गर्म हो चुका था. और जैसे ही विनय ने पहली बार ममता की नंगी चुचियों को अपने हाथों मे भर कर दबाया तो, ममता की आँखे मस्ती मे बंद हो गयी….पूरा बदन थरथरा कर रह गया… होन्ट खुल गये…..”अहह श्िीीईईईईई विनय हाआँ मेरे जान ऐसे ही और ज़ोर से दबा ना….” ममता ने जैसे विनय से मिन्नत करते हुए कहा….
ममता की मस्ती भरी सिसकारी ने आग मे घी का काम किया, और विनय ने धीरे-2 ममता की चुचियों को दबाना शुरू कर दिया….ममता के तीखे नोक दार निपल्स विनय की हथेलियों के बीच मसले जा रहे थे……जिसके कारण ममता को अपनी चुचियों के निपल्स मे तनाव बढ़ता हुआ महसूस हो रहा था….उसकी चूत अब चीख-2 कर लंड माँग रही थी….वो एक दम मदहोश हो चुकी थी….अब उसके सबर का पैमाना उछलने को था….उसने विनय के सर को दोनो हाथो से पकड़ा, उसके होंटो को अपने होंटो से लग दिया…..
अगले ही पल ममता विनय के लड़कियों जैसे रसीले होंटो को पागलो की तरफ चूस रही थी….विनय की आँखे भी मस्ती मे बंद हो गयी थी…..करीब 2-3 मिनिट बाद, ममता ने अपने होंटो को विनय के होंटो से अलग किया, और उखड़ी हुई सांसो के साथ मस्ती भरी आवाज़ मे बोली……”मेरे शोना ओह तू भी चूस ना मेरे होंटो को….” और फिर से दोनो के होन्ट आपस मे उलझ गये….इस बार विनय ममता के होंटो को चूस रहा था…धीरे-2 नरमी से…. और ममता उसका हॉंसला बढ़ाने के लिए एक हाथ से उसके सर के बालो को और दूसरे हाथ से उसकी पीठ को सहला रही थी….
जिससे विनय धीरे-2 जोश मे आता जा रहा था….और ये सोच कर कि, ममता मासी को उसका ये सब करना कितना मज़ा दे रहा है, उसका कॉन्फिडेन्स लेवेल भी बढ़ता जा रहा था…अब ममता ने उसके ऊपेर वाला होन्ट चूसना शुरू कर दिया था….और विनय ममता का नीचे वाला होन्ट चूस रहा था….दो बदन काम की आग मे जल रहे थे…..विनय अब जोश में बढ़ता जा रहा था…उसने धीरे-2 फिर से ममता की चुचियों को फिर दबाना शुरू कर दिया था….विनय की इस हरक़त से ममता मन ही मन खुश हो गयी….आख़िर विनय ने अपनी तरफ से कोई पहला कदम उठाया था….ममता ने अपने होंटो को विनय के होंटो से अलग किया, तो विनय ने अपनी आँखो को खोल कर ममता की तरफ देखा….
ममता: (मदहोशी भरी आवाज़ मे.) विनय मेरे मम्मे चुस्स ना…..पी ले मेरा दूध….
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