RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
अबकी उसके यार को कोई जल्दी नही थी. जैसे किसी भूखे को बहोत दिनों के बाद खाना मिले और वह पहले तो खूब जल्दी जल्दी खाए और फिर एक एक नीवाले को मज़ा ले ले के खाए वही हालत उसके यार की हो रही थी.
वह कभी उसे चूमता, कभी उसकी रसीली किशोर चूंचियों को दबा के कस कस के रस लेता, कभी क्लिट छेड़ता. जल्द ही गुड्डी को उसने दीवानी बना दिया था और वह खुद चूतड़ उठा उठा के उसका साथ दे रही थी. थोड़ी देर तक इस तरह चोदने के बाद उसने गुड्डी की टाँग मोड़ के दोहरा कर दिया, और कंधा पकड़, लंड को पहले सुपाडे तक बाहर निकल के फिर एक झटके मे पूरी ताक़त से घुसाया और दो चार धक्कों मे जड़ तक पेल दिया.
बेचारी गुड्डी, अबकी वो चिल्ला भी नही सकती थी, क्योंकि उसने न सिर्फ़ उसके होंठ अपने होंठों के बीच दबा दिया था बल्कि अपनी जीभ भी उसके मूह मे घुसा रखी थी. वह गोंगिया कर के रह गयी. अब जब दुबारा उसने फिर उसी तरह
से कस के घुसेड़ा तो सुपाडा सीधे उसकी बच्चेदानी से टकराया और दर्द और मज़े से वो कराह उठी. अब तो धका पेल चुदाई शुरू हो गयी. कभी वो कस कस के जिन जवान रसीले उभारों के लिए अब तक पल पल तरसता था, उसे कचकचा के काट लेता. कभी क्लिट को मसल देता, कभी चूंचियों को खरोंच लेता. और गुड्डी भी पीछे नही थी. वह भी कस के अपने लाल नेल पलिश लगे लम्बे नाखूनों से, उसकी पीठ पे सीने पे कस के निकॉट रही थी, नीचे से चूतड़ उठा उठा के उसके धक्को का जवाब दे रही थी. पूरा लंड फिसल के बार अंदर बाहर हो रहा था. वो पॉज़ बदल बदल के चोद रहा था. उसकी कमसिन मुलायम छोटी छोटी चूंचियाँ पकड़ के कभी गोद मे बैठा के चोदता. कभी प्यार से, कभी कस के रगड़ के चोद्ता, और वो एक बार झाड़ चुका था तो घंटे भर रस ले के चोदने के बाद ही वो झाड़ा और गुड्डी तब तक कम से कम दो तीन बार झाड़ चुकी थी. बहोत देर तक दोनों ऐसे ही चिपके रहे पर जब अचानक अबकी गुड्डी की निगाह घड़ी पे पड़ी तो साढ़े पाँच बज रहे थे. उसने उसको हटाया. लंड बाहर निकलने के साथ ढेर सारा वीर्य गुड्डी की गोरी थकि जाँघो पे गिर पड़ा. चलने से पहले उसने कस के गुड्डी को अपनी बाहों मे भर के एक चुम्मा लिया. उसके जाते ही उसने किसी तरह अपनी स्कर्ट और टाप पहनी और बिस्तर पे लेट गयी.
जब मैं लौटी तो वो उसी तरह लेटी थी. जब मैने उसका टॉप उठाया तो उसके कुचले मसले जोबन देख के मुझसे नही रहा गया और मैने उसके निपल चूम लिए. उसने आँखे खोल दी. " हे, लगता है यार ने कस के चोदा है"
बिना कुछ बोले वो मुस्करा दी. उसकी थकि थकि मुस्कान ही सारी कहानी कह रही थी. मैने उसका स्कर्ट जब उठाने की कोशिश की तो उसने रोकना चाहा,पर वो इत्ति थकि थी कि मैने एक झटके मे स्कर्ट उठा दी. ताजी चुदि बुर को देखने का अपना अलग ही मज़ा है. लंड के धक्के खा खाकर, उसकी चूत लाल हो गयी थी. पपोटे थोड़े खुले थे और हल्की छोटी झान्टो के बीच सफेद गाढ़ा वीर्य लगा था. मैने एक उंगली से उसकी चूत फैलाई और थोड़ी सी उंगली अंदर डाल दी और हल्के हल्के अंदर बाहर करने लगी.
" हे भाभी क्या कर रही है.म प्लीज़ निकाल लीजिए ना" वो बोली.
" साली छिनार, अभी यार का लौंडा हँस हँस के घोंट रही थी, और अब ज़रा सी उंगली से चिहुंक रही है." मुस्करा के मैं बोली. वो भी मुस्कराने लगी.
" क्यों कित्ता बड़ा, कित्ता मोटा था." मैने पूछा.
" मोटा था और लंबा भी." हँस के वो बोली. तभी मुझे याद आया कि लौटते हुए मैं सब्जी भी ले आई थी और उसमे एक सफेद पतला बैंगन भी था. उसे निकाल के उसे दिखाते हुए मैने पूछा, " क्यों, ऐसा था क्या."
" हाँ भाभी लेकिन थोड़ा मोटा ज़्यादा था." वो बोली.
मैने बैगन को उसकी बुर के मूह पे लगा दिया और थोड़ा सा ज़ोर लगा के उसे अंदर घुसेड दिया. वह चिहुन्कने लगी.
" चल मैं तुझे बताती हू तेरे भैया कम सैयाँ कैसे चोदते है." और ये कह के मैने उसकी टाँगें चौड़ीं की और बीच मे बैठ के बैगान थोड़ा और घुसेड़ा और कभी गोल गोल घुमा के, कभी अंदर बाहर कर के चोदने लगी. मैं दूसरे हाथ से उसका निपल और क्लिट भी छेड़ रही थी. फिर अचानक एक बार मैने बाहर निकाल के, एक बार मे ही पूरा अंदर धकेल दिया.
" उई", वह चीख पड़ी.
" अरे साली अभी कह रही थी कि तेरे यार का इससे भी मोटा था और हँस हँस कर दो बार चुदवाया तो इस पतले बैगान से क्यों छिनलापना दिखा रही है. घोंट चुपचाप,अरे अभी तो तुझे मोटा केला घुटवाउन्गा. तब जाके राजीव का घोंट पाओगि. उनका तो इस से दुगना मोटा है और क्या ताक़त से चोदते है." अब मैं हचक के पूरी स्पीड से चोद रही थी. थोड़ी ही देर मे मुझे लगा कि वह झड़ने के कगार पे पहुँच गयी है तो मैं रुक गयी .उसका गाल सहला के पुचकार के कहने लगी,
" हे एक बार राजीव से चुदवा ले ना तो असली मज़ा मिलेगा चुदाई का, अरे मैं कहती हू शादी के पहले और बाद मे भी मैने बहुतों से चुदवाया लेकिन जो मज़ा उनसे चुदवाने का मिलता है ना और एक बार उनका लंड घोंट लेगी ना तो फिर और.... तुम लोगि कि तो पुरानी यारी भी है"
" धत्त भाभी" शरमा के वो बोली.पर उसके खड़े निपल बता रहे थे कि उसे कित्ता मज़ा आ रहा है.
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