RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
जैसे ही ममता को विनय के लंड की लंबाई और मोटाई का अंदाज़ा हुआ, तो उसका दिल धक करके रह गया….उसके हाथ पैर मानो सुन्न पड़ गये हों….”हाए इतना मोटा लंड है इसका…..इतना लंबा..” उसे अपनी चूत में तेज खेंचाव सा महसूस होने लगा…..जांघे आपस मे खुद ब खुद सटाती चली गयी….
तभी सामने चटाई पर बैठे अभी ने पीछे मूड कर कहा…..”भैया यहाँ आओ ना…” दोनो अभी की आवाज़ सुन कर जैसे आसमान से गिर कर ज़मीन पर आए हो…दोनो एक दम चोंक गये… ममता ने अपना हाथ जल्दी से पीछे किया…और विनय उठ कर आगे जाकर चटाई पर बैठ गया. ममता गहरी साँसे लेते हुए बेहद हैरान हो रही थी…..उसने कभी सोचा भी नही था कि, मासूम से दिखने वाले इस बच्चे का हथियार इतना तगड़ा हो सकता है…..वो अपनी सांसो पर काबू पाने की कोशिस कर रही थी…….
उसका दिल बहुत बेचैन हुआ जा रहा था……काश कि ये बच्चे आज ना आए होते…..पर इस विनय ने कॉन सा कही भाग जाना है……रहना तो यही है ना इसने…..दोपहर का वक़्त हो चला था. ममता उठ कर किचन मे चली गयी…..और दोपहर के खाने का इंतज़ाम करने लगी….करीब 30 मिनिट में उसने दोपहर का खाना तैयार कर लिया….फिर वो किरण के रूम मे गयी….जहाँ पर तीनो बच्चे बैठे टीवी देख रहे थे……”चलो बच्चो खाना तैयार है…..आकर खा लो. टीवी बंद कर दो….कब से ऑन कर रखा है तुम लोगो ने……”
ममता की बात सुन कर सब उठ कर बाहर आ गये….विनय ने बाहर जाते हुए, टीवी बंद कर दिया. और फिर बाहर हाल में आकर खाना खाने लगा….खाना खाने के बाद अभी ने विनय से कहा. “भैया चलो ना हाइड & सीक खेलते है……”
ममता: (बीच में टोकते हुए) कोई हाइड & सीक नही खेलेगा……मुझे नींद आ रही है तुम लोग शोर मचाओगे…….
पिंकी: नही मासी हम शोर नही मचाएँगे…..
ममता: एक बार मना कर दिया ना तो नही खेलना…..जाकर लुडो खेल लो….और हां आवाज़ मत करना…..
अभी: ओके मासी…..
तीनो विनय के रूम की तरफ जाने लगी…..”अपने आप मे बनती क्या है…..हिट्लर” पिंकी ने मूह बनाते हुए ममता के बारे मे विनय से कहा…….
विनय: चुप ऐसा नही बोलते बड़ी है ना वो हम से…..
पिंकी: बड़ी है तो क्या हम पर रोब जमाएगी…….
विनय: अब चल चुप कर जा अम्मा…..चल लुडो खेलते है…….
तीनो विनय के रूम मे जाकर लुडो खेलने लगे…..उधर ममता ने झूठे बर्तन उठा कर किचन मे लेजा कर धोए…..और फिर अपने रूम में आकर लेट गयी…..बेड पर लेटते ही उसे नींद आ गयी……दूसरी तरफ तीनो बच्चे लुडो खेल रहे थे….और धीरे-2 उन तीनो को भी नींद आने लगी…..तभी बाहर डोर बेल बजी तो, विनय ने बाहर जाकर गेट खोला तो, देखा सामने उसकी मासी शीतल खड़ी थी……शीतल विनय को देख कर खुश हो गयी…..और उसे गले से लगाते हुए बोली…….”आ गया मेरा बच्चा वापिस……”
विनय: जी मासी……
शीतल: वो पिंकी और अभी कहाँ है बेटा…..
विनय: जी मेरे रूम मे है……
शीतल: जाओ उन्हे बुला लाओ…..बोलना कि मम्मी आई है लेने के लिए…..
विनय: आप अंदर नही आओगे…..
शीतल: नही बेटा अभी मुझे कुछ ज़रूरी काम है…..तुम शाम को घर आना…..ठीक है…
विनय: जी मासी……मैं अभी अभी और पिंकी को बुला कर लाता हूँ……
विनय रूम मे गया और पिंकी और अभी को लेकर वापिस आ गया……शीतल दोनो को लेकर घर चली गयी…..विनय ने गेट लॉक किया और अपने रूम मे आ गया…..एक बार जब फिर से उसे तनहाई मिली तो, उसे वो याद आ गया……जब ममता ने उसके लंड को उसके शॉर्ट्स के ऊपेर से पकड़ा था….उसका लंड कैसे कुछ ही सेकेंड्स मे खड़ा हो गया था….ममता के हाथ कितने नरम और मुलायम है……कितना मज़ा आया था…..जब उसने मेरे लंड को पकड़ा था…..काश अभी ना बुलाता तो, ममता मासी कुछ देर और मेरे लंड को पकड़ कर रखती…….
ये सोचते हुए, विनय बेड पर लेटा था…..उसके हाथ खुद ब खुद शॉर्ट्स के ऊपेर से उसके लंड पर चला गया……और वो उसे धीरे-2 सहलाने लगा…..उसकी आँखे अपने आप बंद होती चली गयी….नज़ाने क्यों उसकी कल्पना में ममता की छवि उभर कर आ गयी……कि ममता उसके नंगे लंड को हाथ मे पकड़ कर धीरे -2 हिला रही है……ये सब सोचते हुए उसके लंड की नसें और फूलने लगी……
6-7 मिनिट हो गये थे….अचानक से विनय को लगने लगा जैसे उसे बहुत तेज पेशाब आ रहा है…..उसने अपने लंड को हिलाना छोड़ दिया…..और उठ कर बाथरूम में चला गया…..बाथरूम में जाकर उसने अपने शॉर्ट्स को नीचे उतारा और अपने लंड को बाहर निकाल लिया….पर ये क्या, उसके लंड से पेशाब तो निकल ही नही रहा था……फिर उसे क्यों ऐसा लग रहा था कि, वो बेड पर ही पेशाब कर देगा…..अजीब से सवाल उसके जेहन में हड़कंप मचाए हुए थे…..
जल्दी-2 में वो अपने बाथरूम के डोर को बंद करना भी भूल गया था……कुछ देर वही खड़ा रहा….और फिर उसने सोचा क्यों ना वो फिर से अपने लंड को हिला कर देखे कि, पेशाब आता है कि नही…..और ये सोचते ही उसने फिर से अपने लंड को धीरे-2 हिलॅना शुरू कर दिया. ठीक मूठ मारने वाले अंदाज़ मे….क्योंकि वो अपने स्कूल के लड़के मनीष और पीयान को मूठ मारते हुए देख चुका था……
धीरे-2 अपने लंड को सहलाते हुए, उसके आँखे फिर से बंद होने लगी…..अजीब सी सरसराहट उसे अपने लंड के सुपाडे पर होने लगी थी…..विनय एक दम गरम हो चुका था….अब उसे फिर से लगने लगा था कि, उसका पेशाब आने वाला है….और ये महसूस करते ही उसने अपने लंड को और तेज़ी से हिलाना शुरू कर दिया…
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