RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
8
धीरे-2 अपने लंड को सहलाते हुए, उसकी आँखे फिर से बंद होने लगी…..अजीब सी सरसराहट उसे अपने लंड के सुपाडे पर होने लगी थी…..विनय एक दम गरम हो चुका था….अब उसे फिर से लगने लगा था कि, उसका पेशाब आने वाला है….और ये महसूस करते ही उसने अपने लंड को और तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया……
अब आगे:-
“ये क्या हो रहा है विनय…….” तभी एक आवाज़ उसके कानो में गूँज उठी…..ऐसा लगा जैसे किसी ने कोई बॉम्ब फोड़ दिया हो……अगले ही पल उसका लंड मुरझाने लगा…..खोफ़जदा आँखो से उसने पीछे मूड कर देखा तो, ममता बाथरूम के डोर पर खड़ी उसे ही देख रही थी….विनय अभी भी अपने लंड को मुट्ठी में पकड़े खड़ा था…..पर अब उसका हाथ हिल नही रहा था….कुछ पलों के लिए मानो वो बुत बन गया हो…..
ना कुछ कहने को बन रहा था….और ना कुछ करने को……”मैने क्या पूछा…..? क्या कर रहे हो तुम ये……?” ममता ने आगे बढ़ कर थोड़ा सा गुस्से में कहा,
तो विनय का मानो सतंभन टूटा हो……”वो मैं वो वो मैं पेशाब करने आया था……” विनय ने घबरा कर हकलाते हुए कहा……
ममता: झूट बोल रहे हो तुम…..मेने सब देखा जो तुम कर रहे थे……
विनय: नही साची मे वो वो हां मुझे पेशाब आया था…..पर वो जब मैं यहाँ आया तो पता नही क्यों वो बाहर नही निकला….
ममता: बाहर नही निकला….अगर पेशाब आया था तो क्यों नही निकला…देखो मैने सब देख लिया है……तुम गंदा काम कर रहे थे…..है ना…..?
विनय: नही नही मैं सच कह रहा हूँ……
ममता: अब चुप बॅस……मुझे सब पता है तुम मूठ मार रहे थे…..
ममता के मूह से मूठ शब्द सुन कर विनय को झटका सा लगा…..उसे तो लगता था कि, ये वर्ड औरतों को पता ही नही होता…..”क्यों मूठ मार रहे थे ना तुम……”
विनय: वो मासी मैं वो…….
ममता: ये वो वो क्या लगा रखा है……मेने अपनी आँखो से देखा है…..तुम अब मुकर नही सकते…..(ममता चोर नज़रो से सिकुड चुके विनय के लंड को देख रही थी….जिसे विनय ने अभी भी मुट्ठी में पकड़ रखा था……और उसने मुस्कुराते हुए कहा…..) बेशर्म…..
विनय को अपनी ग़लती का अहसास हुआ, तो उसने अपने लंड को छोड़ कर जैसे ही, शॉर्ट्स को ऊपेर करना चाहा तो, ममता ने बीच में टोक कर उसे रोक दिया……”जैसे खड़े हो वैसे ही खड़े रहो…..” ममता विनय की तरफ बढ़ी, तो विनय का गला सूख गया…..उसे लगा कि ममता अब उससे पीटने वाली है…..पर अगले ही पल ममता ने नीचे बैठ कर विनय के लंड को हाथ में पकड़ लिया…..
विनय: ये ये आप क्या कर रही है…..छोड़िए प्लीज़…..
ममता: (मुस्कुराते हुए ) क्यों अच्छा नही लग रहा…..या फिर मुझसे शरम आ रही है….
विनय: वो मासी जी मुझसे ग़लती हो गयी…..मुझे माफ़ कर दीजिए….आइन्दा ऐसे कभी नही करूँगा….प्लीज़ छोड़ दीजिए…….
ममता: मैं क्या पूछ रही हूँ…..पहले उसका जवाब दो…..(ममता ने विनय के लंड को मुट्ठी में पकड़ कर दबाते हुए कहा…..जो अभी सिकुडा हुआ था…..)
विनय: (एक दम से सिसकते हुए) जी…..
ममता: फिर बोलो अच्छा नही लग रहा या शरम आ रही है…..
विनय: जी शरम आ रही है……
ममता: इसका मतलब तुम्हे अच्छा लग रहा है…..कि मेने तुम्हारा लंड पकड़ा हुआ है…..
विनय: (ममता के मूह से लंड सुन कर विनय एक दम भौचक्का रह गया…..) आह नही वो मेरा मतलब……(ममता ने फिर से दो बार लंड को हिलाते हुए दबाया…..)
तो विनय के लंड में थोडा -2 तनाव आने लगा…..”शीइ अह्ह्ह्ह” नही अच्छा नही लग रहा है…..” विनय ने सिसकते हुए कहा……
ममता: (विनय के लंड के सुपाडे की चमड़ी को पीछे हटा कर उसके पेशाब वाले छेद को अंगूठे से कुरेदने लगी…..) अच्छा अगर तुम्हे मज़ा नही आ रहा तो, तुम्हारा ये क्यों खड़ा होना शुरू हो गया…….
विनय: आह मुझे नही पता….प्लीज़ छोड़ दीजिए ना…….
ममता: (अब थोड़ी तेज़ी से विनय के लंड को हिलाते हुए) छोड़ दूं, मज़ा नही आ रहा….
विनय: नही ओह्ह्ह्ह मासी…..प्लीज़……
ममता: क्यों कुछ हो रहा है ना….
विनय: आह श्िीिइ हाँ मासी……
ममता: क्या हो रहा है…..(अब ममता पूरी तरह विनय के लंड को मुट्ठी में भर कर हिला रही थी….)
विनय: ओह उफफफफ्फ़ मुझे नही पता……..
ममता: (लंड हिलाते हुए विनय के चेहरे की तरफ देखते हुए, जिसकी आँखे अब मस्ती में बंद हो चुकी थी……) मैं बताऊं……तुम्हे मेरे हाथ से अपना लंड की मूठ मरवाने मे मज़ा आ रहा है ना…..बोलो सच बोलना…..मैं किसी से कुछ नही कहूँगी….कसम से……
जैसे ही विनय का लंड पूरी तरह खड़ा हुआ, तो ममता की आँखे उसके लंड को देख कर हैरानी से फेल गयी…..दिल जोरो से धड़कने लगा….हाई मैं मर जावां…..इतना बड़ा इतना मोटा लंड वो भी इसका कैसे मुझे तो यकीन ही नही हो रहा…..ममता ने अपने मूह में आए हुए थूक को गटकते हुए सोचा…..विनय के लंड का लाल सुपाडा एक दम दहक रहा था…. जिसे देखते ही उसकी चूत ने पानी छोड़ कर उसकी पेंटी को नम करना शुरू कर दिया था…..
|