RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
ममता: विनय उस दिन तुम्हे मज़ा आया था ना……?
विनय: जी…….
ममता: पहले कभी किसी लड़की ने तुम्हे वहाँ टच किया है…..?
विनय: (चोंक कर ममता की ओर देखते हुए) नही……
ममता: अच्छा ये बता मैं तुम्हे कैसी लगती हूँ…..?
विनय: जी बहुत अच्छी…..
ममता: और……
विनय: और क्या….
ममता: मेरा मतलब मैं देखने में कैसे लगती हूँ…..
विनय: बहुत सुंदर……
ममता: मुझमे सबसे सुंदर क्या लगता है तुम्हे….घबरा नही….देख आज तक मेने कभी तेरी किसी भी बात की शिकायत की है….
विनय: (ना में सर हिलाते हुए) आप बुरा तो नही मनोगे…..
ममता: नही बता भी ना…..
विनय: (ममता की चुचियों की तरफ इशारा करते हुए…..) ये आपके दूध…..
ममता: हहा हा क्या कहा तुमने दूध मेरे भौंदू राम इन्हे दूध नही चुचियाँ कहते है….क्या कहते है…(ममता ने विनय की तरफ वासना भरी नज़रो से देखते हुए कहा….)
विनय: (कांपती हुई आवाज़ मे…..) चुचियाँ…….
ममता: तुम्हे इन्हे छूना अच्छा लगता है ना…..?
विनय: (हां में सर हिलाते हुए) जी…..
ममता: अभी भी छूने का मन है ना……
विनय चोंक कर ममता की तरफ देखने लगा….
ममता: अभी छूना चाहता है……?
विनय: (लड़खड़ाती हुई आवाज़ मे) हां….
ममता की आँखो में वासना के गुलाबी डोरे तैर रहे थे……7 महीने हो चुके थे….उसे अपने पति से चुदे हुए, अभी -2 तो उसे लंड का स्वाद अच्छा लगने लगा था कि, शादी के 1 महीने बाद ही उसका पति अब्रॉड चला गया था……..ममता कुछ सोच कर बोली…..
ममता: बाहर गेट लॉक है ना….?
विनय: हां…..
ममता: जा एक बार फिर से चेक करके आ……
विनय बेड से उठा और जैसे ही वो ममता के रूम से बाहर निकला तो वो तेज़ी से गेट की तरफ भागा…अभी वो गेट के पास पहुचा ही था कि, डोर बेल बज उठी…अंदर बैठी ममता ने भी डोर बेल सुनी तो, वो एक दम झुंझला सी गयी…..उसने घड़ी में टाइम देखा तो, अभी सिर्फ़ 10 बज रहे थे…..”अब इस वक़्त कॉन कम्बख़्त आ मरा……” ममता एक दम से खीजते हुए उठी और रूम से बाहर आई, जब वो रूम से बाहर आई तो, देखा कि विनय हाथ मे एक बड़ा सा बर्तन उठाए हुए, गेट की तरफ जा रहा था….
ममता: कॉन है विनय….और तू ये पतीला कहाँ लिए जा रहा है…..
विनय: वो मासी जी दूध वाला है…..
ममता: ओह्ह्ह जा जल्दी से दूध डलवा ला….
विनय बाहर गया तो, ममता भी गेट पर चली गयी…..थोड़ी देर बाद विनय भी दूध लेकर घर के अंदर आ गया…..”जा किचन में रख दे…..मैं गरम कर देती हूँ…कही खराब ही ना हो जाए…..” ममता ने गेट के कुण्डी लगाते हुए कहा…..ममता ने सोचा कि वो तो भूल ही गयी थी कि, इस वक़्त दूध वाला दूध देने आता है….ममता ने गेट लॉक किया और वही खड़े होकर मन ही मन दुआ करने लगी कि, अब कम से कम 2-3 घंटो तक कोई और ना आए…….
गेट लॉक करने के बाद ममता किचन मे गयी…..और दूध गरम करने लगी….विनय भी वही खड़ा था…..”तू क्यों यहाँ गरमी मे तप रहा है….जाकर बाहर बैठ……मैं दूध गरम करके आती हूँ…..” ममता ने दूध गरम किया, फिर किचन से बाहर निकल कर किचन का डोर बंद किया और अपने दुपट्टे से पसीना पोंछते हुए अपने रूम मे जाने की बजाए किरण के रूम में चली गयी……
क्योंकि पूरे घर में किरण के रूम में ही एक विंडो एसी था…..उसने वहाँ जाकर एसी ऑन किया और अपना पसीना सुखाने लगी…..विनय वही बाहर बैठा था……जाते हुए उसे मासी ने क्यों अपने साथ जाने के लिए नही कहा…ये सोच -2 कर वो परेशान हो रहा था….करीब 10 मिनिट बाद किरण के रूम से ममता की आवाज़ आई…..”विनय इधर आओ…..” विनय उठ कर किरण के रूम की तरफ चल पड़ा….जैसे ही वो रूम मे पहुँचा तो देखा ममता बेड पर पीठ के बल लेटी हुई थी…..उसने अपना दुपट्टा उतार कर टेबल पर रखा हुआ था….उसकी मोटी-2 चुचियाँ उसकी कमीज़ में कसी हुई, ऊपेर नीचे हो रही थी…
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