RE: Nanad ki training--ननद की ट्रैनिंग
मेरी बुर मे लंड डाले डाले वो मुझे उठा कर पलंग पे ले गये और वहाँ लेटा
कर बोला,
" अरे पहले अपनी बुर का भोसडा बनवा लो, और गान्ड मरवा लो फिर मेरी बहन
के चक्कर मे पड़ना."
और मेरी टाँग मोड़ कर मुझे दुहरा कर , सुपाडे तक लंड निकाल कर उन्होने वो
करारा धक्का मारा, मेरी बच्चेदानी पर वो जबरदस्त चोट पड़ी कि मैं सिहर
उठी.
अब उन्होने वो धक्का पेल चुदाई शुरू की, कि मेरी ऐसी की तैसी हो गयी. कभी कस
कस के वो मेरी दोनों चुचियों को एक साथ रगड़ते, कभी चूंची पकड़ के
सुपाडे तक अपना मूसल जैसा लंड बाहर निकाल कर एक धक्के मे पूरा अंदर
घुसेड देते. जब उन्होने मेरे एक निपल को मूह मे ले कस के चूसना शुरू किया,
दूसरे कड़े उत्तेजित निपल को पूरी ताक़त से अपनी उंगलियों के बीच ले मसलना
शुरू किया और दूसरे अंगूठे से मेरी क्लिट वो रगड़ने लगे तो मैं मारे मस्ती
के कस कस के चूतड़ पटकने लगी.
मैने कस कस के उनको अपनी बाहों मे भींच लिया और अपने लंबे नाख़ून
उनके चौड़े कंधों पर दबाने लगी. जोश मे मैं भी अपनी बुर उनके मोटे
लंड पर भीच रही थी और उनके हर धक्के का जवाब धक्के से दे रही थी. अब
वो भी कभी मेरी बड़ी बड़ी रसीली चूंचिया मूह मे लेकर कस के काट लेते,
कभी गुलाबी गालों पर दाँतों को गढ़ाकर निशान बना देते
" उईई..क्या करते हो ये निशान शादी तक नही छूटेंगे मेरी सारी ननदे
मुझे चिढ़ाएँगी."
" अरे यही तो मैं चाहता हू जानम, सब को मालूम हो कि सैया के साथ रजैईया
मे क्या हुआ और फिर जब चुदवाने मे शरम नही तो निशान दिखाने मे कैसी
शरम" और यह कह के उन्होने एक बार फिर कस के मेरी चूंची के उपरी हिस्से
पे और कस के काट लिया, जो मेरी लो कट चोली मे एकदम साफ दिखता. फिर तो
आसन बदल बदल के, कभी मुझे अपने उपर लेके, कभी गोद मे बैठा के, कभी
मेरी जांघे पूरी तरह फैला के, क्लिट को मसलते रगड़ते, उन्होने इस तरह चोदा
जब हम झाडे तो थक कर चूर हो गये थे और मेरी चूत मे लंड डाले डाले ही
वो सो गये.
सुबह जब भोर की पहली किरण ने मेरे गुलाबी गाल पे चिकोटी काट के मुझे जगाया,
तो मैने देखा कि मेरे सैया का शिश्न एक बार फिर मेरी रात भर की चुदि
गुलाबी बुर मे, कस के खड़ा हो गया है. मैने उनके होंठों पे हल्के से
चुम्मि ली और धीरे से अपनी चूत को उनके तन्नाए लंड पे भींचा. बस, सोए
सोए ही उन्होने अपनी कमर हिलानी चालू कर दी और बगल मे लेटे लेटे ही चुदाई
शुरू कर दी. मैने भी टाँग उठा कर उनकी कमर पे रख दी. और धक्को का जवाब
धक्कों से देना चालू कर दिया. वह मेरी चूंची पकड़ कस के धक्के लगा
रहे थे और मैं उनकी कमर पकड़ कस कस के जवाब दे रही थी.
" हे जल्दी करो सबेरा हो गया है, और अभी तुम्हारी नयी छोटी साली से मिलना है
अरे, कुछ अपनी साली के लिए तो बचा के रखो" साली का नाम सुनते ही उन्हे
दुहरा जोश आ गया और मेरी कमर पकड़ के कस कस के मेरा योनि मंथन
करने लगे. कभी पूरा लंड अंदर किए किए, गोल गोल घुमाते, कभी सुपाडे तक
बाहर निकाल के पूरा एक धक्के मे अंदर पेल देते.
" साली का नाम सुन के बहुत जोश आ गया साली की सहेली मेरी ननद साली की याद"
मेरी बात काट के उन्होने मुझे नीचे लिटा दिया और मेरी दोनो लंबी टाँगे अपने
मजबूत मस्क्युलर कंधों पर रख ली. सुबह की सुनहरी धूप उनके चेहरे
और काले बालो मे खेल रही थी और चौड़े सीने पे फैली थी. उन्होने मेरी कोमल
कलाईयों को कस के पकड़ के इत्ति ज़ोर का धक्का मारा कि, पहले ही धक्के मे
मेरी चार चूड़िया टूट गयी. सीधे उनका सुपाडा जाकर मेरी बच्चेदानी से
टकराया. उनके हर धक्के के साथ मेरा जोश भी बढ़ रहा था. कुछ देर बाद
उन्होने मेरी पतली कमर पकड़, सतसट, सतसट पूरी तेज़ी के साथ.जैसे कोई पिस्टन
फुल स्पीड के साथ अंदर बाहर जा रहा हो मेरी चूंचिया उनके चौड़े सीने
से दबी, मसली जा रही थी और मेरे नाख़ून भी उनके कंधे मे पैबस्त थे.
मेरी दोनो टाँगे उनकी कमर मे लिपटी थी और मेरे चूतड़ भी पूरी तरह उछल
उछल उनके धक्के का जवाब दे रहे थे. हम दोनो कगार पे थे. मेरी एक हाथ
की उंगली उनके नितंबो के बीच छेड़ छाड़ कर रही थी. मेरी चूत कस कस के
उनका लंड भीच रही थी. तभी मेरी आँखे मूंदनी शुरू हो गयी और मेरा
आरगेज्म चालू हो गया. अपने आप मेरी उंगली उनकी गुदा मे घुस के लगता
है उनकी किसी जगह को छू लिया और.वो भी झड़ना शुरू हो गये. एक के बाद एक लहर
आ रही थी थोड़ी देर बाद जाकर वो रुके. तभी मैने ध्यान दिया कि बाहर खट
खट हो रही थी.
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