RE: Sex Porn Kahani चूत देखी वहीं मार ली
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दोपहर के 1 बजे का वक़्त था…..10थ के उस स्कूल में स्कूल बंद होने की घंटी बजाते ही बच्चों का हजूम बाहर के गेट की तरफ दौड़ा…..विनय भी अपना स्कूल बॅग कंधे पर लटकाए हुए बाहर की तरफ बढ़ रहा था….तभी पीछे से आकर वशाली ने उसका हाथ पकड़ लाया….”ओये कबूतर कहाँ उधर जा रहा है….मुझे अकेला छोड़ कर…..” वशाली ने ताव में आते हुए कहा……
विनय: घर जा रहा हूँ…..दिखाई नही देता क्या…..?
वशाली: देता है, तभी तो पूछ रही हूँ…मम्मी ने कहा है ना….स्कूल से साथ घर आया करो……
विनय: तो चलो रोका किसने है तुम्हे…..
वशाली: चलते है रूको रिंकी को भी आने दो……उसने भी तो साथ चलना है….
विनय: अर्रे मैं नही जाता उसके साथ…..बहुत दिमाग़ खराब करती है…..हर वक़्त बॅड-2 करती रहती है…..तुम्ही आना उसके साथ….
इतने में रिंकी भी आ जाती है….रिंकी का घर उनके घर के ठीक सामने था….और तीनो घर की तरफ चल पड़ते है…..रिंकी उन दोनो से दो क्लास ऊपेर यानी कि 10थ मे थी…..अभी अभी **5 की हुई थी…..जवानी की तरफ उसने पहला कदम बढ़ाया था….उनका एरिया सिटी से थोड़ा बाहर था….इसीलिए वो एरिया सिटी कम और गाओं ज़यादा लगता था….रिंकी की उम्र के साथ-2 उसमे चंचलता भी बढ़ गयी थी…..अपने से बड़ी उम्र की लड़कियों से बात करना….उनके बॉयफ्रेंड के किस्से सुनना उसे अच्छा लगता था….और वो सब सुने हुए किस्से, आगे वैशाली को सुनाती.
पर विनय अब भी इन बातों से अंज़ान था….उसे नही पता था कि, औरत मारद में क्या फरक होता है….जो बाहरी फ़र्क उसे दिखाई देता था…उसे उसी की जानकारी थी….विनय और वशाली 9थ क्लास में पहुँच गये थे….और रिंकी अब 11थ में हो गयी थी….वो स्कूल 10थ तक ही था. इसीलिए अब उसकी अड्मिशन सिटी के एक बड़े गर्ल्स कॉलेज में करवा दी गयी थी….उसके पापा उस पर बहुत कड़ी नज़र रखते थे…..सुबह स्कूल छोड़ कर आना और दोपहर को भी लेकर आना. वो लड़को से बात नही कर सकती थी….पर विनय और विशाली के साथ उनके परिवार का अच्छा मैल मिलाप था…उनके लिए तो समझो घर वाली बात थी…..
एप्रिल का मंथ था….गर्मियाँ अभी शुरू हुई थी…..स्कूल मे हाफ टाइम चल रहा था…और विनय अपने बाकी क्लास मेट्स के साथ स्कूल के ग्राउड में खेल रहा था….तभी उसे बहुत तेज पेशाब लगी….बाथरूम सेकेंड फ्लोर पर था…जब तक ऊपेर जाता तो, बीच में ही निकल जाने के संभावना थी…..इसीलिए वो भाग कर स्कूल की बिल्डिंग के पीछे गया….उस बिल्डिंग के पीछे स्कूल की पुरानी इमारत हुआ करती थी…..जो अब लगभग खंडहर बन चुकी थी….
वो भाग कर उस खंडहर बन चुकी बिल्डिंग के पास गया……अपनी पेंट खोली और अपने लंड ओह्ह सॉरी “नूनी” उस वक़्त तक तो वो अपने लंड को नूनी ही बुलाता था…बाहर निकाली और पेशाब करने लगा…..तभी उसके कानो में किसी के कराहने जैसी आवाज़ सुनाई दी….बेचारे का डर के मारे मूत भी बंद हो गया…..उसने अपने लंड को वापिस डाला और ज़िप बंद करके, एक टूटी हुई खिड़की की तरफ बढ़ा….जिस तरफ से वो आवाज़ आ रही थी…..जैसे ही वो उस खिड़की के पास पहुचा और उसने अंदर झाँक कर देखा, वो एक दम से हैरान रह गया……
अंदर जो भी थे….वो भी उसको अंदर झाँकते हुए देख कर खोफ़जदा हो गये…..अंदर स्कूल का पीयान और 10 थ का एक लकड़ा था….जो उस पीयान की गान्ड की बॅंड बजा रहा था…वही पीयान जिसको वो स्कूल से अंदर आ हुए गेट पर खड़ा देखता था…दोनो विनय को देख कर एक दम से घबरा गये….और उनसे ज़्यादा तो विनय घबरा गया….वो जल्दी से वापिस स्कूल के आगे की तरफ भागा….
पर अभी वो कुछ कदम आगे ही बढ़ा था कि, उस लड़के ने आकर उसे पीछे से पकड़ लाया… विनय ने उसकी तरफ घबराते हुए देखा…..और ठीक वैसे ही भाव उस लड़के के चेहरे पर भी थे….”दोस्त तूने अंदर जो भी देखा किसी को बताना नही…..अगर तूने किसी को बता दया तो यार मुझे स्कूल से निकाल देंगे….” विनय हैरानी से उस लड़के को गिड़गिडाता हुआ देख रहा था….उसे समझ में नही आ रहा था कि, वो क्या करे और क्या बोले….”देख दोस्त अगर तू ये बात किसी को नही बताएगा…..तो हम तुम्हे भी इस खेल मे शामिल कर लेंगे….बहुत मज़ा आता है कसम से….”
विनय ने उस चपरासी की तरफ देखा जो सहमा हुआ सा उनकी तरफ बढ़ रहा था…..”यार शाम को 6 बजे मुझे यहाँ मिलना….ये पीयान इसी स्कूल मे ही रहता है…..प्लीज़ किसी को बताना नही… ऐसा मज़ा आएगा कि तुम भी याद करोगे…..पर प्लीज़ किसी को बताना नही…..”
विनय: ओके मेरा हाथ छोड़ो नही बताता मैं किसी को…..
उस लड़के ने जैसे ही विनय का हाथ छोड़ा…..विनय भाग कर अपनी क्लास में आ गया….वो दोनो क्या कर रहे थे…..क्यों कर रहे थे….इसमे क्या मज़ा आता है…..ये तो गंदा काम है.. क्या सच में उनको मज़ा आता है….आता ही होगा तभी तो करते है….विनय के दिमाग़ में ऐसे लाखों सवाल घूम रहे थे….क्लास में पढ़ाई की तरफ उसका ध्यान उस दिन बिकुल भी नही था….जैसे ही स्कूल ऑफ हुआ, विनय अपना बॅग उठा कर स्कूल से बाहर निकला और तेज कदमो से चलता हुआ, स्कूल से घर जाने लगा…..वशाली पीछे से भागती हुई उसे आवाज़े देते रही. पर वो ना रुका……5 मिनिट की दूरी पर तो उनका घर था….
वो घर में घुसा और सीधा अपने रूम मे चला गया…..बॅग नीचे पटका और बेड पर लेट कर गहरी साँसे लेने लगा….उसका ध्यान अभी भी वही था….लेटे-2 वो सोचते-2 कब नींद के आगोश में समा गया पता ही नही चला….उसकी मामी किरण रूम में आकर देखती है कि, विनय बेड पर लेटा सो रहा था….उसने अपने शूस भी नही उतारे थे…मामी ने उसके शूस उतारे और उसे ठीक से बेड पर लिटाया और सोचा जब उठेगा तब खाना खिला दूँगी….फिर उसकी मामी रूम से बाहर चली गयी….
जब शाम को विनय उठा तो, 5 बज चुके थे…..उसने देखा कि, वो आज स्कूल यूनिफॉर्म मे ही सो गया था….कपड़े चेंज करते हुए, उसे एक दम से याद आया कि, उस लड़के ने शाम को 6 बजे स्कूल मे बुलाया था….उसने कपड़े चेंज किए…और बाहर आया तो, उसे मामी ने आवाज़ देकर रोक लिया…..”विनय कहाँ जा रहा है…..”
विनय: वो मामी दोस्तो के साथ खेलने जा रहा हूँ…..
किरण: बेटा खाना खा ले पहले सुबह से नाश्ता किया हुआ है…..
विनय: ठीक है मामी जल्दी दो……
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