RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
6
अगली सुबह जब विनय उठा तो, देखा ऊपेर कोई नही था…..ना ही वशाली और ना ही ममता. वो डरता हुआ नीचे आया, विनय आज बहुत सहमा हुआ था….डर था कि, कही ममता ने रात की बात बता ना दी हो….वो कैसे अपनी मामी का सामना करेगा….जैसे ही वो नीचे आया, तो सामने से मामी किचन से बाहर निकली….विनय की तो जैसे डर के गान्ड फटने को आ गयी. पर अगले ही पल उसने राहत के साँस ली जब मामी ने मुस्कुराते हुए उससे फ्रेश होने को कहा….
विनय भाग कर बाथरूम में घुस गया….फ्रेश हुआ नाहया और फिर बाहर आया…..तो देखा ममता डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा रही थी….वो डरता हुआ डाइनिंग टेबल पर जाकर बैठ गया. ममता ने बिना उसकी तरफ देखे उसकी प्लेट मे नाश्ता डाल कर उसे दिया….और फिर से किचन मे चली गयी….विनय ने जल्दी से नाश्ता ख़तम किया और उठ कर अपने रूम मे आ गया….वो अब ममता के सामने जाने से घबरा रहा था….वो उससे ऩज़रें नही मिलाना चाहता था…वो काफ़ी देर तक अपने रूम मे बैठा रहा…करीब 10 बजे वशाली रूम मे आई…..” क्या कर रहे हो भौंदू राम….” वशाली ने हंसते हुए कहा…..
विनय: तुम से मतलब…..अगर कोई काम है तो बोल…..
वशाली: वो ममता मासी बुला रही है….
विनय: (डर कर चोन्कते हुए) क्यों…..?
वशाली: क्यों आज स्कूल का होम वर्क नही करना है क्या….?
विनय: ह्म्म्म आता हूँ….
वशाली: जल्दी आना…..
वशाली के बाहर जाते ही, विनय ने अपने साँस को दुरस्त किया, और अपना बॅग उठा कर डरते हुए बाहर आ गया…..यहाँ उसके मासी शीतल के बच्चे पिंकी और अभी भी वशाली के साथ बैठे होम वर्क कर रहे थे….वो ममता की तरफ देखे बिना आगे बढ़ा और सब बच्चों के पीछे जाकर बैठ गया……ममता मन ही मन ये सोच कर मुस्करा रही थी, कि उसने कल बेचारे को कुछ ज़्यादा ही डरा दिया था…..खैर ममता ने नॉर्मल बिहेव करते हुए, सबको होम वर्क करवाया….उसके बाद दोपहर का खाना खाने के बाद सब ऊपर खेलने के लिए चले गये….
पर आज रिंकी नही आई थी……जब उसने वशाली से पूछा तो पता चला कि, रिंकी 3-4 दिन के लिए अपने किसी रिश्तेदार के यहाँ गयी है….उस दिन विनय का खेल में मन नही लगा…इसीलिए वो ज़्यादा देर नही खेला और नीचे अपने रूम में आ गया….दोपहर को गरमी बढ़ गयी थी…इसीलिए रूम में बेड के ऊपेर लेटते ही, पंखे की ठंडी हवा से उसे नींद आने लगी….अभी कुछ ही देर हुई थी कि, बाहर से मामी की उँची आवाज़ आई, उसे समझ में तो नही आया कि, मामी क्या बोल रही है…..पर हां इतना ज़रूर समझ में आ गया था कि, मामी किसी बात को लेकर बेहद खुश है…..
अब मामी खुश क्यों है ये जानने के लिए विनय रूम से बाहर आ गया….मामी शीतल और ममता से बात कर रही थी….उसके चेहरे पर जो खुशी थी….वो देखने लायक थी… जैसे ही किरण ने विनय को देखा तो उसने अपनी दोनो बाहें फेलाते हुए, उसे अपने पास आने को कहा…..”आजा मेरा राजकुमार इधर आ अपनी मामी के पास……” विनय मामी की बाहों में जाते ही उसकी गोद में सर रख कर लेट गया…..”क्या हुआ मामी जी……”
मामी: तेरे मामा का रिश्ता हो गया है परसो मँगनी है…..?
विनय: क्या मामा का…..
मामी: धत पगले ये वाले मामा नही…मेरे छोटे भाई की, वो भी तेरे मामा ही लगते है ना…
विनय: तो आप वहाँ जा रही हो…..?
मामी: हां हम सब चलेंगे ना…..
विनय: क्या सच……
मामी: हां सच…..
उसके बाद अगले दिन सारा परिवार ममता और मामी के मायके चला गया….अगले ही दिन किरण के छोटे भाई की मँगनी हो गयी थी……जिस लड़की का मामी के भाई से रिश्ता हुआ था….वो उसी शहर की रहने वाली थी….जहाँ पर किरण और अजय का घर था….मँगनी के बाद ये तय हुआ कि, शादी के सारी तैयारियाँ किरण के घर पर ही होंगी….वही से बारात निकले गी और वही सारी रस्मे भी होंगी…..क्योंकि किरण का मायका उनके शहर से काफ़ी दूर था….सितंबर की 25 को शादी का दिन फिक्स कर दिया गया था…..क्योंकि बच्चो के इंटर्नल एग्ज़ॅम सितंबर के 23 तक ख़तम हो जाते थे.और फिर बच्चो की 7-8 की छुट्टी भी हो जाती थी……
मँगनी के अगले दिन जब सब लोग वापिस जाने के तैयार करने लगी तो, किरण की माँ ने उसे अपने पास दो दिन रुकने के लिए कहा, ताकि वो अपनी बेटी के साथ शादी के लिए कुछ खरीद दारी कर सके….किरण का भी वहाँ रुकने का बहुत मन था….आख़िर वो करीब 1 साल बाद अपने मायके आई थी….इसलिए उसने अपनी माँ को इनकार नही किया…इधर वशाली भी ज़िद्द पर अड़ गयी कि, वो मम्मी के साथ वही रहेगी…..
|