RE: Hindi Sex काले जादू की दुनिया
करण किसी फूल का पीछा करते भंवरे की तरह नंगा ही निशा के पीछे चल पड़ा. नीचे निशा कुछ सन्तरो को छील कर उनका जूस निकालने मे व्यस्त थी. करण चुपके से जाकर पीछे से निशा के मोटे मोटे दूध को दबोच लिया और उन्हे बेदर्दी से मसल्ने लगा और बोला, “जानेमन मुझे तो तुम्हारे ये वाला मिल्क चाहिए...” उसने निशा की नंगी पीठ पर होठ रख दिए और उन्हे अपनी थूक से गीला करने लगा.
इतनी बेरहमी से चुचि मसले जाने से निशा कराह उठी पर वो भी अब गरम होने लगी थी. “मेरी चुचियो के दूध पीने के लिए तो तुम्हे 9 महीने इंतेज़ार करना पड़ेगा जब मैं तुम्हारे बच्चे की माँ बानूँगी..” उसने अपने सर को पीछे झटकते हुए कहा.
करण धीरे धीरे अपना हाथ को नीचे ले जाकर नाइटी के अंदर से निशा के नंगे गोरे गोरे गदराए चूतड़ को दबोच लिया और बेरहमी से उन्हे मसल्ने लगा. उसके तगड़ा लॉडा खड़ा हो कर निशा की चूतड़ के दरार मे घुस कर उसे दस्तक दे रहा था.
“करण अभी अभी तो तुमने मुझे पेला था....पर देखो तुम्हारा लॉडा फिर खड़ा हो गया है...आख़िर तुम्हारा लॉडा कितनी बार मेरी चूत का पानी पिएगा...” निशा ने मादकता के कहा और हाथ पीछे ले जाकर करण का हलब्बी को सहलाने लगी.
“तुम्हारी चूत भी तो पानी छोड़ रही है जानू...क्या इसे भी मेरा मोटा लंड अपने अंदर चाहिए...” करण हाथ नीचे ले जाकर नाइटी के अंदर से निशा की चूत मे उंगली पेलने लगा. चूत से पिच्छली चुदाई के कारण का वीर्य अभी भी टपक रहा था. अभी अभी निशा की कुवारि चूत करण के मोटे लौडे से चुदि थी लेकिन वो अभी भी इतनी टाइट थी कि करण की कन्नी उंगली ही अंदर जा पा रही थी.
“प्लीज़ करण अभी मत करो और मुझे मिल्क शेक बनाने दो...” निशा झूठ मूठ का विरोध कर रही थी क्यूकी उसकी हथेलिया अभी अभी करण के मोटे लंड को सहलाए जा रही थी.
करण सब समझ रहा था, उसने तुरंत हाथ आगे बढ़ा कर निशा की नाइटी खोल दी जो उसके चिकने जिस्म पर सरक्ति हुई नीचे जा गिरी.
“लो...तुमने तो मुझे फिर नंगी कर दिया...अब क्या मुझे दोबारा पेलने का इरादा है..” निशा अब ज़ोर ज़ोर से करण के लंड को मुठिया रही थी.
निशा ने करण का सख़्त खड़ा हुआ लॉडा अपनी पनियाई बर सेट कर दिया. फिर करण ने निशा को किचन के शेल्फ पर झुका दिया और एक तगड़ा झटका मारा, उसका मोटा लंड जैसे गरम चाकू मक्खन को चीरता है वैसे ही गच्च से अंदर घुस गया और तब तक घुसता रहा जब तक कि उसकी झान्टो का मिलन निशा की झान्टो से ना हो गया.
“अहह.....उम्म्म....मज़ा आ गया....” निशा सिसकिया लेती हुए बोली. उसने किचन के शेल्फ पर हाथ रख लिए और पीछे से उसकी चूत मे घुसते करण के लंड का मज़ा लेने लगी.
पहले से ही निशा की चूत, करण के वीर्य से भरी हुई थी इसलिए अब सटा सॅट लंड चूत की गहराइयो मे घुस रहा था. करण ने हाथ आगे बढ़ा कर निशा की झूलती हुई चूचियो को थाम लिया और किसी गाय की तरह उसके स्तन को दूह ने लगा. फॅक फॅक की आवाज़ें पूरे किचन मे गूँज रही थी.
करीब आधा घंटा करण निशा को उसी आसन मे रोन्द्ता रहा और फिर अपने अंडकोष मे जमे वीर्य से निशा की चूत फिर से भर दी. इस बीच निशा चार बार अपने चूत से पानी निकाल चुकी थी. दोनो इतनी घमासान चुदाई के बाद थकान से चूर पसीने पसीने हो गये थे.
दोनो वापस उपर बेडरूम मे जाकर नंगे ही एक दूसरे की बाँहो मे लेट गये. निशा ने अपनी चूत पर नज़र डाली तो वो पूरा सूज चुकी थी. “देखो तुम्हारे इस हलब्बी लंड ने मेरी प्यारी सी कुवारि चूत की क्या हालत बना दी है....दो चुदाई मे ही यह सौ बार चुदे हुए भोस्डे की तरह लग रही है...” निशा अपनी चूत की फांके फैलाते हुए बोली.
“क्यू तुम्हे मज़ा नही आया...” करण निशा की चूत मे उंगली करते हुए बोला.
“अब प्लीज़ और उंगली मत करो...मेरे जिस्म मे अब और चुदाई करने की जान नही बची है....अब देखो तुमने मेरी चूत को अपने वीर्य से इतना भर दिया है कि वो ओवरफ्लो होकर मेरी गान्ड मे घुस रहा है....इतने वीर्य से तो मैण पक्का प्रेग्नेंट हो जाउन्गि...” निशा अपनी चूत से बहती करण के वीर्य की धार को किसी भी तरह वापस अपनी चूत मे भरने की कोशिश कर रही थी पर चूत पहले से ही पूरी लबालब वीर्य से भरी थी इसलिए उसने बाहर टपकती हुई वीर्य की धार को अपने मूह मे लेकर पी गयी.
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