RE: Maa ki chudai मॉं की मस्ती
मनु समझ गया कि आरती भी अब उसकी रागड़ाई का फुल मज़ा ले रही है,फिर उसने अपना हाथ आगे करके अब अपनी उंगली अपनी माँ की चूत के पास ले गया,पर वहाँ से तो इतना पानी टपक रहा था जैसे की उसकी माँ ने वहाँ पर सूसू कर दिया हो,फिर मनु ने पहले तो अपनी उंगली को अपनी नाक के पास ला कर सूँघा,तो उसमें से इतनी मादक खुसबू आ रही थी कि वो मदहोश ही हो गया और वो उंगली उसने अपने मूह में ले ली और उसको चूसने लगा ,उसको अपनी मा की चूत के रस का स्वाद इतना अच्छा लगा कि वो फिर से अपनी उंगली को अपनी माँ की चूत के पास ले गया पर इस बार उसने अपनी 2 उंगलियाँ आरती की चूत में डाल दी,जैसे ही मनु की उंगली आरती की चूत में गयी वो तो बिल्कुल ही मदहोश हो गयी और ज़ोर-2 से सिसकारियाँ भरने लगी,और उसकी सिसकारियो से मनु को भी जोश बढ़ गया,फिर उसने वो उंगलियाँ अपनी माँ की चूत से निकाली और एक बार फिर से अपनी नाक के पास ले जा कर पहले उसको सूँघा और फिर उन उंगलियो को अपनी जीभ निकाल कर चाटना शुरू कर दिया,जिस तरह से वो चाट रहा था ऐसे लग रहा था कि वो चूत का रस ना हो कर अमृत हो.
अब आरती का ध्यान भी खाना बनाने पर ना हो कर अपनी चूत की आग पर ही था और वो भी कह रही थी कि अब मनु उसकी चूत की ठुकाई कर दे,तो उसने अपना हाथ पीछे करके मनु के लंड पर रख दिया,और फिर वो पीछे को घूम गयी अब आरती और मनु आमने-सामने थे,मनु का तना हुआ लंड आरती के हाथ में था और दोनो एक दूसरे को वासना भरी कामुक नज़रो से देख रहे थे
अब आरती और मनु मा और बेटा दोनो आमने सामने खड़े थे मनु का तना हुआ लंड उसकी माँ आरती के नरम हाथों मैं था,और वो अपने हाथ को धीरे-2 मनु के लंड पर फिरा रही थी,मनु का लंड आरती के हाथों के स्पर्श से और ज़्यादा तना जा रहा था.
फिर मनु ने अपनी माँ की चुचियो को गाउन के अंदर हाथ डाल कर पकड़ लिया और उनको दबाने लगा,आरती को भी अपनी चुचियाँ मसलवाने में मज़ा आ रहा था,वो भी अब मनु के हाथों से चुचियाँ मसलवाने में आनंद ले रही थी,फिर मनु ने अपने हाथों से अपनी मा की छोटी सी नाइटी को उतार फेंका अब आरती किचन में मनु के सामने बिल्कुल ही नंगी खड़ी थी,और मनु ने भी सिवाए टीशर्ट के कुछ भी नही पहना हुआ था.
अब मनु ने अपनी माँ की चुचि को अपने मूह में ले लिया और खड़ा-2 ही उसको चूसने लगा ,आरती भी मज़े में एक हाथ से तो उसके लंड को सहला रही थी,पर दूसरे हाथ से अपनी चुचि को दबा कर मनु के मूह में डाल रही थी,अब वो दोनो ही वासना के नशे में डूब गये थे,अब आरती को लग रहा था कि उसकी चूत को अब तो मनु के लंड की बहुत ही ज़्यादा ज़रूरत हुई नही तो वो सहन नही कर पाएगी,तो उसने मनु से कहा कि बेटा अब बस भी करो क्या इनको ही चूस्ते रहोगे ,और अपने एक हाथ से मनु का हाथ पकड़ा और अपनी बहती हुई चूत पर ले जा कर रख दिया और बोली -इसका भी कुछ ख़याल करो ना.
मनु समझ गया कि अब उसकी माँ चुदवाने के लिए गरम हो चुकी है अब उसको अपना लंड मा की चूत में डाल देना चाहिए ,तो उसने कहा कि माँ क्या यहीं कर लें क्या?
आरती ने कहा और नही तो क्या अब यहीं पर मुझे चोद दो मेरी चूत में अपना ये गरम लंड डाल कर इसकी गर्मी को शांत कर दो.
मनु ने कहा कि ठीक है और फिर उसने अपनी टीशर्ट भी उतार दी और अपनी माँ को आगे करके किचन में ही सेल्फ़ के साथ ले जा कर खड़ा कर दिया आरती समझ गयी वो तो पहले ही बहुत खेली-खाई हुई थी कि मनु क्या चाहता है ,तो उसने भी घूम कर अपने आपको सेल्फ़ के सहारे झुका कर खड़ा कर लिया ,और अपनी गान्ड को पीछे की तरफ फैला दिया,और टाँगें खोल दी,अब पोज़ीशन ये थी कि आरती की खुली हुई चूत मनु को निमंत्रण दे रही थी कि वो अपने लंड को उसमें डाल कर उसको चोद डाले.
मनु ने अपने लंड को हाथ में लिया और आगे बढ़ कर अपने लंड को अपनी माँ की चूत पर लगा दिया,उसकी चूत तो पहले ही रस के कारण चिकनी हो रही थी,इसलिए जैसे ही उसने धक्का लगाया तो उसका लंड सरक कर आरती की चूत में समा गया.
आरती ने जब महसूस किया कि मनु का लंड पूरे का पूरा उसकी चूत में घुस गया है तो उसको बड़ा मज़ा आया,और उसने एक बार हाथ पीछे ले जा कर देखा कि अब लंड बाहर तो नही है,जब उसने देखा कि पूरा लंड जा चुका है,तो उसने कहा कि मनु बेटा अब धक्के लगा कर मेरी चूत को जम कर चोदो,अब इसको चाहे फाड़ डालो मैं कुछ नही कहूँगी,पर इसकी आग को तुम शांत कर दो.
मनु बोला कि माँ तुम देखती जाओ अब मैं कैसे तुम्हारी चूत को चोद-2 कर इसका भोसड़ा बना दूँगा अब तो मैं सारे दिन और रात ही तुमको घर पर नंगा ही रख कर तुम्हारी चूत मारता रहूँगा,रमण भैया तो कभी-2 ही आएँगे अब मैं तुमको हर टाइम अपने लंड के नीचे ही रखूँगा.
आरती बोली ठीक है बेटा मैं भी अब घर में कपड़े नही पहनूँगी और जैसे तुम कहोगे वैसे ही रहूंगी,अगर तुम कहोगे तो मैं तुम्हारी रंडी बन जाउन्गि,मुझे तुम लोगों ने जो चुदाई का आनंद दिया है वो कभी भी नही मिला.
मनु ने जब अपनी माँ के मूह से ये सब सुना तो उसका जोश और ज़्यादा बढ़ गया-वो बोला ठीक है माँ अब में तुमको घर में अपनी रंडी की तरह से ही ट्रीट करूँगा और मैं जो भी कहूँगा तुम वो सब फॉलो करना.
आरती-ठीक है बेटा पर तुम अभी बातें कम करो और मेरी चुदाई पर ज़्यादा ध्यान दो.
ये कह कर आरती अपनी कमर को आगे-पीछे करने लगी और अब मनु ने भी अपने धक्को की रफ़्तार बढ़ा दी थी,उसको इस बात की बहुत ख़ुसी थी कि अब उसकी माँ पूरी तरह से उसकी मुट्ठी में थी,अब वो जब चाहे घर पर उसको चोद सकता था,और वो भी अपनी चूत की खुजली मिटाने के लिए जैसे मनु चाहे करने को तैयार थी.
कुछ ही देर में मनु ने कहा कि माँ अब में झड़ने वाला हूँ,तो आरती ने कहा कि ठीक है कुछ देर रूको तो मेरा भी तुम्हारे ही साथ निकल जाएगा,मनु ने कहा कि ठीक है माँ,मैं कोशिस करता हूँ,और अब उसने अपनी रफ़्तार कुछ कम कर दी,पर आरती वैसे ही अपनी कमर को हिलाती रही ,कुछ ही देर में आरती बोली कि मनु अब अपनी रफ़्तार फिर से बढ़ा दो अब मैं भी झड़ने के लिए तैयार हूँ.
ये सुन कर मनु ने भी अपनी रफ़्तार तेज़ कर दी,अब दोनो माँ-बेटे किचन में बहुत तेज़ी से चुदाई कर रहे थे और कुछ ही देर में दोनो जने साथ-2 झाड़ गये,झड़ने के बाद मनु ने अपना लंड अपनी माँ की चूत से बाहर निकाल लिया.
मनु के लंड को बाहर निकलते ही जैसे आरती की चूत का कॉर्क खुल गया और उसमें से दोनो के रस का मिक्स्चर बह कर बाहर आने लगा,आरती को अपनी जांघों पर कुछ रिस्ता हुआ लगा,तो उसने हाथ नीचे करके अपनी चूत पर लगाया,तो दोनो के रस का कॉकटेल उसकी उंगलियो पर लग गया,मनु ने ऐसा करते हुए देख लिया कि उसकी माँ की उंगलियो पर उसकी चूत का मिक्स्चर लगा हुआ है,तो उसने अपनी माँ का हाथ पकड़ कर उसको उसके ही मूह के पास ले गया,आरती समझ गयी कि मनु क्या चाहता है,वो मनु के इशारे को समझ गयी और उसने अपनी जीभ बाहर निकाल कर अपनी उंगलियो को चाटना शुरू कर दिया,वो बहुत ही सिड्यूसिव तरीके से अपनी ही उंगलियो को चाट रही थी,ये देख कर मनु के लंड में फिर से हरकत होने लगी,अब आरती ने अपनी उंगलियो को अपने मूह में ले लिया और वो उनको चूसने लगी.
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