RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
जैसे ही विनय का लंड पूरा तन कर खड़ा हुआ, वो सीधा रिंकी की छोटी सी पेंटी के ऊपेर से उसकी चूत के ठीक बीचो-2 दब गया….”श्िीीईईईई अहह” अपनी चूत पर विनय के सख़्त लंड को महसूस करते ही, रिंकी एक दम सिसक उठी…उसने अपने दोनो हाथ उठा कर विनय के कंधो पर रख लिए…..और धीरे-2 अपनी कमर को हिलाने लगी…..नीचे विनय का लंड भी अब बग़ावत पर उतर आया था….और रह-2 कर झटके खा रहा था…जिसे रिंकी अपनी पेंटी के ऊपेर से महसूस करके, मचल जाती, वो धीरे-2 मदहोश होती जा रही थी….
विनय को अपने लंड में तेज सरसराहट महसूस होने लगी थी….उसे ऐसा लग रहा था कि, जैसे उसके लंड से अभी कुछ निकल जाएगा…..जब उससे बर्दास्त नही हुआ, तो उसने अलमारी का डोर खोल दिया. और बिना रिंकी की तरफ देखे बाहर आ गया…..रिंकी बुत से बनी वही खड़ी उसे रूम से बाहर जाता हुआ देखती रह गयी…..”अर्ररे अब्ब्ब इसे क्या हो गया….इतना अच्छा काम बन रहा था. इस लड़के का भी कुछ पता नही चलता…..” रिंकी की चूत अब दहक रही थी….लंड को लेने के लिए, पर अभी उसे अपनी मंज़िल कोसो दूर नज़र आ रही थी…..
खैर उसके बाद किरण ने सब को नीचे आने के लिए कहा….टाइम काफ़ी हो गया था….इस लिए सब नीचे आ गये….वशाली रिंकी को लेकर अपने यानी कि किरण के रूम में चली गयी….वहाँ पर रिंकी ने जो भी हुआ वो सब वशाली को बता दिया…कुछ ना होने से कुछ तो होना अच्छा ही होता है….भले ही रिंकी और वशाली दोनो पूरी तरह कामयाब नही हुई थी….पर हां रिंकी ने विनय के अंदर के छुपी हुई वासना की आग को हवा ज़रूर दे दी थी….
उस रात भी ममता विनय और वशाली खाने के बाद, ऊपेर छत पर सोने के लिए आ गये…. उन्होने बिस्तर बिछाए और अपनी -2 जगह पर लेट गये…..कुछ ही देर मे वशाली तो सपनो की दुनियाँ मे पहुच गयी….पर विनय और ममता की आँखो से नींद कोसो दूर थी….एक जवान चूत जो अपने पति के लंड के लिए तरस रही थी…..और दिन गिन रही थी कि, कब उसका पति आकर उसकी प्यास को बुझायेगा….दूसरी तरफ एक नूनी जो अब लंड बन रही थी…..अपने साथ रोज हो रहे नये-2 हादसो से उत्सुक दुनिया को और जानने की लालसा लिए, अपनी सोच में मगन था….
आधा घंटा बीत चुका था….पर विनय की आँखो मे नींद नही थी….अचानक से उसने करवट बदल कर अपना फेस जैसे ही, ममता की तरफ किया तो, उसकी टीशर्ट में साँस लेने के कारण ऊपेर नीचे हो रही उसकी 36 साइज़ की चुचियों को देखते ही उसके मन मे आया…..”ममता दीदी की चुचियाँ कितनी बड़ी -2 और मोटी है…..और रिंकी की कितनी छोटी है……जब रिंकी बड़ी हो जाएगी तो उसकी भी ममता दीदी जितनी बड़ी हो जाएँगी…..”
लेटे-2 पता नही विनय को क्या हुआ, उसका दिल अब ममता की चुचियों को छूने का करने लगा. आज ममता की चुचिया उस टीशर्ट में कुछ ज़्यादा ही बड़ी और फूली हुई लग रही थी….उसने लेटे -2 ही ममता का जायज़ा लेना शुरू किया…..जब उसे यकीन हो गया कि, ममता सो रही है, तो उसने अपना एक हाथ धीरे से उठा कर ममता की राइट चुचि पर रख दिया….उसका हाथ कांप रहा था….जैसे ही ममता को अपनी चुचि पर कुछ दबाव सा महसूस हुआ, तो उसके पूरे बदन मे भी सिहरन सी दौड़ गयी……
ममता अभी तक सोई नही थी……पर वो बिना हीले डुले वैसे ही लेटी रही…..वो जानती थी उसकी चुचि पर विनय का हाथ है…….पर वो ये जानना चाहती थी कि, क्या विनय ने सोते हुए फिर से उसकी चुचि पर हाथ रख दिया है……या जान बुझ कर वो ऐसा कर रहा है….कुछ देर वैसे ही बिना हरक़त किए, विनय अपना हाथ उसकी चुचि पर रखे लेटे रहा….उफ्फ क्या नरम अहसास है, पूर्ण रूप से विकसित जवान लड़की या फिर हम ममता को औरत कह सकते है… की चुचियों को छूने का…..विनय के बदन का रोम-2 खड़ा हो चुका था……
उसे अपने अंदर एक अजीब सी बेचैनी महसूस हो रही थी…..बेचैनी कुछ करने की, वो जो उसकी उम्र के बच्चे नही करते, वो जिसे समाज आज तक उससे छुपाता चला आ रहा था…आख़िर इसमे इतना क्या मज़ा आता है…..विनय वासना के नशे में कब इतना चूर हो गया कि, उसने धीरे-2 ममता की चुचि को सहलाना शुरू कर दिया…..और जब फिर भी दिल को तसल्ली ना हुई तो, उसने ममता की चुचि को धीरे-2 दबाना भी शुरू कर दिया….विनय की इन हरकतों से ममता भी उसी पल गरम हो गयी थी…..
पर वो चुप चाप लेटी रही….दूसरी तरह वशाली सो रही थी….और खुद को गरम होता महसूस करके, ममता को लगने लगा कि, अब विनय को यही रोक देना चाहिए…वरना वो भी बहक जाएगी, और फिर उसकी आग को शांत करने वाले भी तो नही है यहाँ….और यहाँ विनय के साथ वो किसी तरह का रिस्क नही ले सकती थी…..ऊपेर वशाली थी तो, नीचे विनय के मामा मामी. पर हाथ आए इस नये बकरे को भी जाने नही देना चाहती थी…..भले ही ये बकरा अभी सेक्स के मामले में मेमना था…..
आज नही तो कल वो कभी ना कभी विनय से अपने तन की आग को बुझा कर शांत कर सकती है. ज़रूरत है तो, विनय को सही ढंग से हॅंडेल करने की….और वो कैसे करना है, ममता बखूबी जानती थी……अचानक से उसने विनय के हाथ को पकड़ लिया, और फिर झटक दिया. विनय की तो मानो जैसे गान्ड ही फॅट गयी हो…..”चुप चाप सो जाओ….” ममता ने थोड़ा सा गुस्से से कहा….और फिर दूसरी तरफ करवट लेकर लेट गयी….
विनय शुकर मना रहा था कि, ममता ने इस समय तो कोई बवाल नही किया….नही तो आधी रात को ही उसकी पिटाई हो जानी थी…..पर सुबह क्या होगा…..अगर ममता ने मामी और मामा को बता दिया तो, नही नही मैं कल सुबह उनसे माफी माँग लूँगा….कह दूँगा कि, मुझसे ग़लती से हो गया…..
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